बिटकॉइन को लीगल टेंडर घोषित करने के पक्ष में 37% लोग

लगभग 37 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे सरकार को पूरा समर्थन करेंगे, अगर सरकार बिटकॉइन या दूसरे किसी एसेट को ऑफिशिअल पेमेंट ऑप्शन के रूप में लागू करती है

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37 प्रतिशत लोग बिटकॉइन को लीगल टेंडर के रूप में देश में देखना चाहते हैं

Crypto मार्केट की अस्थिरता लोगों  का विश्वास इसमें से नहीं डगमगा पा रही है. एक हालिया सर्वे बताता है कि लोग ये रिस्क उठाने के लिए तैयार हैं. एक ब्रिटिश न्यूजपेपर ने हाल ही में एक सर्वे किया, जिसमें पाया गया कि 37 प्रतिशत लोग क्रिप्टोकरेंसी को अपने देश में कानूनी दर्जा दिलवाने के पक्ष में हैं. यानि कि 37 प्रतिशत डिजिटल करेंसी को लीगल टेंडर के रूप में घोषित होते देखना चाहते हैं. इसके अलावा लोग अपने देश की सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) को भी लॉन्च होते देखना चाहते हैं. सर्वे में पाया गया है कि 37% लोग चाहते हैं कि वहां की सरकार CBDC जैसा फाइनेंशिअल प्रोडक्ट लॉन्च करे. 

पॉपुलर ब्रिटिश न्यूजपेपर- The Economist ने 3 हजार लोगों पर एक सर्वे किया. ये सभी लोग विकसित अर्थव्यवस्था वाले देशों में से लिए गए थे जिसमें अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, साउथ कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर शामिल थे. इसके साथ ही इसमें कुछ देश ऐसे थी जिनमें विकासशील  अर्थव्यवस्था देखने को मिलती है जैसे- ब्राजील, तुर्की, वियतनाम, साउथ अफ्रीका और फिलीपीन्स. ये सर्वे इसलिए किया गया ताकि इन देशों में क्रिप्टोकरेंसी इंडस्ट्री के लिए लोगों की धारणा के बारे में पता लगाया जा सके. 

लगभग 37 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे सरकार को पूरा समर्थन करेंगे, अगर सरकार बिटकॉइन या दूसरे किसी एसेट को ऑफिशिअल पेमेंट ऑप्शन के रूप में लागू करती हैं. इस सर्वे में 43 प्रतिशत लोगों ने कोई राय नहीं दी और वे न्यूट्रल बने रहे. जबकि 18 प्रतिशत ने कहा कि वे ऐसे किसी कदम का समर्थन नहीं करेंगे.  

देश की सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी लॉन्च करने के बारे में भी लोगों का यही प्रतिशत सामने आया. लगभग 37 प्रतिशत लोगों ने कहा कि सरकार को देश की सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी को लॉन्च करना चाहिए. जबकि 19 प्रतिशत लोगों ने इसके विरोध में वोट देते हुए कहा कि यह सरकार की एक गलती होगी. 

सर्वे में नॉन फंजीबल टोकन के बारे में भी राय ली गई. इसके लिए 60 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वो नॉन फंजीबल टोकनों को खरीदने में रुचि रखते हैं, उन्हें बेचना चाहते हैं या होल्ड करके रखना चाहत हैं. इसके अलावा 7 प्रतिशत ऐसे लोग थे जो इसके विरोध में थे. यह कहा जा सकता है कि कोविड 19 महामारी ने पेमेंटे नेटवर्क में काफी बदलाव किया और बहुत से लोग अब कैश की बजाय डिजिटल पेमेंट में शिफ्ट हुए हैं. इस सर्वे के नतीजे बताते हैं कि 18 प्रतिशत लोग अगले एक या दो साल में देश में कैशलेस पेमेंट सिस्टम देखना चाहते हैं. 

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