"हम दोनों नजदीकी दोस्त नहीं हैं', धोनी के साथ रिश्तों को लेकर युवराज का बड़ा खुलासा

हालिया सालों में कुछ ऐसे खुलासे हैं, जिसने दोनों के निजी रिश्ते पर सवाल खड़ा कर दिया है. अब शनिवार को हालिया इंटरव्यू में युवराज ने बड़ा खुलासा करते हए कहा कि  धोनी और वह नजदीकी दोस्त नहीं हैं.

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युवराज सिंह और एमएस धोनी

पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह (Yuvraj Singh) और एमएस धोनी (MS Dhoni) भारत की पिछली World Cup खिताबी जीत में बड़े नायक रहे हैं. जहां धोनी साल 20207 और 2011 में भारत के कप्तान थे. वहीं, युवराज सिंह (Yuvraj Singh) को 2011 में प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया था. दोनों ही रिटायर हो चुके हैं, लेकिन दोनों को ही व्हाइट-बॉल फॉर्मेट में बेहतरीन मिड्ल ऑर्डर बल्लेबाजों में गिना जाता है. बहरहाल, हालिया सालों में कुछ ऐसे खुलासे हैं, जिसने दोनों के निजी रिश्ते पर सवाल खड़ा कर दिया है. अब शनिवार को हालिया इंटरव्यू में युवराज ने बड़ा खुलासा करते हए कहा कि  धोनी और वह नजदीकी दोस्त नहीं हैं.

एक यू-ट्यूब प्लेटफॉर्म पर कहा कि वह और धोनी केवल क्रिकेट के कारण ही दोस्त हैं, मैदान के बाहर नहीं क्योंकि हम दोनों की ही लाइफ-स्टाइल अलग है. युवी ने स्वीकार किया कि जब धोनी कप्तान थे, तो वह उनके बहुत सारे फैसलों से सहमत नहीं थे, लेकिन युवी ने धोनी की प्रशंसा की, जब दिगगज विकेटकीपर ने 2019 विश्व कप से पहले उन्हें बताया कि सेलेक्टर्स उन्हें टीम में नहीं लेने की ओर देख रहे हैं. 

युवराज ने कहा कि मैं और माही नजदीकी दोस्त नहीं हैं. हमने साथ-साथ क्रिकेट खेली. माही की लाइफ स्टाइल मुझसे अलग थी. इसलिए हम कभी भी नजदीकी दोस्त नहीं थे. हम केवल क्रिकेट के कारण ही दोस्त थे. पूर्व बल्लेबाज ने कहा कि जब भी हम दोनों साथ क्रिकेट खेले, तो हमने टीम को अपना शत-प्रतिशत दिया. वह कप्तान थे और मैं उप-कप्तान था. और ऐसे में कई निर्णय ऐसे रहते हैं, जब कप्तान और उप-कप्तान के फैसलों में भिन्नता होती है.

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युवी ने कहा कि कभी-भी धोनी ने फैसले लिए, जो मझे पसंद नहीं आए. कभी-कभी मैंने फैसले लिए, जो उन्हें पसंद नहीं आए. ऐसा हर टीम में होता है. जब मैं अपने करियर की समाप्ति के आखिरी दौर में था, तो मैंने उनसे सलाह मांगी. पूर्व बल्लेबाज ने कहा कि इस पर धोनी ने मुझे बताया कि अब चयन समिति मेरी ओर नहीं देख रही है. इससे कम से कम मुझे वास्तविक तस्वीर ते बारे में तो पता चला. यह साल 2019 विश्व कप से पहले की बात है. और यह अपने आप में सच है. 

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युवी ने आगे कहा कि यह जरूरी नहीं कि एक ही टीम में खिलाड़ी सर्वश्रेष्ठ मित्र हों, लेकिन जो बात अहम है, वह है कि मैदान पर अपने और टीम के लिए सर्वश्रेष्ठ देना. इस दौरान युवराज ने उस समय को भी याद किया, जब उन्होंने धोनी का शतक पूरा करने में मदद की, तो धोनी ने भी उनका पचासा जड़ने में मदद की थी. 
 

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