- ब्रायन लारा ने विश्व क्रिकेट का सबसे बड़ा आइडियल विवियन रिचर्ड्स को माना है, न कि सुनील गावस्कर या क्लाइव लॉयड को.
- लारा ने कहा कि उनका पहला टेस्ट मैच त्रिनिदाद में था, जहां वे रिचर्ड्स और अन्य महान खिलाड़ियों के साथ ड्रेसिंग रूम में मिले.
- अपने पहले टेस्ट मैच के दौरान लारा ने ड्रेसिंग रूम में विवियन रिचर्ड्स के बैग के पास अपना बैग रखा था, जो उनके लिए खास अनुभव था.
Brian Lara on Viv Richards : वेस्टइंडीज के महान बल्लेबाज रहे ब्रायन लारा (Brian Lara) ने उस खिलाड़ी के बारे में बात की है जिसे वो विश्व क्रिकेट का सबसे बड़ा 'आइडियल' मानते हैं. लारा ने सुनील गावस्कर या क्लाइव लॉयड को नहीं, बल्कि विवियन रिचर्ड्स को विश्व क्रिकेट का सबसे बड़ा 'आइडियल' करार दिया है. लारा ने स्टिक टू क्रिकेट के पॉडकास्ट पर बात करते हुए विश्व क्रिकेट के सबसे बड़े 'आइडियल' को लेकर अपनी राय दी. लारा ने कहा कि, विलियन रिचर्ड्स सबसे बड़े 'आइडियल' रहे हैं. जब मैं बड़ा हो रहा था तो उनका मेरे ऊपर काफी प्रभाव रहा है. मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि मुझे उनके साथ खेलने का मौका मिला." (Viv Richards biggest ideal in World Cricket)
लारा ने अपनी बात आगे ले जाते हुए कहा, "मेरा पहला टेस्ट मैच त्रिनिदाद में था और मुझे बोर्ड से एक पत्र मिला कि तुम टीम में हो. कल सुबह 9 बजे अभ्यास के लिए रिपोर्ट करो, और मैं सुबह 8 बजे वहा पहुचा, अपने भाई के साथ क्वींस पार्क ओवल में थोड़ा अभ्यास शुरू किया और फिर टीम आ गई. और ये थे मेरे सभी हीरो - विव रिचर्ड्स, गॉर्डन ग्रीनिज, डेसमंड हेन्स, मैल्कम मार्शल, सभी बड़े खिलाड़ी थे और वे ड्रेसिंग रूम में गए. उन दिनों ड्रेसिंग रूम छोटा सा होता था और मैंने अपने भाई से कहा, "अब समय आ गया है कि मैं अपने साथियों से नमस्ते कहूं." (Brian Lara on sharing a dressing room with his idol Sir Vivian Richards)
लारा ने आगे कहा "जब मैं ड्रेसिंग रूम की ओर जा रहा था, तो मेरा क्रिकेट बैग ड्रेसिंग रूम से बाहर उड़ता हुआ आया और सब कुछ बिखर गया. मैंने उसे उठाया, वापस पैक किया और ड्रेसिंग रूम में वापस चला गया. दरअसल, जहां मैंने अपना बैग रखा, वहीं पर सर विवियन रिचर्ड्स अपना बैग रखते थे.. इस तरह मैंने अपने टेस्ट करियर के पहले 5 दिन बाथरूम में बिताए."
रेडियो पर विवियन रिचर्ड्स की बैटिंग का कमेंट्री सुना करता था
लारा ने पॉडकास्ट पर बात करते हुए कहा," 75/76 में जब वे ऑस्ट्रेलिया में खेल रहे थे. एक छोटे बच्चे के रूप में, छोटा सा घर, तीन बेडरूम और मैच शायद रात 8 बजे शुरू होता था, त्रिनिदाद में 8/9 बजे से..ऑस्ट्रेलियाई समय 6, त्रिनिदाद से लगभग 15 घंटे आगे. और मैं कमरे में अपने पिताजी का रेडियो सुनता था. अगले दिन हमारा स्कूल था, इसलिए उन्होंने हमें पहला सत्र सुनने की अनुमति दी और फिर हमें बिस्तर पर जाना पड़ता था. उनका बेडरूम बिल्कुल ऊपर था और हम उनके रेडियो से आ रही कमेंट्र्री को सुन सकते थे, हम उन दिनों ऐसा ही करते थे और जब पिता जी का दरवाजा खुलता था, तो , हम सब थोड़ा खर्राटे लेने लग जाते थे." (Sir Vivian Richards)