World Cup Final 2023: मुश्किल समय में बहुत याद आए माही !

Rohit Sharma World cup Final: 2019 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में भारत को मिली हार के बाद रोहित ने कहा था कि उनका सपना है भारत के लिए वर्ल्ड कप का खिताब जीतना, जो इस बार पूरा हो सका

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MS Dhoni vs Rohit Sharma: धोनी की आई याद

MS Dhoni vs Rohit Sharma: ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्ल्ड कप फाइनल (World Cup Final) में भारतीय टीम को 6 विकेट से हार नसीब हुई. भारत का तीसरी बार विश्व कप जीतने का सपना टूट गया. भले ही फाइनल में हम हार गए लेकिन अजेय रहकर विश्व कप के फाइनल (IND vs AUS Final)  तक का सफर तय करना आसान नहीं था. भारत के सभी खिलाड़ियों ने एक जुटहोकर बेहतरीन परफॉर्मेंस किया. हां, एक खराब दिन आया और भारत फाइनल हार गया. भले ही हम फाइनल हार गए लेकिन दिल हमारे खिलाड़ियों ने जरूर जीता. इस फाइनल मैच में फैन्स को धोनी की भी याद आई. खासकर मुश्किल घड़ी में जब भारत विकेट हासिल नहीं कर पा रहे था और हम मैच को हराने के करीब पहुंच रहे थे तो  अचानक महेंद्र सिंह धोनी की याद आने लगी. दरअसल, धोनी (MS Dhoni) एक ऐसे कप्तान रहे हैं जो मुश्किल समय में भारत को बाहर निकालने में सफल रहते थे. यही कारण है कि जब रोहित (Rohiy Sharma) मैदान पर परेशान थे तो फैन्स को धोनी की उन सभी रनणनीतियों की याद आने लगी, जिसके दम पर माही ने भारत को कई दफा मैच जीतवाया है.

मुश्किल समय में आई धोनी की याद
सबसे पहले देखिए 2007 का टी-20 वर्ल्डकप का फाइनल, धोनी ने सबसे अलग फैसला लेते हुए आखिरी ओवर जोगिंदर शर्मा से गेंदबाजी करवाई थी. जोगिंदर शर्मा से गेंदबाजी करवाना एक ऐसा फैसला था जो हैरान करने वाला था. लेकिन माही की "आउट ऑफ द बॉक्स थिंकिंग" ने भारत को पहली बार वर्ल्ड टी-20 का खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाई. उसी तरह 2011 वर्ल्ड कप में खुद को युवराज से पहले बल्लेबाजी के लिए लाना भी मैच का टर्निंग प्वाइंट बना था जिसकी बात आजतक होती है. इसके अलावा 2016 के वर्ल्ड टी-20 में बांग्लादेश के खिलाफ जब भारत को एक रन से जीत मिली थी तो उस आखिरी ओवर में धोनी ने कम अनुभवी वाले गेंदबाज हार्दिक को गेंद थमाई थी और फिर जो चमत्कार हुआ, वह हमें आजकर याद है. भारत हारे हुए मैच को एक रन से जीतने में सफल रहा. धोनी की ऐसी ही "आउट ऑफ द बॉक्स थिंकिंग" वाली सोच 2023 के वर्ल्ड कप फाइनल में मिसिंग रही. 

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क्या रोहित भी चल सकते थे धोनी की राह पर..
हालांकि यह रोहित की आलोचना नहीं है लेकिन यह बात जरूर सामने आती है कि यदि ऐसी परिस्थिति में धोनी होते तो क्या करते.. दरअसल, यदि रोहित बीच के ओवरों में किसी और पार्ट टाइम गेंदबाज से 2 से 3 ओवर की गेंदबाजी करवाते तो क्या विकेट मिल सकता था. हां यह बात अलग है कि बाद में बैटिंग के लिए पिच अच्छी हो गई थी. जिसपर गेंदबाज के लिए ज्यादा कुछ नहीं बचा था. लेकिन फाइनल में फैन्स रोहित से भी "आउट ऑफ द बॉक्स थिंकिंग" की उम्मीद मुश्किल समय में कर रहे थे. वैसे, इस पूरे टूर्नामेंट में रोहित ने जिस अंदाज में बल्लेबाजी की थी  उसने भारत को फाइनल में पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई. 

रोहित को सलाम

2019 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में भारत को मिली हार के बाद रोहित ने कहा था कि उनका सपना है भारत के लिए वर्ल्ड कप का खिताब जीतना, जो इस बार पूरा हो सका, लेकिन भले ही यह सपना रोहित का टूट गया है लेकिन उनकी बल्लेबाजी ने जो इस वर्ल्ड कप में किया है उसे कभी नहीं कोई भूल सकता है. रोहित वर्ल्ड कप के इतिहास में सबसे सफल बल्लेबाज हैं और रहेंगे. 

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