Year Ender 2025: 9 देवियां जिनके मेगारिकॉर्ड 2025 तक पुरुषों की पहुंच से रहे बाहर!

Year Ender 2025: खेल के मैदान पर भारतीय पुरुष और महिला स्टार्स के बीच पैसे को लेकर अब भी चाहे जो फ़र्क हो, कई खेल और कई सितारों ने अपने प्रदर्शन से मॉडर्न खेलों के सवा सौ साल के इतिहास में पुरुषों को बाज़ी नहीं मारने दी. कई खेलों में भारतीय महिला खिलाड़ियों के रिकॉर्ड आज भी पुरुषों से कहीं बेहतर हैं.

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
Year Ender 2025: 9 देवियां जिनके मेगारिकॉर्ड 2025 तक पुरुषों की पहुंच से रहे बाहर!

खेल के मैदान पर भारतीय पुरुष और महिला स्टार्स के बीच पैसे को लेकर अब भी चाहे जो फ़र्क हो, कई खेल और कई सितारों ने अपने प्रदर्शन से मॉडर्न खेलों के सवा सौ साल के इतिहास में पुरुषों को बाज़ी नहीं मारने दी. कई खेलों में भारतीय महिला खिलाड़ियों के रिकॉर्ड आज भी पुरुषों से कहीं बेहतर हैं. क्रिकेट से लेकर शूटिंग, बैडमिंटन, एथलेटिक्स और वेटलिफ़्टिंग जैसे खेलों में भारतीय महिलाओं ने पुरुषों की मॉनोपोलि या एकाधिकार को नहीं माना है. कम से कम खेलों के 9 ऐसे बड़े रिकॉर्ड भारतीय महिला खिलाड़ियों के नाम हैं जिन्होंने साबित कर दिया कि ‘म्हारी छोरियां, छोरों के कहीं कम नहीं.'

महिला क्रिकेटरों ने पुरुषों से मारी बाज़ी

पिछले 50 से ज़्यादा सालों में भारतीय पुरुष टीम ने 1000 से ज़्यादा (1072 अंतर्राष्ट्रीय वनडे मैच) खेले हैं और वाइट बॉल क्रिकेट में भारत की बादशाहत भी मानी जाती है. जबकि, भारतीय महिला क्रिकेट टीम के नाम फिलहाल साढ़े तीन सौ (342 वनडे) मैच भी नहीं हैं. फिर भी भारतीय क्रिकेट के कई बड़े रिकॉर्ड महिला क्रिकेटरों के नाम हैं.  

1. *मंधाना ने 2025 में तोड़ा कोहली का विराट रिकॉर्ड

इसी साल सितंबर में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच दिल्ली में हुए एक वनडे मैच में 50 गेंदों पर सबसे तेज़ शतक बनाकर विराट कोहली के 52 गेंदों पर शतक का 12 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया.  

भारतीय महिला टीम की उपकप्तान स्मृति मंधाना वर्ल्ड कप के दौरान भी टीम की रीढ़ बनीं रहीं. वर्ल्ड कप के 9 मैचों में मंधाना ने 55 के औसत से 1 शतक और 2 अर्द्धशतकों के सहारे सबसे ज़्यादा 434 रन बनाए. साल के ख़त्म होने से पहले वो दुनिया में अबतक की सबसे तेज़ 10,000 रन जोड़ने वाली महिला क्रिकेटर बन गईं. 

2. *सचिन, विराट, धोनी, रोहित और गिल से भी आगे मिताली का राज

हरमनप्रीत कौर भारत की पहली महिला वर्ल्ड कप विजेता कप्तान हैं और स्मृति मंधाना को हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय महिला क्रिकेट में दसहज़ारी बनने का गौरव हासिल हुआ है.

पूर्व भारतीय महिला कप्तान मिताली राज पुरुष और महिला क्रिकेट में अकेली भारतीय महिला कप्तान हैं जिन्हें भारतीय टीम को दो बार वर्ल्ड कप फ़ाइनल (2005 और 2017) में टीम की कप्तानी का गौरव हासिल है.

मिताली राज के नाम एक और शानदार रिकॉर्ड है जहां वो दुनिया भर के दिग्गज पुरुष और महिला क्रिकेटरों को पछाड़ती नज़र आती हैं. इस लिस्ट में वो भारत में पहली और दुनिया में दूसरे नंबर खिलाड़ी हैं. मिताली राज के नाम अंतर्राष्ट्रीय वनडे में लागातर 7 पारियों में अर्द्धशतक का रिकॉर्ड है. 

Advertisement

इस लिस्ट में भारत के सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, विराट कोहली, रोहित शर्मा, अजिंक्य रहाणे, नवजोत सिंह सिद्धू, मो. अज़हरुद्दीन, सौरव गांगुली, एमएस धोनी, सुरेश रैना, श्रेयस अय्यर, ईशान किशन और शुभमन गिल मिताली के बाद दूसरे नंबर पर आते हैं, जिन्होंने लगातार 5-5 पारियों में अर्धशतक लगाने के कारनामे किये.

