लॉर्ड्स में खेले जा रहे WTC Final मुकाबले की पहली पारी में 5 विकेट चटकाने वाले दक्षिण अफ्रीकी पेसर कैगिसो रबाडा (Kaigiso Rabada) ने बड़ी उपलब्धि हासिल की. पहली पारी 5 और फिर दूसरी पारी में चार विकेट लेने के बाद रबाडा की खेल के महान दिग्गजों से तुलना होने लगी, लेकिन इससे अलग उनके हिस्से में एक ऐसा सम्मान आया, जो लॉर्ड्स मैदान पर टेस्ट इतिहास के करीब 141 साल के इतिहास में विंडीज के पूर्व ओपनर गॉर्डन ग्रीनिज को ही मिला था. दरअसल, शतक बनाने या पांच विकेट लेने वाले खिलाड़ी का नाम लॉर्ड्स मैदान के ऑनर्स बोर्ड पर सुनहरे अक्षरों में लिखा जाता है. यह सम्मान हासिल करने वाले ग्रीनिज हालिया समय तक पहले और इकलौते खिलाड़ी थे.
WTC Final के पहले दिन से पहले तक लॉर्ड्स में टेस्ट इतिहास के 141 साल के इतिहास में केवल एक ही ऐसा खिलाड़ी था, जिनका नाम 'होम ड्रेसिंग रूम (इंग्लिश टीम या 'होम टीम' का दर्जा प्राप्त किसी भी टीम का ड्रेसिंग रूम)' और 'अवे ड्रेसिंग रूम (विदेशी टीम द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाला ड्रेसिंग रूम)' के ऑनर्स बोर्ड पर सुनहरे अक्षरों में अंकित था. और यह खिलाड़ी विंडीज के ओपनर गॉर्डन ग्रीनिज थे. साल 1984 में इंग्लैंड के खिलाफ नाबाद 214 रन और फिर साल 1988 में 103 रन की पारी ने ग्रीनिज का नाम'अवे ड्रेसिंग रूम (विदेशी टीम के ड्रेसिंग रूम) के ऑनर्स बोर्ड पर सुनहरे अक्षरों में अंकित करा दिया.
लेकिन जिस बात को बहुत ही कम लोग जानते हैं कि यह साल 1987 में मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (MCC) के लिए खेलते हुए शेष विश्व एकादश के खिलाफ उनकी 122 रन की ही पारी थी, जिसने उनके नाम को घरेलू ड्रेसिंग रूम के ऑनर्स बोर्ड पर अंकित कराया.
अब WTC Final में उस्मान ख्वाजा, कैमरून ग्रीन और ब्यू वेबस्टर सहित 5 विकेट चटकाने के बाद रबाडा भी ऑनर्स बोर्ड पर अपना नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज कराने के पात्र हो गए. अब जबकि WTC Final के लिए दक्षिण अफ्रीका को लॉर्ड्स में 'होम ड्रेसिंग रूम' आवंटित किया गया था, तो रबाडा के पहली पारी में चटकाए 5 विकट ही उन्हें गॉर्डन ग्रीनिज क्लब में शामिल कराने के लिए काफी थे.
इससे पहले कैगिसो रबाडा ने साल 2022 में इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में 52 रन देकर 5 विकेट चटकाए थे. इस प्रदर्शन से उनका नाम तब अवे ड्रेसिंग रूम (विदेशी टीम का ड्रेसिंग रूम) के ऑनर्स बोर्ड पर आ गया था, लेकिन अब लॉर्ड्स में एक और 'पंजे' के साथ रबाडा ने वह कर दिखाया, जो 141 साल के इतिहास में सिर्फ गॉर्डन ग्रीनिज ही कर सके थे. लॉर्ड्स में खेले 3 टेस्ट मैचों में रबाडा 2 'पंजे' सहित कुल 18 विकेट चटका चुके हैं. वहीं, ग्लेन मैक्ग्रा के नाम पर इतने ही मैचों में 26 विकेट लेने का रिकॉर्ड है.