कॉल कर बताया बैंक का कर्मचारी, मांगी ये डिटेल और लगा दिया 1 लाख का चूना, पुलिस की गिरफ्त में साइबर ठग

आरोपी अमित पहले भी एक साइबर ठगी मामले में द्वारका जिले की साइबर पुलिस द्वारा पकड़ा जा चुका है. टीम ने लगातार मेहनत कर 19 सितंबर 2025 को अमित को फिर से गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में उसने अपराध स्वीकार कर लिया.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • नकली क्रेडिट कार्ड बनाकर ठगी करने वाले आरोपी को गिरफ्तार किया है
  • आरोपी ने आईसीआईसीआई बैंक का कर्मचारी बनकर शिकायतकर्ता से एक लाख ठगे
  • ठगी के लिए आरोपी ने ओटीपी मांग कर मोबाइल ऐप हैक कर लिया और खाते से पैसे निकाल लिए
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नई दिल्ली:

दिल्ली पुलिस के आउटर नॉर्थ ज़िले की साइबर क्राइम टीम ने एक साइबर ठग को गिरफ्तार किया है, जो नकली क्रेडिट कार्ड बनाकर लोगों से ठगी करता था. आरोपी ने एक शख्स से एक लाख रुपये की ठगी की थी. शिकायतकर्ता को 10 अक्टूबर 2024 को एक फोन आया. कॉल करने वाले ने खुद को आईसीआईसीआई बैंक का कर्मचारी बताया और कहा कि उनके नाम पर एक नया क्रेडिट कार्ड जारी हुआ है, जिसे एक्टिवेट करना ज़रूरी है.

ओटीपी मांग उड़ा दिए 1 लाख

पहले तो शिकायतकर्ता ने इनकार किया, लेकिन बाद में मोबाइल ऐप पर चेक करने पर सचमुच कार्ड जारी होने की जानकारी मिली. कॉल करने वाले की बातों में आकर शिकायतकर्ता ने ओटीपी शेयर कर दिया. इसके बाद उसका फोन हैक कर लिया गया और उसके अकाउंट से 1 लाख रुपये निकाल लिए गए. इस पर FIR दर्ज की गई और जांच शुरू हुई. मनी ट्रेल की जांच से पता चला कि ठगे गए पैसे पहले पीजी सेटलमेंट के जरिए हबीफ सैफ नामक खाते में गए.

तीन ट्रांजैक्शन में 99,900 ट्रांसफर

तीन ट्रांजैक्शन में 99,900 रुपये हरियाणा के पानीपत स्थित बैंक खाते में ट्रांसफर किए गए.  यह खाता अमित निवासी पानीपत के नाम पर था. आरोपी अमित पहले भी एक साइबर ठगी मामले में द्वारका जिले की साइबर पुलिस द्वारा पकड़ा जा चुका है. टीम ने लगातार मेहनत कर 19 सितंबर 2025 को अमित को फिर से गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में उसने अपराध स्वीकार कर लिया.

ठगी का तरीका 

आरोपी और उसके साथी नकली क्रेडिट कार्ड बनवाकर बेचते थे. फिर बैंक अधिकारी बनकर लोगों को फोन करते और कार्ड एक्टिवेट करने के बहाने ओटीपी मांग लेते. जैसे ही लोग ओटीपी बताते, आरोपी उनके खाते में घुसकर पैसे पेमेंट गेटवे और फर्जी खातो के जरिए निकाल लेते. जांच में अब तक 3 और शिकायतें सामने आई हैं, जो इसी आरोपी से जुड़ी हुई हैं. पुलिस बाकी साथियों और पैसों के असली लाभार्थियों की तलाश कर रही है. दिल्ली पुलिस ने लोगों से अपील की है कि किसी भी फोन कॉल पर ओटीपी, पिन या बैंकिंग डिटेल्स साझा न करें. बैंक कभी फोन पर ऐसी जानकारी नहीं मांगते. किसी भी कॉल को मानने से पहले बैंक की आधिकारिक हेल्पलाइन पर ज़रूर चेक करें.

Featured Video Of The Day
Leh Protest: 4 मौतें, BJP कार्यालय जला, कांग्रेस पर उकसावे का आरोप, Sonam Wangchuk का अनशन खत्म
Topics mentioned in this article