दिल्ली में सुरेंद्र सोलंकी की हत्या के आरोपी नाबालिग सहित दो गिरफ्तार

नाबालिग आरोपी अप्रैल महीने में दिल्ली के बिंदापुर इलाके में हुई सुरेंद्र सोलंकी की हत्या में शामिल था

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प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अप्रैल के महीने में दिल्ली के बिंदापुर थाना इलाके के मटियाला रोड पर हुई सुरेंद्र सोलंकी की हत्या के मामले में फरार नाबालिग समेत पंकज नाम के शख्स को गिरफ्तार किया है. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को एक गुप्त सूचना मिली थी कि यह बदमाश दिल्ली में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में है और दिल्ली के सफदरजंग एनक्लेव इलाके में आने वाले हैं. दिल्ली पुलिस ने ट्रैप लगाया और जब इन बदमाशों को देखा तो इनको रोकने की कोशिश की लेकिन अपने आप को फंसा देखकर बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग कर दी. इससे दो गोलियां पुलिस के जवानों की बुलेटप्रूफ जैकेट पर लगीं. 

बदमाशों की ओर से की गई फायरिंग के चलते पुलिस को भी मजबूरन फायरिंग करना पड़ी और आखिरकार कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने उनको दबोच लिया. पुलिस को उनके पास से विदेशी जिगाना और टौरस पिस्टल बरामद हुई. 

पुलिस के मुताबिक इन दोनों बदमाशों में से एक शख्स बालिग है जिसका नाम पंकज है जबकि दूसरा नाबालिग बताया जा रहा है. उसकी उम्र की जांच की जा रही है.

नाबालिग आरोपी अप्रैल के महीने में दिल्ली के बिंदापुर इलाके में हुई सुरेंद्र सोलंकी की हत्या में शामिल था. वह वारदात के बाद से फरार चल रहा था. आपको बता दें कि अप्रैल के महीने में सुरेंद्र सोलंकी की उन्ही के ऑफिस में  बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी जिसके सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया था.

पुलिस के मुताबिक उसके पास से बरामद जिगाना और टौरस पिस्टल का इस्तेमाल सुरेंद्र सोलंकी की हत्या में हुआ था.

दिल्ली पुलिस के मुताबिक लॉरेंस बिश्नोई सिंडिकेट से अब कपिल सांगवान उर्फ नंदू भी जुड़ गया है. नाबालिग शख्स कपिल सांगवान गैंग का सदस्य है जबकि पंकज लॉरेंस बिश्नोई गैंग का सदस्य है.  

पुलिस के मुताबिक ये दोनों नीरज बवाना गैंग के एक नामी गैंगस्टर की हत्या का प्लान बना रहे थे जिसके चलते वे दिल्ली आए थे. क्राइम के कार्पोरेट कल्चर के हिसाब से बदमाश गिरोह के अन्य सदस्यों से मिलकर हथियार और वारदात में इस्तेमाल होने वाली चीजें जुटा रहे थे. दरअसल गैंगस्टर्स कोडवर्ड से अपना सिंडिकेट चलाते हैं. किसी भी वारदात को अंजाम देने या फिर गिरोह के किसी भी शख्स से मुलाकात करने में कोडवर्ड का इस्तेमाल किया जाता है.

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बहरहाल पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती विदेश में बैठे गैंगस्टर्स को पकड़ने की है. आपको बता दें कि जिगाना पिस्टल का इस्तेमाल अतीक अहमद हत्याकांड में भी किया गया था. पुलिस हर पहलू से मामले की तफ्तीश करने में जुटी हुई है.

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