दिल्ली में साधु बनकर लोगों को ठगने वाले चार लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. आरोपी हरिद्वार अखाड़े के बड़े पुजारी बनकर लोगों को ठगने की कोशिश करते थे और खुद को वेदों का गहरा ज्ञान होने का दिखावा करते थे. साथ ही पीड़ित को अच्छे भाग्य का झांसा देकर अपना शिकार बनाते थे. उन्होंने ग्वालियर के रहने वाले एक शख्स के साथ ठगी को अंजाम दिया, लेकिन पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.
डीसीपी एयरपोर्ट के मुताबिक, 23 मार्च को दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट के पास पीसीआर कॉल मिली थी कि जेडब्ल्यू मैरिएट होटल के पास चार साधु वेशधारी लोगों ने उन्हें ठग लिया और उनकी सोने की अंगूठी ले गए. सूचना पर जांच अधिकारी मौके पर पहुंचे, जहां ग्वालियर के रहने वाले पीड़ित गगन जैन मिले.
आरोपियों ने वेदों में पारंगत होने का किया दावा
पुलिस के मुताबिक, पीड़ित ने बताया कि वह चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं और एरोसिटी दिल्ली में तीन दिवसीय एआईएमसीएमएम सम्मेलन में शामिल होने आए थे. वह एरोसिटी के होटल लेमन ट्री में ठहरे हुए थे. 23 मार्च को सुबह साढ़े 11 बजे होटल से चेकआउट कर जा रहे थे, जैसे ही वह जेडब्ल्यू मैरियट होटल के गेट नंबर 5 के पास पहुंचे, चार लोग साधु वेश में मिले, जिनके शरीर पर भस्म लगी थी और पैरों में घुंघरू बंधे थे.
उन्होंने खुद को हरिद्वार अखाड़े का बड़ा पुजारी बताते हुए वेदों में पारंगत होने का दावा किया. उन्होंने पीड़ित को तिलक लगाने का प्रस्ताव दिया, जिसे उसने अस्वीकार कर दिया. हालांकि आरोपियों ने गंगा मैया और महादेव का नाम लेकर उन्हें तिलक के लिए राजी कर लिया.
2 रुपये मांगे... और फिर ले ली सोने की अंगूठी
इसके बाद, उन्होंने पीड़ित से दो रुपये मांगे, लेकिन पीड़ित ने उन्हें 50 रुपये दे दिए. फिर उन्होंने पीड़ित को कहा कि उनकी सोने की अंगूठी दोषपूर्ण है और उन्हें सौंप देनी चाहिए. उन्होंने पीड़ित को "बच्चा" कहकर संबोधित किया और कहा कि यदि वह अंगूठी दे देगा तो उनकी परेशानियां दूर हो जाएगी.
डर और भ्रम में पीड़ित ने अपनी सोने की अंगूठी उन्हें सौंप दी. अंगूठी लेते ही आरोपियों ने कहा कि पीड़ित को तुरंत वहां से चले जाना चाहिए और पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहिए, अन्यथा वह बड़ा नुकसान उठाएगा. डर के कारण पीड़ित वहां से भाग गया, लेकिन बाद में उसे एहसास हुआ कि वह ठगी का शिकार हो गया है.
पुलिस ने चारों को महिपालपुर से किया गिरफ्तार
पीड़ित के बयान के आधार पर के तहत मामला दर्ज किया. घटनास्थल के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की बारीकी से जांच की गई, इसके बाद चारों आरोपियों को महिपालपुर इलाके से गिरफ्तार कर लिया गया.
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे सभी आपस में रिश्तेदार हैं और सपेरा समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. उन्होंने बताया कि वे हरिद्वार में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को दान देते हुए देखा करते थे, जो संतों से आशीर्वाद लेने के लिए पैसे और अन्य वस्तुएं अर्पित करते थे.
इसी से प्रेरित होकर उन्होंने लोगों को ठगने की योजना बनाई. उन्होंने खुद को हरिद्वार अखाड़े के महंत बताकर वेदों में निपुण होने का झांसा दिया और लोगों को ठगने के लिए साधु वेश धारण किया.
आरोपियों के पास से सोने की अंगूठी भी बरामद
हाल ही में वे अपने एक रिश्तेदार से मिलने दिल्ली आए थे और एरोसिटी इलाके में पीड़ित को देखकर ठगने की योजना बनाई. गिरफ्तारी के समय पीड़ित की सोने की अंगूठी आरोपियों के पास से बरामद की गई.
इस मामले में पुलिस ने हरिद्वार के घोसीपुरा निवासी 30 साल के रिंकू नाथ, हरिद्वार के धनपुरा निवासी 22 साल के साहिल नाथ, सोनीपत के विकास नगर निवासी 35 साल के रॉकी नाथ और सोनीपत के विकास नगर के ही 31 साल के विक्की नाथ को गिरफ्तार किया गया है.