Cricketers who retired early amid health concerns: विल पुकोवस्की (Will Pucovski) ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में जिस तरह शानदार आगाज किया था, उन्हें आस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी का अगला सितारा माना जा रहा था लेकिन लगातार सिर में चोट की घटनाओं के बाद सिर्फ 26 वर्ष की उम्र में क्रिकेट को अलविदा कह दिया. चिकित्सा विशेषज्ञों की पैनल के सुझाव के बाद उन्होंने रिटायर होने का फैसला किया. पुकोवस्की ने स्वीकार किया था कि इन चोटों का उनके मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ा है. बता दें कि क्रिकेट में यह ऐसी पहली घटना नहीं है जब चोट के कारण किसी खिलाड़ी का करियर खत्म हुआ है. इससे पहले भी कई खिलाड़ी को क्रिकेट छोड़ना पड़ा है, क्योंकि उनके शरीर ने उन्हें कोई अन्य विकल्प नहीं दिया.
नारी कॉन्ट्रैक्टर (भारत)
नारी कॉन्ट्रैक्टर (Nari Contractor) 1950 के दशक के अंत और 1960 के दशक की शुरुआत में इंटरनेशनल क्रिकेट खेला करते थे. उनकी कहानी शायद सबसे ज़्यादा खौफनाक रही थी. साल 1962 में, भारत के वेस्ट इंडीज़ दौरे के दौरान चार्ली ग्रिफ़िथ की बाउंसर से उनके सिर पर चोट लग गई. यह एक भयानंक चोट थी जिसके लिए आपातकालीन सर्जरी की आवश्यकता पड़ी थी. उन्होंने इसके बाद फिर कभी कोई और टेस्ट नहीं खेला. कॉन्ट्रैक्टर के मौत के करीब के अनुभव ने क्रिकेट में सुरक्षा की धारणा को बदलने में एक प्रमुख भूमिका निभाई और जिसके कारण अंततः बेहतर सुरक्षात्मक गियर की शुरुआत हुई, हालांकि हेलमेट केवल 1970 के दशक के अंत में मुख्यधारा में आई थी.
जेम्स टेलर (इंग्लैंड)
जेम्स टेलर (James Taylor) को इंग्लैंड की टेस्ट क्रिकेट के भविष्य के तौर पर देखा गया था. साल 2011 में डेब्यू करने के बाद, टेलर ने इंटरनेशनल क्रिकेट में अपनी जगह बनानी शुरू कर दी थी. वो वनडे में नियमित रूप से खेला करते थे. लेकिन साल 2016 में सिर्फ़ 26 साल की उम्र में टेलर को ARVC (एरिथमोजेनिक राइट वेंट्रिकुलर कार्डियोमायोपैथी) नामक एक दुर्लभ और संभावित रूप से घातक हृदय रोग का पता चला. उन्होंने कुछ दिनों बाद ही अपने संन्यास की घोषणा कर दी थी. यह एक ऐसे खिलाड़ी के लिए दिल तोड़ने वाला अंत था, जिसने अभी-अभी अपनी क्षमता का एहसास करना शुरू किया था. अपने संन्यास के बाद से, टेलर कमेंट्री और इंग्लैंड के चयन पैनल के तहत खेल से जुड़े रहे.
मार्क बाउचर (साउथ अफ्रीका)
साउथ अफ्रीका के मार्च बाउचर (Mark Boucher) को चोट की वजह से खुद को क्रिकेट से अलग करना पड़ा था. क्रिकेट के इतिहास में सबसे बेहतरीन विकेटकीपरों में से एक, मार्क बाउचर ने 1,000 इंटरनेशनल शिकार किए हैं, दरअसल, साल 2012 में एक अभ्यास मैच के दौरान एक अजीब दुर्घटना ने उनके करियर को अचानक रोक दिया. समरसेट के खिलाफ मैच के दौरान स्टंप के पीछे खड़े होने के दौरान, इमरान ताहिर द्वारा गेरेंट जोन्स को बोल्ड करने के बाद एक बेल स्टंप से निकलकर बाउचर की आंख में जा लगी. चोट के कारण उनकी बाईं आंख को गंभीर नुकसान हुआ, उस समय बाउचर 35 साल के थे और उच्च स्तर पर खेल रहे थे. उनके जाने से साउथ अफ्रीकी टीम में एक खालीपन आ गया, जिसे भरने में यकीनन कई साल लग गए, बता दें कि मार्क बाउचर को विश्व क्रिकेट का सबसे बेहतरीन विकेटकीपर माना जाता है.
सबा करीम (भारत)
भारत के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज सबा करीम (Saba Karim, India) का भी करियर चोट की वजह से जल्द खत्म हो गया था. सबा करीम ने कई सालों तक लगातार घरेलू प्रदर्शन के बाद 1990 के दशक के आखिर में भारत के लिए अपनी कैप हासिल की थी. लेकिन जैसे ही उन्होंने खुद को स्थापित करना शुरू किया, 2000 में एशिया कप मैच के दौरान अनिल कुंबले की गेंद पर विकेटकीपिंग करते समय उनकी आंख मे लग गई. चोट के कारण उनकी दृष्टि संबंधी समस्याएं स्थायी हो गईं और उन्हें संन्यास लेना पड़ा. बाद में करीम प्रशासनिक भूमिकाओं में चले गए और राष्ट्रीय चयनकर्ता और बीसीसीआई के उच्च अधिकारी के रूप में काम करने लगे. वर्तमान में सबा करीम कमेंट्री करते हैं.