IND vs NZ: "अगर आप बदला लेने की...", न्यूजीलैंड टीम को लेकर जब विराट कोहली ने कह दी थी ये बात

IND vs NZ WC 2023 Semi Final: मैनचेस्टर में 2019 विश्व कप में सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड (IND vs NZ WC 2019 Semi Final) के खिलाफ हार के दर्द को दूर करने के लिए भारत बुधवार को मौजूदा विश्व कप के अंतिम चार के मुकाबले में जब इस टीम के खिलाफ उतरेगा

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IND vs NZ WC 2023: पाकिस्तान के खिलाफ यह जंग होती है. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक दूसरे को पछाड़ने का मौका. कभी हम पर शासन करने वाले इंग्लैंड के साथ यह उनके किए की भरपाई है लेकिन एक ऐसी भी क्रिकेट टीम है जिसके खिलाफ भारतीय किसी तरह का द्वेष नहीं रख पाते और वह है खेल के सदाबहार ‘अच्छे लोग' न्यूजीलैंड. विराट कोहली (Virat Kohli on New Zealand Team) ने 2020 में द्विपक्षीय टी20 मुकाबले से पहले कहा था, ‘‘अगर आप बदला लेने की भी सोच रहे हो तो वे लोग इतने अच्छे हैं कि आप उस दायरे में नहीं आ पाते. वह संभवत: एक ऐसी टीम है जिसने टीमों के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने का उदाहरण पेश किया है.''

जब भी कप्तान केन विलियमसन कवर ड्राइव से बाउंड्री मारते हैं तो शायद ही वह कभी गेंदबाज की ओर घूरते हों, बेहद कड़े मुकाबले में भी तेज गेंदबाज लॉकी फर्ग्युसन के बाउंसर डालने के बाद छींटाकशी की एक भी फुटेज ढूंढ़ना मुश्किल होगा, शानदार कैच लेने के बाद भी मिशेल सेंटनर के चेहरे पर सिर्फ मुस्कुराहट होती है. ऐसा लगता है जैसे टीम को सज्जनता में ढाला गया है जहां रोहित शर्मा, राहुल द्रविड़, कर्टनी वॉल्श, कुमार संगकारा, इंजमाम उल हक और इयोन मोर्गन जैसे खिलाड़ियों को भी जगह मिलेगी.

मैनचेस्टर में 2019 विश्व कप में सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड (IND vs NZ WC 2019 Semi Final) के खिलाफ हार के दर्द को दूर करने के लिए भारत बुधवार को मौजूदा विश्व कप के अंतिम चार के मुकाबले में जब इस टीम के खिलाफ उतरेगा तो रोहित शर्मा (Rohit Sharma on IND vs NZ Semi Final) की टीम के मन में बदलने की भावना नहीं होगी. इसकी जगह टीम का उद्देश्य फाइनल में जगह बनाना होगा. न्यूजीलैंड ने सिर्फ मैनचेस्टर में 2019 में ही भारतीय टीम का दिल नहीं तोड़ा. कोहली की अगुआई वाली भारतीय टीम को 2021 विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में भी इस टीम के खिलाफ हार झेलनी पड़ी.

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न्यूजीलैंड ने भले ही कई बार भारत का दिल तोड़ा हो लेकिन इस टीम के खिलाफ एक और मुकाबले से पहले किसी के मन में कोई द्वेष नहीं है. इतिहास गवाह है कि अगर टीम न्यूजीलैड के खिलाफ अपने दिल की जगह दिमाग से खेलती है तो उसके लिए बेहतर रहता है. न्यूजीलैंड के खिलाफ किसी भी तरह की आक्रामकता आत्मघाती ही साबित होती है. ऑस्ट्रेलिया के पूर्व विकेटकीपर ब्रेड हैडिन ने 2015 में विश्व कप फाइनल में इसका स्वाद चखा था जब अति आक्रामकता के लिए उनकी काफी आलोचना हुई थी.

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मैच में तब 11 ओवर ही हुए थे और उन्होंने विकेट के पीछे से मार्टिन गुप्टिल को आक्रामक विदाई दी थी. ग्लेन मैक्सवेल की गेंद पर गुप्टिल के बोल्ड होने के बाद हैडिन ऩे न्यूजीलैंड के इस बल्लेबाज के चेहरे के करीब ग्लव्स के साथ तालियां बजाई थी. ग्रैंड एलियट और डेनियल विटोरी को भी आक्रामक विदाई दी गई थी. ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने इसे ऑस्ट्रेलिया की विश्व कप जीत की छवि पर धब्बा करार दिया था. न्यूजीलैंड के क्रिकेटर भी बिना चीजों को उलझाए अपने काम को सफलतापूर्वक अंजाम देते हैं.

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प्रशंसक ना केवल उनकी सफलता का जश्न मनाते हैं बल्कि न्यूजीलैंड की हार पर निराश भी होते हैं. 2019 में इंग्लैंड की जीत के बाद जहां घरेलू प्रशंसक अपनी टीम के खिताब जीतने से उत्साहित थे तो कई लोग निराश भी थे कि न्यूजीलैंड को बाउंड्री गिनने के नियम के कारण खिताब गंवाना पड़ा.

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फर्ग्युसन से जब यह पूछा गया कि क्या उनकी टीम के खिलाफ किसी टीम की बदला लेने की मानसिकता हो सकती है तो उन्होंने कहा, ‘‘आप लोगों के नजरिए से इस तरह की खबरें लिखना आपका काम है लेकिन, हमारे नजरिए से मुझे नहीं लगता कि मैं इस पर टिप्पणी कर सकता हूं.''

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