वनडे में दुनिया में सबसे ज़्यादा लगातार पारियों में अर्द्धशतक का रिकॉर्ड जावेद मियांदाद के नाम है जिन्होंने लगातार 9 पारियों में अर्द्धशतक से बड़ा स्कोर अपने नाम किया.   

Advertisement

मिताली राज के नाम आज भी महिला अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज़्यादा 10,868 जबकि  स्मृति मंधाना के नाम 10,053 रन हैं. 

3. *पिस्टल क्वीन मनु भाकर के डबल मेडल   

पेरिस ओलिंपिक्स में पिस्टल शूटर मनु भाकर ने एक के बाद एक एक ही ओलिंपिक्स में लगातार दो मेडल जीतने का ऐसा कारनामा किया जो इन खेलों के 128 साल के इतिहास में अबतक कोई भारतीय पुरुष खिलाड़ी नहीं कर सका. है. मनु भाकर ने शूटिंग के दो ब्रॉन्ज़ मेडल्स पर अपना नाम दर्ज करवाकर इतिहास कायम कर दिया. 

Advertisement

4. *पीवी सिंधु और साइना नेहवाल

बैडमिंटन में बतौर खिलाड़ी प्रकाश पादुकोण और पुलेला गोपीचंद जैसे दिग्गजों की मौजूदगी के बावजूद ओलिंपिक्स का मेडल अब भी दो भारतीय महिला (पीवी सिंधु रियो 2016 में सिल्वर, टोक्यो 2020 में कांस्य) और साइना नेहवाल (लंदन 2012 में कांस्य पदक) खिलाड़ियों के नाम है. कोई भी पुरुष खिलाड़ी अबतक कोई ओलिंपिक का मेडल जीतने में नाकाम रहा है.  

5. *कर्णम मल्लेश्वरी और मीराबाई चानू

दमखम के खेल वेटलिफ़्टिंग में अबतक कर्णम मल्लेश्वरी (सिडनी ओलिंपिक्स 2000) के नाम कांस्य पदक और मीराबाई चानू (टोक्यो ओलिंपिक्स 2020) में सिल्वर मेडल है. भारतीय महिलाएं पिछले 25 साल से इस गेम में पुरिषों से मीलों आगे साबि हुई हैं.  

Advertisement

6.*फ़ोटो फ़िनिश से पोडियम से चूकीं उड़नपरी पीटी उषा

एथलेटिक्स में नीरज चोपड़ा ने टोक्यो 2020 ओलिंपिक्स में गोल्ड और फिर पेरिस 2024 में सिल्वर मेडल जीतकर अविश्वसनीय कारनामा किया. लेकिन लॉस एंजेल्स 1984 में ट्रैक फर जो कारनामा उड़नपरी पीटी उषा ने किया वो अबतक किसी भी पुरुष खिलाड़ी की पहुंच से बाहर है.

पीटी उषा लॉस एंजेल्स 1984 में फ़िलीपिन्स की लीडिया डि वेगा से फोटो फ़िनिश में 0.01 सेकेंड या 1/100 सेकंड से पिछड़कर 55.42 सेकंड के समय के साथ चौथे नंबर पर रही थीं. इस पदक की टीस आज तक महसूस की जाती है. 

7. *मुक्के की बाज़ी में अव्वल मैरीकॉम

ओलिंपिक्स में बॉक्सिंग के ज़रिये पदक जीतने का कारनामा भारत के विजेन्दर सिंह के अलावा, एमसी मैरीकॉम के अलावा असम की लवलीना बोर्गोहैन के नाम है. लेकिन मैरीकॉम ने अबतक रिकॉर्ड 6 ख़िताब के साथ वर्ल्ड चैंपियनशिप के 8 मेडल भी अपने नाम किये हैं. 

8. *पैरालिंपिक्स की तीन देवियां प्रीति-सिमरन-अवनि

मेरठ की प्रीति पाल ने पेरिस पैरालिंपिक्स के 100मी. और 200 मीटर की रेस में कांस्य जीतकर अनूठा कारनामा किया तो सिमरन शर्मा ने 200 मीटर का कांस्य जीत लिया. 

9. पैरालिंपिक्स राइपल शूटिंग में राजस्थान की राइफल शूटर अवनि लेखरा के नाम 2 गोल्ड और एक ब्रॉन्ज़ जीतने का अविश्वसनीय रिकॉर्ड है जो भारतीय पुरुषों के पहुंच से अबतक बाहर है.

Featured Video Of The Day
Bengal Elections: बंगाल में तनातनी, Amit Shah का 'प्रहार', Mamata की सीधी धमकी | Breaking News
Topics mentioned in this article