मुंबई पुलिस ने फेक डॉक्युमेंट्स दिखाकर यूके का विजिट वीसा हासिल करने के मामले में बड़ी कार्रवाई की है. इस मामले में 7 स्टूडेंट्स और एक एजेंट को गिरफ्तार किया गया है. बताया जा रहा है कि हर स्टूडेंट्स से एजेंट ने 20-20 लाख रुपये लिए थे. मुंबई छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर मुंबई पुलिस ने जांच के दौरान 7 स्टूडेंट्स जो जेद्दाह होते हुए लंदन जा रहे थे, उनसे पूछताछ की.
फेक डॉक्यूमेंट्स पर हासिल किया वीजा
इस पूछताछ में पता चला कि इन स्टूडेंट्स ने फेक इन्फॉर्मेशन और डॉक्युमेंट्स में आधार पर वीजा बनवाया और ऐसा करने के लिए एजेंट ने इनसे 20- 20 लाख रुपये लिए. इसी मामले में पुलिस ने 8 लोगों को गिरफ्तार किया है और आगे की जांच मुंबई क्राइम ब्रांच कर रही है. दरअसल ये मामला 9 मार्च की रात का है, जब ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन में ड्यूटी पर तैनात पुलिस जवान विदेश जाने वाले कई यात्रियों के डॉक्युमेंट्स, टिकट, पासपोर्ट, और वीजा की जांच कर रहे थे. इस दौरान दो स्टूडेंट इमिग्रेशन की जांच करने के चेकिंग काउंटर पर पहुंचे.
जेद्दाह के रास्ते जा रहे थे लंदन
जब जांच के लिए जब उनका बोर्डिंग पास देखा गया तो पता चला कि वे दोनों जेद्दाह से होते हुए लंदन जा रहे हैं. जब उनसे लंदन जाने की वजह पूछी गई तो दोनों ने खुद को स्टूडेंट बताया और कहा कि वे दोनों हरियाणा के हिसार स्थित ओम स्टर्लिंग ग्लोबल यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट हैं. साथ ही उन्होंने ये भी दावा किया कि वे लंदन स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम अटेंड करने जा रहे हैं और यह भी कहा कि यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर विजेंदर प्रेमचंद भी उनके साथ हैं.
पुलिस को स्टूडेंट्स पर कैसे हुआ शक
पुलिस स्टाफ द्वारा जब इन दोनों से पूछा कि उस यूनिवर्सिटी में वे क्या पढ़ाई करते हैं और लंदन की किस यूनिवर्सिटी में समिट के लिए जा रहे हैं. इन दो सवाल पर दोनों ने ठीक से जवाब नही दिया. शक होने पर दोनों को आगे की वेरिफिकेशन और जांच के लिए विंग इंचार्ज सामने पेश किया. इसी दौरान 5 और स्टूडेंट इमिग्रेशन काउंटर पर पहुंचे और हर किसी ने खुद को "ओम स्टर्लिंग ग्लोबल यूनिवर्सिटी" का स्टूडेंट बताया और दावा किया कि वे लंदन "स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम अटेंड" करने जा रहे हैं. जिसके बाद और अधिकारी वहां पहुंचे और विजेंदर से पूछताछ करनी शुरू की.
स्टूडेंट्स ने पुलिस को क्या कुछ बताया
इस पूछताछ में उन्होंने दावा किया कि उसकी यूनिवर्सिटी के दो प्रोफेसर ने उसे ऐसा करने को कहा और यह बताया कि वो इन सभी स्टूडेंट्स और बिट्टा नाम के एजेंट से दिल्ली के एक होटल में मिला था. दिल्ली में उसने सभी को UK भेजने का आश्वासन दिया और वीज़ा के लिए हर एक से 20 लाख रुपये मांगे और जब स्टूडेंट्स में पैसे देने की तैयारी दिखाई उसके बाद इस (बिट्टा) एजेंट ने सभी को "ओम स्टर्लिंग ग्लोबल यूनिवर्सिटी" का स्टूडेंट होने का बोगस डॉक्युमेंट्स बनवाया और उनका UK का विजिट वीजा बनवाया.
इस मामले में मुम्बई की सहार पुलिस ने 8 यात्रियों के खिलाफ इंडियन पासपोर्ट एक्ट की धारा 12 और BNS की धारा 143, 318(4), 336(2), 336(3) और 340 (2) के तहत FIR दर्ज की और मामले को आगे की जांच के लिए क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दिया गया.