- दिल्ली पुलिस ने ऊंचे निवेश का झांसा देकर ऑनलाइन ठगी करने वाले बड़े रैकेट का पर्दाफाश किया है
- गैंग ने फेसबुक पर फर्जी कंपनी का झांसा देकर एक शख्स से दो महीने में 5.92 करोड़ रुपये की ठगी की थी
- पुलिस ने गैंग से जुड़े 4 लोगों को गिरफ्तार किया है. ठगी की रकम को 33 अलग-अलग खातों में छिपाया गया था
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच साइबर सेल ने ऑनलाइन निवेश के नाम पर ठगी के एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया है. इस गैंग पर देशभर में लोगों को हाई रिटर्न ट्रेडिंग का लालच देकर करीब 5.92 करोड़ रुपये की ठगी का आरोप है. पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. इस गैंग के शिकार 10 से ज्यादा लोगों का अब तक पता चल चुका है.
पहली बड़ी शिकायत से खुला मामला
इस केस में पहली शिकायत 17 अप्रैल 2025 को दर्ज कराई गई थी. एक व्यक्ति ने बताया कि फेसबुक पर “A” नाम की महिला ने खुद को मुंबई की NBFC कंपनी CBCX Global Traders की कर्मचारी बताया और हाई-रिटर्न ट्रेडिंग का ऑफर दिया. इसके बाद दो महीने में पीड़ित से कुल 5 करोड़ 92 हजार 44 हजार 480 रुपये निवेश करवा लिए गए. बाद में पता चला कि पूरी कंपनी और महिला फर्जी थी. पुलिस ने इसी शिकायत के आधार पर जांच आगे बढ़ाई और पूरे गैंग का पता चला.
ठगी का तरीका: मल्टी-लेयर मनी लॉन्ड्रिंग
- निवेश का झांसा देकर इकट्ठा की गई रकम को अलग-अलग बैंकों में रखा जाता था.
- ठगी की रकम सबसे पहले 33 अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर की जाती थी.
- इसके बाद कई लेयर्स में पैसे घुमाकर यह छिपाया जाता था कि वह कहां से आया है.
- फिर म्यूल अकाउंट धारक कैश निकालकर कमीशन के बदले हैंडलर्स को सौंपते थे.
- इस तरह असली मास्टरमाइंड तक पहुंचना लगभग असंभव बना दिया जाता था.
गिरफ्तार आरोपी और उनकी भूमिका
इस मामले में पुलिस ने उत्तराखंड के हल्द्वानी से चार लोगों को पकड़ा है. ये हैं-
- मोहम्मद दानिश (22) – गैंग का मुख्य संचालक. दुबई स्थित हैंडलर के लिए खाते जुटाता था और पूरे नेटवर्क में कैश की व्यवस्था देखता था.
- अनस अंसारी (22) – अपने बैंक खाते फ्रॉड के लिए दिए, कैश निकालकर कमीशन पर हैंडलर को सौंपता था.
- मोहम्मद कैफ (22) – कई म्यूल अकाउंट मुहैया कराए, कैश निकासी और डिलीवरी का काम करता था.
- अकीब (40) – अपना बंधन बैंक खाता दिया, OTP और पूरा एक्सेस शेयर किया, बदले में हिस्सा लेता था.
मल्टी-लेयर फ्रॉड सिंडिकेट की पूरी संरचना
- फ्रंट-एंड ऑपरेटर: सोशल मीडिया पर निवेश सलाहकार बनकर लोगों को फंसाते थे.
- पहली लेयर: बिजनेस अकाउंट्स में पैसा आता था.
- दूसरी लेयर: म्यूल (डमी) अकाउंट्स में ट्रांसफर.
- कैश कलेक्टर और रीजनल हैंडलर: अंत में कैश निकालकर विदेशी मास्टरमाइंड तक पैसा पहुंचाते थे.
दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने इस मामले में अब तक 1.1 करोड़ रुपये की राशि विभिन्न शिकायतों से लिंक कर ली है. जांच जारी है और मुख्य मास्टरमाइंड तक पहुंचने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं.














