'हमारे कप्तान हमें कहते थे कि...', भारत-पाकिस्तान ‘नो हैंडशेक’ कंट्रोवर्सी पर वसीम अकरम ने दिया सीधा जवाब

Wasim Akram react on handshake controversy: पिछले कुछ सालों में, अकरम ने भारत के कई महान खिलाड़ियों के साथ अटूट रिश्ता बनाया है, ऐसी दोस्ती जो इस बात का सबूत है कि खेल राजनीति से ऊपर उठ सकता है.

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Wasim Akram Big Statement on Handshake controversy: वसीम अकरम का बड़ा बयान
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  • वसीम अकरम ने दुबई में एशिया कप मैच के बाद भारतीय खिलाड़ियों से हाथ मिलाने के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी
  • उन्होंने कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच क्रिकेट की भावना सद्भाव, प्रेम और सम्मान पर आधारित होनी चाहिए
  • अकरम ने बताया कि राजनीतिक तनाव के बावजूद 1999 में भी दोनों देशों के खिलाड़ियों के बीच सम्मान कायम रहा
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Wasim Akram on handshake controversy: भारतीय टीम की ओर से दुबई में एशिया कप मैच के बाद पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ मिलाने वाले फैसले को लेकर अब जाकर वसीम अकरम ने रिएक्ट किया है. सांता क्लारा में खचाखच भरे दर्शकों को संबोधित करते हुए, अकरम ने अपने खेल के दिनों और क्रिकेट की सबसे कड़ी प्रतिद्वंद्विता,  भारत बनाम पाकिस्तान के बीच क्रिकेट की भावना को याद किया.

'स्विंग ऑफ सुल्तान' ने क्रिकेट इम्पैक्ट समिट और एक्सपो 2025 के मंच पर अपनी बात रखते हुए कहा, "हम दोस्त थे.. हमने एक-दूसरे से हाथ मिलाया, तब भी जब हमारे देशों के बीच राजनीति तनावपूर्ण थी, खिलाड़ियों के रूप में हमारा काम एक-दूसरे के बीच सद्भाव और प्रेम का निर्माण करना है, लोग इसका अनुसरण करेंगे. न कि इसका उल्टा."

अकरम ने याद किया कि दोनों देशों के बीच सैन्य तनाव के क्षणों में भी, मैदान पर सम्मान और सौहार्द हमेशा सबसे पहले आता था. उन्होंने कहा, "1999 में भी, जब राजनीतिक रूप से हालात मुश्किल थे,लेकिन मैदान पर खिलाड़ियों के बीच सम्मान था.  हमारा काम सद्भाव, प्रेम और सम्मान का निर्माण करना है, जिसे देखकर लोग इसका अनुसरण करते हैं. उन्होंने बताया कि कैसे दोनों पक्षों के वरिष्ठ खिलाड़ियों और कप्तानों ने मैदान के बाहर दोस्ती रखी और एक दूसरे को सम्मान दिया.  यह एक ऐसी परंपरा थी जिससे दोनों देशों की प्रतिद्वंद्विता की तीव्रता को कम करने में मदद की.

अकरम ने कहा, "हमारे कप्तान हमें कहते थे कि जाओ, विरोधी टीम के साथ डिनर करो और उन्हें जानो, एक बार जब आप किसी को एक इंसान के तौर पर जान लेते हैं, तो उसे दुश्मन के तौर पर देखना बहुत मुश्किल हो जाता है."

पिछले कुछ सालों में, अकरम ने भारत के कई महान खिलाड़ियों के साथ अटूट रिश्ता बनाया है, ऐसी दोस्ती जो इस बात का सबूत है कि खेल राजनीति से ऊपर उठ सकता है. उन्होंने सुनील गावस्कर के बारे में गर्मजोशी से बात की, जिन्हें वह अपने शुरुआती दिनों में भी हमेशा सम्मान देने का श्रेय देते हैं, और रवि शास्त्री के बारे में भी, जो उन्हें प्यार से "शाज़" कहते थे.  उन्होंने कराची में अपनी पहली मुलाकात को याद करते हुए किशोर सचिन तेंदुलकर का सामना करने के बारे में भी बताया.

अकरम हंसते हुए बोले, "वह सिर्फ़ 16 साल का था.  हमने अख़बारों में भारत के इस अद्भुत युवा प्रतिभा के बारे में पढ़ा था, और मैंने सोचा, वह वाकई कितना अच्छा हो सकता है? लेकिन कुछ गेंदों के बाद, मुझे एहसास हुआ. टेस्ट क्रिकेट में आपका स्वागत है. वह कुछ खास था."

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