महंगे कपड़ों-मोबाइल की शौकीन थी मुस्कान, बेटी का नहीं रखती थी ख्याल... दोस्त अक्षय ने किया खुलासा

Meerut Murder Case : सौरभ राजपूत के बचपन के दोस्त अक्षय अग्रवाल ने बताया है कि कैसे मुस्कान से सौरभ की शादी हुई और मुस्कान ने उसे परिवार से दूर कर दिया. वह अकेला रह गया. उसकी आर्थिक स्थिति खराब हो गई. वह अपना दर्द भी किसी से नहीं कह पाता था. आखिरकार हैवानियत की हद पार हो गई और उसकी जान ले ली गई.

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सौरभ राजपूत मर्डर केस : बाएं मुस्कान और सौरभ, दाएं सौरभ राजपूत के दोस्त अक्षय अग्रवाल

मेरठ में सौरभ राजपूत हत्याकांड को लेकर रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं. अब सौरभ राजपूत के बचपन के दोस्त अक्षय अग्रवाल ने इस पूरे मामले पर अपनी राय रखी है और बताया कि कैसे उनका दोस्त एक ट्रैप में फंसा और जान से हाथ धो बैठा. अक्षय अग्रवाल ने बताया कि मुझे कुछ भी कह लें पड़ोसी या बचपन का दोस्त. जब मुझे सौरभ के मर्डर के बारे में पता चला तो उस समय मैं ड्राइव कर रहा था. ये सुनते ही मेरा दिल घबरा गया और मुझे पसीना आ गया. मुझे तो विश्वास ही नहीं हुआ कि सौरभ के साथ ऐसा हो सकता है. मेरा मन और विचलित हो गया जब मुझे पता चला कि उसके 15 टुकड़े कर दिए  गए हैं. सच हैवानियत की हद है.

मुस्कान से 1 साल की रिलेशनशिप में ही सौरभ ने शादी कर ली थी

मुस्कान ने सौरभ की मुलाकात को लेकर अक्षय ने कहा कि दोनों की दोस्ती बहुत पुरानी नहीं थी. 2016 में शादी से एक साल पहले ही मुस्कान से सौरभ मिला था. उनका एक साल अफेयर चला और फिर सौरभ ने मुस्कान से शादी कर ली. मुस्कान सुंदर थी, तो सौरभ उसे बहुत पसंद करता था, प्यार करता था, लेकिन मैं जानता हूं कि डे वन से ही मुस्कान की नजर सौरभ के पैसों पर थी. दरअसल सौरभ बढ़िया बाइक रखना, पैसा खर्च करना, मौजमस्ती करना... खुशमिजाज था वो. 

(सौरभ राजपूत और वो प्लास्टिक का ड्रम जिसमें उनके शव के टुकड़े रखे गए)

मुस्कान ने सौरभ को उसके परिवार से दूर किया

सौरभ के परिवार और मुस्कान के संबंधों पर अक्षय अग्रवाल ने बताया कि अमूमन लवमैरिज के बाद लड़की थोड़ा सामंजस्य बनाने की कोशिश करती है, परिवार को लेकर चलती है, लेकिन मुस्कान के साथ ऐसा नहीं था. उसने सौरभ के परिवार में आकर लड़ाई शुरू कर दी. सौरभ की मम्मी से वो बिना किसी बात के ही लड़ती थी. उस समय सौरभ के बड़े भाई बबलू की शादी नहीं हुई थी, बबलू शांत और रिजर्व नेचर का है, उससे भी विवाद करने लगी. हमारा घर सामने है तो हमारे किरायेदार भी रहते थे. कुछ छत पर सोते थे. सब देखते थे. मुस्कान को सौरभ मारता भी नहीं था, फिर भी वह लड़ाई में शोर मचाने लगती, अपने बाल नोंच लेती, ऐसा माहौल बनाती कि सौरभ और उसके परिवार वाले उसे मार रहे हैं, प्रताड़ित कर रहे हैं.  उसने इस तरह की भूमिका बनाने की कोशिश तो की, लेकिन वो असफल रही क्योंकि पड़ोसी भी सौरभ के परिवार को अच्छी तरह जानते थे.

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मुस्कान को महंगे कपड़ों, मेकअप और मोबाइल का था शौक

सौरभ और उसकी बेटी के बारे में पूछने पर अक्षय ने बताया कि वो अपनी बेटी से बहुत प्यार करता था. पिता बनने का अनुभव पाकर सौरभ बहुत खुश था. घरवालों ने उसे बेदखल कर दिया था तो वो आर्थिक तौर पर टूट चुका था. हमसे कहता था कि बेटी की तबीयत खराब है, दवाई लेनी है, तो कई बार हम उसे हेल्प कर देते थे. वहीं मुस्कान इससे उलट थी. हमें कभी नहीं दिखा कि उसने बेटी में कोई रुचि दिखाई हो. वह उसका ख्याल नहीं रखती थी. वो अपनी मौजमस्ती में रहती थी, बढ़िया कपड़े पहनना, मेकअप और बढ़िया मोबाइल का उसको शौक था, लेकिन ये सब शौक उसे सौरभ से शादी के बाद हुआ, क्योंकि वह आर्थिक रूप से कमजोर घर की थी. वह अफोर्ड नहीं कर सकती थी.

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(मुस्कान और साहिल)

सौरभ के हत्यारों को हो फांसी की सजा

सौरभ के हत्यारों को क्या सजा दिलाना चाहते हैं? इस सवाल पर अक्षय ने कहा कि ये हमारे भारतीय समाज की यही समस्या है. बड़ा दुर्भाग्य है कि अगर कोई पुरुष ये हरकत करता तो फांसी हो जाती, उसके घरवालों का जनता जीना हराम कर देती. सौरभ के लिए किसी ने कैंडिल मार्च नहीं निकाला. घरवालों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं हुआ, वे आराम से स्टेटमेंट दे रहे हैं. मुस्कान के घरवालों की शक्लें बता रही हैं कि उन्हें कोई दुख नहीं है कि किसी का बेटा चला गया. मैं चाहता हूं कि सौरभ के हत्यारों को फांसी की सजा हो या ऐसी दर्दनाक सजा मिले कि सौरभ की आत्मा को शांति मिल जाए.

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