रतलाम में अल्प्राजोलम बनाने वाली लैब का भंडाफोड़, 13.7 किलो ड्रग जब्त, दो गिरफ्तार

NCB को पहले से पुख्ता सूचना मिली थी कि इस स्थान पर नशे की दवा बनाई जा रही है. लगातार निगरानी के बाद टीम ने छापा मारा और मौके से 13.762 किलो अल्प्राजोलम बरामद की, जिसकी ब्लैक मार्केट में कीमत लगभग 3.44 करोड़ रुपये आंकी गई है.

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  • NCB ने मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में अवैध अल्प्राजोलम निर्माण करने वाली लैब का पर्दाफाश किया है
  • अल्प्राजोलम एक नियंत्रित दवा है जिसे नशे के रूप में ताड़ी और हेरोइन के साथ मिलाकर दुरुपयोग किया जाता है
  • लैब से रासायनिक उपकरणों और कई प्रकार के सॉल्वेंट्स तथा प्रीकर्सर केमिकल्स जब्त किए गए हैं
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रतलाम:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नशा मुक्त भारत अभियान और गृह मंत्रालय के निर्देशों के तहत नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) को एक बड़ी सफलता मिली है. इंदौर ज़ोन की टीम ने मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में एक लैब का पर्दाफाश किया है, जहां प्रतिबंधित ड्रग अल्प्राजोलम का अवैध निर्माण किया जा रहा था. यह कार्रवाई 18 अक्टूबर 2025 को ग्राम सेजावता, मऊ, नीमच रोड स्थित IPCA लैब के पास की गई.

क्या है अल्प्राजोलम?

अल्प्राजोलम एक नियंत्रित दवा है, जिसका अक्सर नशे के रूप में दुरुपयोग किया जाता है. इसे ताड़ी (तेलंगाना, आंध्र प्रदेश) और हेरोइन (राजस्थान, मध्य प्रदेश व आसपास के क्षेत्रों) में मिलाकर इस्तेमाल किया जाता है, जिससे तस्करों को अधिक मुनाफा होता है.

लैब से बरामद सामग्री

  • NCB ने मौके से कई लैब उपकरण और रसायन भी जब्त किए हैं, जिनमें शामिल हैं:
  • राउंड बॉटम फ्लास्क, तेल के बाथ, कंडेंसर, स्टिरर, थर्मामीटर
  • बड़ी मात्रा में सॉल्वेंट्स और प्रीकर्सर केमिकल्स जैसे: इथाइल एसीटेट, आइसोप्रोपाइल अल्कोहल, टोल्यून, मेथनॉल, क्लोरोफॉर्म, एसिटिक एसिड, हाइड्रोक्लोरिक एसिड, मैग्नीशियम सल्फेट, सोडियम बाइकार्बोनेट और सोडियम क्लोराइड

गिरफ्तार आरोपी

इस गुप्त लैब में काम कर रहे दो लोगों को मौके पर गिरफ्तार किया गया-

  • रूप सिंह चौहान (51 वर्ष)– बी.टेक पास, श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट, इंदौर से पढ़े हैं. पहले कई फार्मा कंपनियां चला चुके हैं. 2021 में तेलंगाना एक्साइज विभाग ने इन्हें अल्प्राजोलम की तस्करी में गिरफ्तार किया था. हाल ही में जमानत पर रिहा हुए थे.
  • अभिजीत सिंह चौहान (39 वर्ष)– बी.फार्मा ग्रेजुएट, पहले रेड क्रॉस सोसाइटी रतलाम से जुड़े थे. बाद में रूप सिंह के साथ मिलकर दवाइयों और आयुर्वेदिक उत्पादों का कारोबार शुरू किया.

जांच में क्या सामने आया?

प्रारंभिक जांच में पता चला है कि दोनों आरोपी अपने फार्मा अनुभव का गलत इस्तेमाल कर जनवरी 2025 से इस वेयरहाउस में अवैध रूप से अल्प्राजोलम तैयार कर रहे थे. अब NCB की टीमें यह पता लगाने में जुटी हैं कि यह नशा किन राज्यों में सप्लाई किया जा रहा था और इस नेटवर्क में और कौन-कौन लोग शामिल हैं.

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