राजधानी दिल्ली के मुस्तफाबाद के रहने वाले दो शख्स ने पुलिस वालों पर आरोप लगाया की उन पर झूठे आरोप लगाकर मारपीट की गई और चेहरे पर पेशाब किया गया. इतना ही नहीं अपनी शिकायत में दोनों ने कहा है की उन्हें थाने नही ले जाया गया बल्कि एक अज्ञात फ्लैट में ले जाकर उनके साथ मारपीट की गई और पैसे छीन लिए गए. दिल्ली के आनंद विहार थाने में मोहम्मद नवाब नाम के शख्स द्वारा की गई शिकायत के अनुसार होली से 1 दिन पहले 7 मार्च को वह गाजीपुर स्लॉटर हाउस से अपनी सेंट्रो कार में मांस लेकर वापस मुस्तफाबाद की तरफ जा रहा था. उस वक्त नवाब के साथ उसका दूर का रिश्तेदार मोहम्मद शोएब मौजूद था. नवाब के मुताबिक स्लॉटरहाउस से मांस लाकर वह दुकानों पर सप्लाई का काम करता है.
7 मार्च के दिन जब वह आनंद निकेतन की रेड लाइट पर खड़ा था तभी एक स्कूटी आकर उसकी सेंट्रो कार से टकरा गई. नवाब के मुताबिक स्कूटी वाले ने 4000 रुपयों की मांग की. तभी वहां पीसीआर आ पहुंची और पीसीआर वालों ने मेरी जेब से ढाई हजार रुपए निकालकर स्कूटी वाले को दे दिया और स्कूटी वाला वहां से चला गया.
नवाब का आरोप है कि इसके बाद पीसीआर में तैनात कॉन्स्टेबल और ए एस आई उससे 15 हजार की मांग करने लगे. नहीं तो थाने ले जाने की धमकी देने लगे. नवाब का आरोप है कि कॉन्स्टेबल ने किसी को फोन किया और 4 लोग वहां पर पहुंचे और बताया गया कि यह लोग एनजीटी के हैं. नवाब के मुताबिक इसके बाद उसे किसी अज्ञात जगह पर ले जाया गया जहां उसके और उसके भाई के साथ मारपीट की गई. चेहरे पर पेशाब कर दिया गया धार्मिक भावना को आहत करने वाले शब्दों का प्रयोग किया गया, बोला गया की तुम लोग गौकशी करते हो और फिर 25 हजार 500 जो हमारे पास थे वह हमसे ले लिए.
इसके बाद मेरे पिताजी को बुलाया गया हमसे सादे पेपर पर साइन कराए गए किसी क्लीनिक पर हमें इंजेक्शन लगाया गया और फिर हमें छोड़ दिया गया. अगले दिन हम अस्पताल गए और वहां से पीसीआर कॉल की. पुलिस आई हमारा इलाज हुआ लेकिन हमारी शिकायत दर्ज नहीं की गई थी. नवाब के मुताबिक उसे शिकायत वापस लेने के लिए धमकी भी दी जा रही है. नवाब की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने एफ आई आर दर्ज कर ली है और तीन पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया है.
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