77 साल का फर्जी 'कर्नल' पंजाब के वृद्धाश्रम से गिरफ्तार, इस तरह दे रहा था ठगी की वारदातों को अंजाम

ARSC यूनिट की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर पंजाब के पटियाला में एक वृद्धाश्रम पर छापेमारी कर आरोपी को धर दबोचा. आरोपी पिछले कई सालों से पहचान छिपाकर वहां रह रहा था और अपने परिवार से भी कोई संपर्क नहीं रखता था.

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आरोपी दिल्ली आकर खुद को ‘कर्नल’ बताने लगा और उसने कई लोगों को ठगा.
नई दिल्‍ली :

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच (ARSC यूनिट शकरपुर) ने एक ऐसे शातिर ठग को गिरफ्तार किया है, जो खुद को आर्मी का कर्नल बताकर लोगों से ठगी करता था. पकड़ा गया आरोपी कोई आम शख्स नहीं, बल्कि 77 साल का सीताराम गुप्ता उर्फ सीताराम सिंगला है. आरोपी कभी पंजाब यूनिवर्सिटी में देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का स्टूडेंट रह चुका है. पुलिस की टीम ने पंजाब के पटियाला स्थित एक वृद्धाश्रम से उसे गिरफ्तार किया है. 

क्या है पूरा मामला?

साल 2007 में दिल्ली के विवेक विहार थाने में एक मामला दर्ज हुआ था, जिसमें बैंक कर्मचारी अनिल निगम ने शिकायत दी थी कि एक शख्स ने खुद को आर्मी का कर्नल बताकर आर्मी वेलफेयर हाउसिंग ऑर्गनाइजेशन में फ्लैट और शॉप दिलवाने का झांसा दिया और 56,000 रुपये एडवांस ले लिए. बाद में जब शक हुआ तो मामला पुलिस के पास पहुंचा और आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई.  

हालांकि आरोपी को गिरफ्तारी के बाद कोर्ट से जमानत मिल गई थी, लेकिन वो ट्रायल के दौरान फरार हो गया. कोर्ट ने पहले उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया और फिर 26 अप्रैल 2025 को शाहदरा की कोर्ट ने उसे प्रोक्लेम्ड ऑफेंडर घोषित कर दिया.

कैसे हुई गिरफ्तारी?

ARSC यूनिट की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर पंजाब के पटियाला में एक वृद्धाश्रम पर छापेमारी कर आरोपी को धर दबोचा. आरोपी पिछले कई सालों से पहचान छिपाकर वहां रह रहा था और अपने परिवार से भी कोई संपर्क नहीं रखता था.

पूछताछ में आरोपी ने खुलासा किया कि वह हरियाणा के सिरसा जिले के मंडी डबवाली का रहने वाला है. बाद में परिवार पंजाब के मंसा में बस गया. उसने इतिहास और अर्थशास्त्र में एमए किया और पूर्व डॉ. मनमोहन सिंह का स्‍टूडेंट था.  

ऐसे देता था ठगी को अंजाम

आर्मी में तेल सप्लाई का ठेका लेने के दौरान उसे सेना की कार्यप्रणाली और रैंक स्ट्रक्चर की जानकारी मिली थी, जिसे वह बाद में लोगों को ठगने में इस्तेमाल करने लगा. दिल्ली आकर वह खुद को ‘कर्नल' बताने लगा और उसने कई लोगों को आर्मी में नौकरी दिलाने और फ्लैट दिलाने का झांसा देकर पैसे ऐंठे थे.

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आरोपी पर क्राइम ब्रांच और शकरपुर थाने में धोखाधड़ी के कम से कम तीन मामले पहले भी दर्ज हो चुके हैं. इन मामलों में आरोपी को दोषी भी ठहराया गया था.

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