व्हाट्सएप से ऑर्डर, डिलीवरी की यूनिफॉर्म... इंटरनेशल ड्रग सिंडिकेट का भंड़ाफोड, 100 करोड़ की ड्रग्‍स बरामद

दिल्‍ली पुलिस ने इंटरनेशनल ड्रग सिंडिकेट का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने इस मामले में अब तक 100 करोड़ रुपए से ज्यादा की ड्रग्स जब्त की है और पांच विदेश आरोपियों को गिरफ्तार करने में भी सफलता मिली है.

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  • दिल्ली पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय ड्रग सिंडिकेट का पर्दाफाश किया है. साथ ही 100 करोड़ की ड्रग्‍स बरामद की है.
  • आरोपी ड्रग्स की सप्लाई व्हाट्सएप कॉल्स और वॉयस नोट्स के जरिए फूड डिलीवरी ऐप मॉडल पर करते थे.
  • ड्रग सिंडिकेट के तार मलेशिया, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, जापान और ब्रिटेन समेत कई अन्य देशों तक फैले हुए हैं.
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नई दिल्‍ली :

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की एजीएस यूनिट ने एक बड़े इंटरनेशनल ड्रग सिंडिकेट का पर्दाफाश किया है. इस मामले में ड्रग्‍स की सप्लाई को वेस्ट अफ्रीका से कंट्रोल किया जा रहा था, लेकिन उसकी डिलीवरी भारत में ‘फूड डिलीवरी ऐप' के मॉडल पर की जा रही थी. इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई कर अब तक 100 करोड़ रुपए से ज्यादा की ड्रग्स जब्त की है. साथ ही पांच विदेश आरोपियों को गिरफ्तार करने में भी सफलता मिली है. अब पुलिस इस मामले की जांच को इंटरनेशनल एजेंसियों के को-ऑर्डिनेशन के साथ आगे बढ़ा रही है. 

पुलिस के मुताबिक, भारत में कई लेवल के डिलीवरी एजेंट बैठे थे. साथ ही पुलिस ने आरोपियों के पास से कोकेन, एमडीएमए और गांजा के साथ मोबाइल, पासपोर्ट, नोटबुक, कैश और होंडा सिटी कार बरामद की गई है. इस सिंडिकेट का मुख्‍य सरगना एक नाइजीरियन है और जिसका नाम है कैलिस्टस उर्फ कैलिस.

13 जून को एक कोरियर पार्सल से खुला मामला 

13 जून 2025 को दिल्ली के मोती नगर के एक कोरियर ऑफिस से 895 ग्राम एमडीएमए बरामद हुआ. ड्रग्स को लेडीज जूते और सूट्स के सैंपल्स के बीच छिपाकर भेजा जा रहा था.

पुलिस टीम ने इस सुराग को पकड़कर आगे की कड़ियां जोड़ीं और कैमरून के नागरिक कामेनी फिलिप को पकड़ा, जिसके पास से 2 किलो से ज्यादा कोकेन मिला. पूछताछ में पता चला कि वो एक नाइजीरियन ड्रग माफिया कैलिस्टस के लिए काम कर रहा था, जो अफ्रीका से पूरे नेटवर्क को चला रहा है.

फिलिप के कहने पर उसके साथी कौलाई फिलिप उर्फ टॉल गाय को भी पकड़ा गया, जिसने साउथ दिल्ली में पार्टी ड्रग्स की डिलीवरी की बात कबूली.

व्हाट्सएप कॉल से ऑर्डर, डिलीवरी के लिए यूनिफॉर्म 

ड्रग्स का ऑर्डर व्हाट्सएप कॉल्स और वॉयस नोट्स के जरिए लिया जाता था, जो डिलीवरी ब्वॉय पकड़ा जाता था, उसे तुरंत किसी नए से बदल दिया जाता था. यहां तक कि एक ही शख्‍स के पास कई देशों के पासपोर्ट थे.

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डिलीवरी करने वाले नाइजीरियन एजेंट ब्लैक हेलमेट और चेक शर्ट पहनते थे, जिससे पहचान बनी रहे. ग्राहक की लोकेशन के हिसाब से डिलीवरी एजेंट को भेजा जाता था.

कैश को आगे पहुंचाने के लिए सिंडिकेट का खुद का 'हवाला जैसा नेटवर्क' था. इसके जरिए पैसे को बिना किसी बैंक के एक देश से दूसरे देश पहुंचाया जाता था.

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अब तक पकड़े गए आरोपी और उनकी भूमिका

  1. कामेनी फिलिप (कैमरून): भारत में ऑपरेशन चला रहा था. कोकेन की सप्लाई करता था और अपने परिवार के साथ दिल्ली में रहता था.
  2. कौलाई फिलिप (कोटे डीवोआर): ड्रग डिलीवरी एजेंट, फर्जी पासपोर्ट से भारत में रह रहा था.
  3. गॉडविन जॉन उर्फ अडोर (नाइजीरिया): सिंडिकेट का पुराना ऑपरेटर था. खुद का किचन भी ड्रग हब बनाया.
  4. केलेची चिकवे उर्फ विक्टर (नाइजीरिया): साउथ दिल्ली में डिलीवरी का जिम्मा.
  5. इबे चिनेड़ु ऑस्टिन (नाइजीरिया) – 2011 से भारत में रह रहा था, अब हैंडलर बन चुका था.

अब तक की पुलिस ने क्‍या-क्‍या बरामद किया

ड्रग्स

  • कोकेन: 2.7 किलोग्राम
  • एमडीएमए: 1 किलो
  • गांजा: 1 किलो

इसके साथ ही पुलिस ने इन चीजों को भी बरामद किया है:

  • 2 लाख रुपये की नकदी
  • व्हाट्सएप चैट
  • पासपोर्ट्स
  • फर्जी आईडी
  • कार
  • नोटबुक्स 

दिल्ली पुलिस का कहना है कि इस ड्रग सिंडिकेट के तार मलेशिया, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, जापान और ब्रिटेन तक फैले हुए हैं.

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