पश्चिम बिहार में नामी बिल्डर की हत्या का मामला सुलझा, 2 आरोपी गिरफ्तार

2 जुलाई को दोपहर करीब पौने तीन बजे पश्चिम विहार इलाके के नामी बिल्डर अमित गोयल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इसके बाद हमलावर सुनहरे रंग की टोयोटा कोरोला कार में सवार होकर मौके से फरार हो गए.

विज्ञापन
Read Time: 25 mins
पुलिस ने 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
नई दिल्ली:

दिल्ली के पश्चिम विहार इलाके में एक नामी बिल्डर और निशानेबाज की हत्या का मामला सुलझ गया है. इस मामले में पुलिस ने 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों का कहना है कि बिल्डर ने उसे हथियार सप्लाई नहीं किए थे, इसलिए उसकी हत्या कर दी गई. 2 जुलाई को दोपहर करीब पौने तीन बजे पश्चिम विहार इलाके के नामी बिल्डर अमित गोयल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इसके बाद हमलावर सुनहरे रंग की टोयोटा कोरोला कार में सवार होकर मौके से फरार हो गए. बाद में अपराध के लिए इस्तेमाल की गई कार को छोड़ दिया गया था. 

मृतक अमित गोयल पहले अवैध हथियारों से जुड़े दो मामलों में शामिल था. वह पश्चिम विहार के होटल रेडिसन ब्लू में भी पार्टनर था, लेकिन बाद में उसने अपना हिस्सा बेच दिया. वह गैंगस्टर भूपेंद्र उर्फ मोनू दरियापुर का करीबी सहयोगी था, जिसकी हत्या गैंगस्टर सोनू दरियापुर ने की थी. साथ ही वह एक पेशेवर निशानेबाज था और निशानेबाजी के लिए आयात किए जा रहे हथियारों की आड़ में घातक हथियार मंगाता था और भारतीय निशानेबाजों के लिए बनाई गई आयात नीति का दुरुपयोग करता था. उसे 2017 में डीआरआई द्वारा एक स्लोवेनियाई नागरिक के साथ अवैध रूप से भारत में 25 स्वचालित आयातित पिस्टल आयात करने के लिए गिरफ्तार किया गया था. वह कथित तौर पर दिल्ली, हरियाणा और यूपी के गैंगस्टरों को ऑटोमेटिक हथियारों की सप्लाई में शामिल था. 

9 जुलाई को हरियाणा के रोहतक में दीपांशु की लोकेशन मिली, जिसके बाद पुलिस टीम रोहतक गई. वहां आरोपी दीपांशु को उसके दोस्त भूपेंद्र के साथ पकड़ा गया.

Advertisement

बता दें कि पंकज साहूवासिया ने दीपांशु को अपने दोस्त भूपेंद्र से मिलवाया था. बाद में भूपेंद्र उर्फ ​​जोखड़ ने अपने गांव के एक अमित की हत्या कर दी, उसे मुखर्जी नगर की हत्या के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. जेल के अंदर उनकी मुलाकात बिल्डर अमित गोयल से हुई, जो आर्म्स एक्ट के एक मामले में कैद था. वहां उसकी अमित गोयल से दोस्ती हो गई और अमित गोयल ने भूपेंद्र से कहा कि अगर अत्याधुनिक हथियारों की जरूरत है तो वह व्यवस्था कर सकता है. इसके बाद 2021 में भूपिंदर को कोविड के कारण पैरोल पर रिहा कर दिया गया, जिसके बाद वह दीपांशु से जुड़ गया. 

Advertisement

दीपांशु ने एक  हथियार की व्यवस्था करने के लिए भूपिंदर से संपर्क किया. भूपिंदर उसे अमित गोयल के पास ले गया, जिन्होंने उन्हें अत्याधुनिक हथियारों की कई तस्वीरें दिखाईं, एक पिस्तौल 2 लाख रुपये में फाइनल की गई, दीपांशु ने अमित गोयल को उसी के लिए 3 लाख रुपये का भुगतान किया. एक हफ्ते बाद अमित गोयल ने पिस्टल दीपांशु को दे दी. दीपांशु ने नवदीप से और पैसे लिए और फिर से अमित गोयल को 2 और पिस्टल की व्यवस्था करने के लिए 10 लाख रुपये का भुगतान किया, लेकिन इसके बाद अमित गोयल हथियार देने में नाकाम रहा और दीपांशु को दोबारा फोन करने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी देने लगा. 

Advertisement

22 जून को अमित गोयल द्वारा दी गई इस तरह की धमकी से दीपांशु नाराज हो गया और उसे खत्म करने का फैसला किया. उसने बागपत के अपने पुराने परिचित सुमित सूप को साथ लिया. उन्होंने आगे बापरोला गांव के एक सौरव से 29 जून को एक लाख रुपये में एक कोरोला वाहन खरीदा और अमित गोयल की रेकी करना शुरू कर दिया. 2 जुलाई को वह सुमित के साथ कोरोला कार से जवालाहेड़ी बाजार पहुंचा और अमित गोयल के आने का इंतजार करने लगा. अमित गोयल द्वारा बेची गई उसी पिस्टल से 5 राउंड फायर किए. इसके बाद वह सुमित के साथ कोरोला कार में सवार होकर भाग गया. निहाल विहार चेक पोस्ट के पास पुलिस चेकिंग से खतरे को भांपते हुए उन्होंने पिस्तौल को पास के एक नाले में फेंक दिया और मुंडका औद्योगिक क्षेत्र के पास कोरोला कार को छोड़ दिया. इसके बाद सुमित और दीपांशु अलग-अलग रास्ते पर चले गए. दीपांशु, भूपेंद्र जोखड़ के पास गया, वो उसे रोहतक और आसपास के इलाकों में अपने परिचितों के ठिकाने पर ले गया. 

Advertisement
Featured Video Of The Day
War News Hindi: North Korea का तानाशाह Kim Jong का क्या है Drone Plan
Topics mentioned in this article