जांच के चलते Coinbase के शेयर की कीमत आई गिरावट

SEC यह तय करने के लिए जांच करेगा कि क्या एक्सचेंज ने अपने कस्टमर्स को ऐसे डिजिटल एसेट्स में ट्रेड करने की सुविधा दी थी जिन्हें सिक्योरिटीज के तौर पर रजिस्टर्ड कराना चाहिए था

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SEC की एन्फोर्समेंट यूनिट यह जांच करेगी

बड़े क्रिप्टो एक्सचेंजों में से एक Coinbase के शेयर प्राइस में अमेरिकी रेगुलेटर की ओर से एक्सचेंज की जांच करने के फैसले के बाद लगभग 21 प्रतिशत की गिरावट आई है. सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) यह तय करने के लिए जांच करेगा कि क्या एक्सचेंज ने अपने कस्टमर्स को ऐसे डिजिटल एसेट्स में ट्रेड करने की सुविधा दी थी जिन्हें सिक्योरिटीज के तौर पर रजिस्टर्ड कराना चाहिए था. 

Coinbase ने ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध टोकन्स की संख्या बढ़ाई है और इसके बाद से SEC ने एक्सचेंज की स्क्रूटनी बढ़ा दी है. पिछले सप्ताह Coinbase ने SEC को पत्र लिखकर इस बारे में जानकारी मांगी थी कि कौन से एसेट्स को सिक्योरिटीज माना जाता है. पिछले वर्ष एक्सचेंज का IPO आया था और उसके बाद से इसके शेयर का प्राइस 84 प्रतिशत से अधिक गिरा है. Bitcoin और Ether के प्राइसेज में पिछले कुछ महीनों से गिरावट के कारण Coinbase का शेयर कमजोर हुआ है. एक्सचेंज की जांच से शेयर के प्राइस में काफी गिरावट आ सकती है. 

हाल ही में एक्सचेंज के प्रवक्ता ने कहा था कि Coinbase के प्लेटफॉर्म पर सिक्योरिटीज की लिस्टिंग नहीं होती. Bloomberg की एक रिपोर्ट में इस मामले की जानकारी रखने वाले लोगों के हवाले से बताया गया है कि SEC की एन्फोर्समेंट यूनिट यह जांच करेगी. क्रिप्टो मार्केट में बड़ी गिरावट के कारण Coinbase ने पिछले महीने अपनी वर्कफोर्स को 18 प्रतिशत घटाने की जानकारी दी थी. अमेरिका में हेडक्वार्टर रखने वाली एक्सचेंज ने कहा था कि इंडस्ट्री के इस मुश्किल दौर में उसने कॉस्ट में कमी करने के लिए यह कदम उठाया है. 

इस फैसले से एक्सचेंज के 1,000 से अधिक एंप्लॉयीज की छंटनी होने का अनुमान है. Coinbase के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर Brian Armstrong ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा था, "हमारी टीम के साइज को लगभग 18 प्रतिशत कम करने का मुश्किल फैसला लिया गया है. इससे इकोनॉमिक स्लोडाउन के दौरान फर्म की मजबूत स्थिति को पक्का किया जा सकेगा." उन्होंने एक्सचेंज के लिए हायरिंग की जिम्मेदारी लेते हुए कहा था कि पिछले कुछ महीनों में बहुत से लोगों को रिक्रूट किया गया था और इससे फर्म की एफिशिएंसी पर असर पड़ रहा है. एक्सचेंज ने हटाए जा रहे एंप्लॉयीज को सेवरेंस पैकेज और हेल्थ इंश्योरेंस उपलब्ध कराने का दावा किया था. 

 

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