"270 गेंदों में 400 रन...", टेस्ट क्रिकेट को रोमांचक बनाने के लिए बल्लेबाजों को क्या करना होगा, सहवाग ने बताया

Virender Sehwag: भारत के पूर्व विस्फोटक बल्लेबाज सहवाग ने टेस्ट क्रिकेट को और भी रोमांचक बनाने के लिए कुछ ऐसी सलाह दी है जो काफी सुर्खियां बटोर रही है.

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Virender Sehwag on Test Cricket

Virender Sehwag on Test Cricket:  पूर्व भारतीय खिलाड़ी वीरेंद्र सहवाग ने युवा क्रिकेटरों से टेस्ट क्रिकेट में आक्रामक खेलने की अपील की है. जिससे टेस्ट क्रिकेट में रोमांच वापस आ जाएगा. कप्तान बेन स्टोक्स और मुख्य कोच ब्रेंडन मैकुलम के मार्गदर्शन में इंग्लैंड सबसे लंबे प्रारूप में आक्रामक अंदाज में बल्लेबाजी कर रहा है. जून 2022 से इंग्लैंड 4.61 रन प्रति ओवर की रन रेट से रन बना रहा है. सहवाग ने इंग्लैंड की बैजबॉल शैली ने फैन्स को टेस्ट क्रिकेट की ओर आकर्षित किया है. सहवाग ने एक कार्यक्रम में कहा, " इंग्लैंड जिस तरह से टेस्ट क्रिकेट खेल रहा है, पांच रन प्रति ओवर की दर से रन बना रहा है.. हमारे खेलने के दिनों में ऑस्ट्रेलिया लगभग चार रन प्रति ओवर की दर से रन बनाता था. मेरा हमेशा से मानना रहा है कि यदि आप आक्रमण कर सकते हैं तो आप अपनी टीम को टेस्ट मैच जीतने के अधिक मौके देते हैं."

सहवाग ने यह भी बताया कि आजकल युवा टेस्ट क्रिकेट में अधिक रुचि रखते हैं. हालांकि, अगर टी20 क्रिकेट बल्लेबाजों को लाल गेंद वाले क्रिकेट के अनुकूल खेल विकसित करने में मदद करता है, तो यह खेल के लिए अच्छा होगा.  अगर कोई टेस्ट क्रिकेट के लिए अनुकूल आक्रामक खेल खेलता है तो कोई समस्या नहीं है. हम चाहते हैं कि लोग स्टेडियम में आएं और टेस्ट क्रिकेट देखें.. मैंने टेस्ट क्रिकेट में 270 गेंदों पर तिहरा शतक बनाया था.  आज के खिलाड़ी अगर इतनी गेंदों का सामना करें तो 400 रन बना सकते हैं."

बता दें कि सहवाग टेस्ट क्रिकेट में धुआंधार बल्लेबाजी के लि जाने जाते हैं.  टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने 180 पारियों में 49.34 की औसत और 82.23 की स्ट्राइक रेट से 8586 रन बनाए. उन्होंने दो तिहरे शतक और छह दोहरे शतक लगाए हैं. सहवाग गेंदबाजों के खिलाफ आक्रमक अंदाज में जमकर खेलते थे . उनकी बल्लेबाजी देखकर फैन्स रोमांच के सागर में गोते लगाने लग जाते थे. 

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इसके अलावा सहवाग से जब पूछा गया कि क्या जरूरत से ज्यादा टी20 लीग के आयोजन से युवा लाल गेंद प्रारूप से दूर हो रहे हैं तो उन्होंने कहा, ‘‘ देखिए, मेरा बड़ा बेटा 17 साल का है और उसने दिल्ली अंडर 16 के लिए तीन दिवसीय क्रिकेट खेला है, लेकिन ऐसे बहुत से लड़के हैं जो उस मौके का इंतजार कर रहे होंगे. जब हम 18 साल के थे तो आईपीएल नहीं था. लेकिन, अब, एक युवा आईपीएल खेलने के बारे में सोच सकता है, और डीपीएल आपको वह मौका प्रदान करेगा.''(भाषा के इनपुट के साथ)

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