Money Heist स्टाइल में 150 करोड़ की ठगी, दिल्ली पुलिस ने 'प्रोफेसर', 'फ्रेडी' का गैंग दबोचा

पुलिस का कहना है कि वकील और एमसीए पास युवकों ने सोशल मीडिया पर कई सीक्रेट ग्रुप्स बना रखे थे, जहां ये शेयर मार्केट में हाई रिटर्न इन्वेस्टमेंट के नाम पर लोगों को फंसाते थे.

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  • दिल्ली पुलिस ने मनी हाइस्ट वेब सीरीज से प्रेरित साइबर ठगी गैंग का पर्दाफाश कर 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है
  • गिरोह पर देशभर में 300 से अधिक लोगों से शेयर मार्केट में हाई रिटर्न के नाम पर 150 करोड़ की ठगी का आरोप है
  • पुलिस का मानना है कि वकील और एमसीए पास युवकों के इस गैंग के पीछे कुछ चीनी नागरिकों का नेटवर्क भी सक्रिय था
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दिल्ली पुलिस ने ऑनलाइन ठगी करने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है. वकील और एमसीए पास युवकों का यह गैंग मशहूर वेब सीरीज मनी हाइस्ट से प्रेरित होकर काम करता था. गैंग पर देशभर में 300 से ज़्यादा लोगों से 150 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी का आरोप है. दिल्ली पुलिस का कहना है कि राजधानी में 23 करोड़ रुपये के डिजिटल अरेस्ट मामले में भी इसी गैंग का हाथ था.  

एक वकील, दूसरा MCA पास, काम- ठगी 

पुलिस ने गिरोह के तीन सदस्यों- अर्पित, प्रभात और अब्बास को गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक, इन तीनों आरोपियों ने अपनी पहचान छिपाने के लिए मनी हाइस्ट के किरदारों के नाम अपनाए थे. वकील अर्पित खुद को “प्रोफेसर” कहता था, एमसीए पास प्रभात वाजपेयी ने अपना नाम “अमांडा” रखा हुआ था और अब्बास को “फ्रेडी” नाम से बुलाया जाता था. 

कौन हैं ये 3 साइबर ठग?

  • अर्पित - पेशे से वकील, “प्रोफेसर” नाम से ग्रुप चलाता था.
  • प्रभात वाजपेयी - एमसीए पास, साइबर फ्रॉड के टेक्निकल हिस्से को संभालता था.
  • अब्बास - बैंक अकाउंट और सिम कार्ड का इंतजाम करता था, जिसे लोग “फ्रेडी” के नाम से जानते थे. 

वॉट्सऐप पर बना रखे थे सीक्रेट ग्रुप

पुलिस का कहना है कि इन तीनों ने सोशल मीडिया पर कई सीक्रेट ग्रुप्स बना रखे थे, जहां ये शेयर मार्केट में हाई रिटर्न इन्वेस्टमेंट के नाम पर लोगों को फंसाते थे. पुलिस जांच में सामने आया कि ये गिरोह Secure the Game और Pintoss नाम के सीक्रेट वॉट्सऐप ग्रुप्स के जरिए ठगी करते थे. 

इस तरह करते थे ठगी

  • सबसे पहले ये लोग सोशल मीडिया या व्हाट्सऐप पर ग्रुप बनाते थे.
  • ग्रुप में शेयर मार्केट से जुड़ी झूठी सलाहें और स्टॉक मार्केट टिप्स दी जाती थीं.
  • लोगों को भरोसा दिलाया जाता कि अगर वो डायरेक्ट मार्केट अकाउंट में पैसा लगाएंगे तो बहुत ज़्यादा मुनाफा मिलेगा. 
  • शुरू में थोड़े-बहुत फायदे दिखाकर भरोसा बनाया जाता था.
  • जैसे ही लोग बड़ी रकम निवेश करते, उनके अकाउंट ब्लॉक कर दिए जाते.
  • पैसे निकालने की कोशिश करने पर और पैसे डालने की धमकी या झांसा दिया जाता.
  • इसी तरह देशभर के 300 से ज़्यादा लोगों से करोड़ों रुपये ऐंठ लिए गए.

आलीशान होटलों से साइबर फ्रॉड

पुलिस का कहना है कि ये साइबर ठग आलीशान होटलों में ठहरते थे और मोबाइल और लैपटॉप के जरिए अपना गैंग चलाते थे. नोएडा और सिलीगुड़ी में छापेमारी के दौरान पुलिस को 11 मोबाइल फोन, 17 सिम कार्ड, 12 बैंक पासबुक, 32 डेबिट कार्ड और कई ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के स्क्रीनशॉट व चैट्स मिले हैं.

23 करोड़ की डिजिटल अरेस्ट ठगी में भी हाथ

दिल्ली पुलिस ने जब बैंक ट्रांजैक्शन, कॉल रिकॉर्ड और आईपी लॉग्स खंगाले तो गिरोह का कनेक्शन नोएडा और गुवाहाटी तक मिला. पुलिस का कहना है कि यही गैंग दिल्ली में हुई 23 करोड़ रुपये की डिजिटल अरेस्ट ठगी में भी शामिल था.

चीन से जुड़े नेटवर्क का भी शक

जांच में यह भी सामने आया है कि इस साइबर फ्रॉड के पीछे कुछ चीनी नागरिकों का नेटवर्क भी सक्रिय था. पुलिस अब इस विदेशी नेटवर्क की भी पड़ताल कर रही है. इस पूरे साइबर फ्रॉड में चीन से ऑपरेट हो रहे ठगों की भी भूमिका हो सकती है.

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पुलिस के मुताबिक, इन लोगों ने लोगों के लालच और भरोसे का फायदा उठाया. लोगों को हाई रिटर्न का सपना दिखाकर करोड़ों रुपये हड़प लिए. अब पुलिस इस गिरोह से जुड़े बाकी सदस्यों और विदेशी नेटवर्क की तलाश में जुटी है. 

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