उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के एक अस्पताल में भर्ती दलित तेजाब हमला पीड़ित महिला के परिजनों ने स्थानीय पुलिस पर मामले को रफा-दफा करने की कोशिश करने का आरोप लगाया है. हालांकि, पुलिस ने पीड़िता के परिजनों के इन आरोपों का खंडन किया है.
अधिकारियों के मुताबिक, उक्त महिला ने पांच अक्टूबर को पुलिस से शिकायत की थी कि पुरानी राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के चलते छह लोगों ने उसके चेहरे और हाथ पर तेजाब फेंक दिया है.
उन्होंने बताया कि शिकायत के आधार पर पुलिस ने दीपू, भीष्म, राहुल और तीन अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है.
संभल के पुलिस अधीक्षक चक्रेश मिश्रा ने बताया की पांच अक्टूबर को एचोंडा कबोह थाना क्षेत्र के मड़ावली रसूलपुर गांव की रहने वाली एक महिला (45) ने अपने ऊपर तेजाब हमला किए जाने की शिकायत की, जिसके बाद पुलिस ने तुरंत मौका मुआयना किया और दीपू, भीष्म, राहुल व तीन अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की.
मिश्रा के अनुसार, उक्त महिला का चिकित्सकीय परीक्षण कराया गया, जिस दौरान डॉक्टर ने बताया कि महिला के शरीर पर मौजूद जख्म और जलने के निशान तेजाब हमले के न होकर बिजली के झटके के हैं.
मिश्रा के मुताबिक, जांच में यह भी पाया गया उक्त महिला गन्ने के खेत में काम कर रही थी, तभी बिजली का तार टूटकर गिर गया और उससे फसल में आ लग गई, जिससे महिला झुलस गई.
उन्होंने बताया, “खेत में जली हुई फसल मिली है. इसके अलावा, आरोपियों ने पीड़िता के दो बेटों और पति के खिलाफ तेजाब हमले के मामले दर्ज करा रखे हैं. इन सभी बातों के मद्देनजर ऐसा प्रतीत होता है कि पीड़िता की शिकायत झूठी थी और हमने इस मुकदमे को खत्म करने की कार्यवाही शुरू कर दी है.”
हालांकि, पीड़िता के बड़े बेटे मनोज कुमार ने आरोप लगाया है, 'पुलिस मेरी मां पर तेजाब फेंकने वाले आरोपियों का साथ दे रही है. अधिकारी यह कहकर मामले को रफा-दफा करने की कोशिश कर रहे हैं कि मेरी मां पर तेजाब नहीं फेंका गया था, जो पूरी तरह से झूठ है.'