'सचिन तेंदुलकर को कौन मनाए,' वीरेंद्र सहवाग को किसने बनाया ओपनर? सुने उन्हीं की जुबानी

How Did Virender Sehwag Become An Opening Batsman? वीरेंद्र सहवाग ने का कहना है कि सौरव गांगुली के कहने पर वह टेस्ट क्रिकेट में ओपनर बल्लेबाज बने.

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Virender Sehwag

How Did Virender Sehwag Become An Opening Batsman? भारतीय टीम की तरफ से शिरकत करते हुए वीरेंद्र सहवाग का प्रदर्शन काफी चमकदार रहा. खासकर टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने बतौर ओपनर जिस तरह से बल्लेबाजी की. वह हर किसी को आज भी मुस्कुराने पर मजबूर कर देता है. मगर 'वीरू पाजी' को टेस्ट क्रिकेट में ओपनर बनाया कौन? ये आज भी सवाल है. क्योंकि टीम इंडिया में उनकी एंट्री बतौर ऑलराउंडर मध्यक्रम बल्लेबाज के रूप में हुई थी. मगर समय के साथ ऐसी परिस्थितियां बनी कि उन्हें ओपनिंग करने के लिए मजबूर होने पड़ा. मगर यहां भी वह हिट रहे और मौजूदा समय में उनका नाम देश के महान सलामी बल्लेबाजों में लिया जाता है.

क्रिकेट प्रेमी हमेशा यह जानने के लिए उत्सुक रहते हैं कि सहवाग आखिर कैसे टेस्ट क्रिकेट में एक सफल ओपनर बने. अगर आपका भी यही सवाल है तो उसका जवाब उन्होंने खुद दिया है. 46 वर्षीय पूर्व क्रिकेटर ने एक खास बातचीत के दौरान अपने दिल की बात साझा करते हुए कहा था, 'दादा (सौरव गांगुली) ने मुझे टेस्ट क्रिकेट में भी ओपनिंग करने के लिए बोला था. वनडे फॉर्मेट में काफी कर चुका था. जब हम लोग इंग्लैंड पहुंचे तो दादा ने मुझसे कहा तुमने टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू करते हुए हंड्रेड बनाया. दक्षिण अफ्रीका और इंडिया में मिडिल ऑर्डर में बल्लेबाजी करते हुए रन बनाए हैं, लेकिन यहां आपको मिडिल ऑर्डर में बल्लेबाजी करने का मौका नहीं मिलेगा.'

सहवाग ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, 'क्योंकि टीम में लक्ष्मण (वीवीएस लक्ष्मण) वापस आ गए थे. उनके अलावा राहुल द्रविड़, सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली मिडिल ऑर्डर में मौजूद थे. ऐसे में मेरे ऊपर बाहर बैठने का प्रेशर बनने लगा था. ऐसे में उन्होंने कहा तू ओपनिंग कर. फिर मैंने दादा से पूछा आप भी तो मिडिल ऑर्डर हो, आप भी तो कर सकते हो. आपकी जगह पर मैं खेल लूंगा और आप मेरी जगह ओपनिंग कर लो. जिसपर उन्होंने कहा मैं कैप्टन हूं. मेरा जहां दिल करेगा मैं वहां खेलूंगा.'

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सहवाग के इस बयान पर वहां मौजूद सौरव गांगुली ने हंसते हुए कहा, 'नहीं मैंने ऐसे नहीं कहा.' पूर्व ओपनर ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, 'बिल्कुल यही शब्द थे. सचिन तेंदुलकर को कैसे कहूं उन्होंने भी तो बहुत कर लिए हैं. उन्होंने कहा अगर तू उनसे बात कर ले और वह मान जाएंगे तो मैं उनसे ओपनिंग करा लूंगा और उनकी जगह तुझको खिला लूंगा. अब सचिन तेंदुलकर को कौन मनाए. तो आखिरकार मैंने लक्ष्मण से सलाह ली. उन्होंने कहा मैंने ओपनिंग की है. तू बिल्कुल मत करना. तेरा करियर खत्म हो जाएगा. तुम्हें दोबारा मौका मिलना काफी मुश्किल हो जाएगा.'

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पूर्व सलामी बल्लेबाज ने कहा, 'फिर मैंने दादा से बात की. मैंने कहा अगर मैं बतौर ओपनर फेल हुआ तो मुझे फिर से मिडिल ऑर्डर में जगह मिलेगी तो ही मैं ओपनिंग करूंगा. दादा ने कहा ठीक है. मैंने कहा दादा लिख के दो. फिर मैंने पेपर पर लिखवाया. उसके बाद ऐसी नौबत आई नहीं कि मुझे मिडिल ऑर्डर में दोबारा मौका लेना पड़े.' 

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