महाराष्ट्र : डिजिटल अरेस्ट कर डॉक्टर से 7 करोड़ की ठगी, ईडी, सुप्रीम कोर्ट ने नाम पर डराया-धमकाया

शिकायत करने वाले डॉक्टर को 7 सितंबर से 10 अक्टूबर के बीच लगातार अनजान मोबाइल नंबरों से WhatsApp वीडियो कॉल आ रहे थे.

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  • महाराष्ट्र के अहिल्यानगर में साइबर अपराधियों ने एक सीनियर डॉक्टर से 7 करोड़ 17 लाख 25 हजार रुपये की ठगी की
  • अपराधियों ने डॉक्टर को सुप्रीम कोर्ट और ED के नकली नोटिस भेजकर डिजिटल अरेस्ट का झूठा डर दिखाया
  • डॉक्टर को धमकाने के लिए अलग-अलग नंबरों से कॉल कर गैर-कानूनी कार्यों के आरोपों में फंसाने की कोशिश की गई
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अहिल्यानगर:

महाराष्ट्र के अहिल्यानगर में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें साइबर क्रिमिनल्स ने श्रीरामपुर के एक सीनियर डॉक्टर से ‘डिजिटल अरेस्ट' के ज़रिए 7 करोड़ 17 लाख 25 हज़ार रुपये की ठगी की. क्रिमिनल्स ने डॉक्टर को सुप्रीम कोर्ट, एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) और पुलिस अधिकारियों के नाम पर नकली डॉक्यूमेंट्स भेजकर डराया और समय-समय पर उनके अकाउंट से करोड़ों रुपये ट्रांसफर किए.

डॉक्टर को अलग-अलग नंबर से कॉल

इस मामले में डॉक्टर ने 13 अक्टूबर को अहिल्यानगर साइबर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई और अलग-अलग मोबाइल नंबरों और अकाउंट होल्डर्स के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. शिकायत करने वाले डॉक्टर को 7 सितंबर से 10 अक्टूबर के बीच लगातार अनजान मोबाइल नंबरों से WhatsApp वीडियो कॉल आ रहे थे. एक कॉल में, संदिग्धों ने डॉक्टर से उनका नंबर पूछकर पूछताछ की.

आपके बच्चों का करियर बर्बाद...

इसके बाद उनसे कहा, “आपके खिलाफ गैर-कानूनी विज्ञापन, अश्लीलता और परेशान करने का केस दर्ज किया गया है.” आरोपियों ने पुलिस ऑफिसर देवी लाल सिंह और जज बनकर डॉक्टर को ‘डिजिटल अरेस्ट' करने का नाटक किया. “आप अभी हाउस अरेस्ट में हैं, हम आपकी हर हरकत पर नज़र रख रहे हैं,” डॉक्टर को इन शब्दों से डराया गया. आरोपियों ने डॉक्टर को धमकाते हुए कहा, “आपके अकाउंट में ब्लैक मनी जमा हो गई है. इस वजह से आपको अरेस्ट किया जा सकता है और आपके बच्चों का करियर बर्बाद हो जाएगा.”

सुप्रीम कोर्ट, ED के नकली नोटिस दिखाएं

इन सभी मामलों में भरोसा बनाने के लिए अपराधियों ने सुप्रीम कोर्ट, ED और दूसरी सेंट्रल एजेंसियों के नाम पर नकली ऑर्डर, नोटिस और पहचान पत्र भेजे. डॉक्टर डर गए और आरोपियों के दबाव में आकर समय-समय पर अलग-अलग अकाउंट में 7 करोड़ 17 लाख 25 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए. इस बीच, कुछ दिनों बाद डॉक्टर को ट्रांज़ैक्शन पर शक हुआ. डॉक्यूमेंट्स चेक करने पर उन्हें पता चला कि वे नकली थे. इसके बाद वे तुरंत अहिल्यानगर साइबर पुलिस स्टेशन पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई.

पुलिस ने कई मोबाइल नंबर और बैंक अकाउंट रखने वाले अनजान लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है. इस मामले की जांच साइबर क्राइम ब्रांच कर रही है और आरोपियों द्वारा इस्तेमाल किए गए मोबाइल नंबर और बैंक अकाउंट को ट्रैक किया जा रहा है.

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