विराट कोहली की दसवीं की मार्कशीट हुई वायरल, जानें पूर्व कप्तान को किस सब्जेक्ट में मिले थे कितने नंबर

Virat Kohli's marksheet: कोहली की मार्कशीट की झलक जैसे ही सोशल मीडिया पर आई, फैंस ने इस बारे में जोर-शोर से बात करना शुरू कर दिया

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Virat Kohli: कोहली की मार्कशीट को लेकर फैंस ही अंदाज में रिएक्ट कर रहे हैं
नयी दिल्ली:

Virat Kohli's marksheet: अब जबकि अलग-अलग राज्यों के दसवीं और बारहवीं के बोर्ड एग्जाम के रिजल्ट आने का सिलसिला चल रहा है, तो यह देखने में आया है कि ज्यादातर बच्चे या उनके अभिवावक अपने बेटे-बेटी की मार्कशीट को सोशल मीडिया पर डाल रहे हैं. किसी के 90 प्रतिशत नंबर आए हैं, तो कोई 98 प्रतिशत से भी खुश नहीं है! इसी बीच भारत के सर्वकालिक सबसे महान बल्लेबाजों में से एक विराट कोहली (Virat Kohli's marksheet) सोशल मीडिया पर बहुत ही तेजी से वायरल हो रही है. कोहली (Virat Kohli) ने साल 2004 में दसवीं क्लास की परीक्षा दी थी. और उनकी मार्कशीट की पहली झलक जैसे ही फैंस को देखने को मिली, तो यह इनके बीच चर्चा का विषय बन गई. कोहली के तमाम प्रशंसकों से ने इस बारे में जोर-शोर से बात करना शुरू कर दिया. हालांकि, यह मार्कशीट कुछ साल पहले भी चर्चा में आई थी, लेकिन बोर्ड के रिजल्ट आने के बाद बने माहौल के बीच यह सोशल मीडिया पर फिर से अवतरित हो गई है.

अगर विराट के दसवीं के नंबरों की डिटेल से बात की जाए, तो पूर्व कप्तान के सबसे ज्यादा नंबर इंग्लिश में मिले थे. और यह बताने के लिए काफी है कि विराट इंग्लिश में शुरू से ही 'उस्ताद' थे. और यह आज उनके बोलने में भी साफ झलकता है. साल 2004 में बोर्ड की परीक्षा में कोहली को 83 नंबर के साथ A 1 का ग्रेड मिला, तो वहीं दूसरे सबे ज्यादा नंबर विराट कोे सोशल साइंस में मिले. इस विषय में कोहली 81 नंबर क ेसाथ A 2 ग्रेड लेने में सफल रहे थे. हिंदी में भी कोहली का खासा झंडा बुलंद रहा और 75 नंबरों के साथ इसमें उन्हें B 1 का ग्रेड मिला था.  बैटिंग में कोहली को भले ही दुनिया के दुनिया के बेहतरीन बल्लेबाजों में रहे हों, लेकिन ज्यादार लोगों की तरह उनका भी गणित से 'विशेष प्रेम' दिखाई पड़ता है. गणित में कोहली के सबसे कम 51 नंबर रहे और उन्हें C 2 का ग्रेड मिला. बाकी विषयों के नंबर आप मार्कशीट पर देख  सकते हैं, लेकिन फैंस इस पर अपने ही अंदाज में प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं. 

इस फैन का कहना दो सौ फीसद सही है. कम नंबर लाने वाले छात्रों को निराश नहीं होना चाहिए. वे चाहें, तो आगे अपना समय बदल सकते हैं

सही है कि दसवीं के नंबर आपकी महानता तय नहीं करते. उसके लिए जीवन में कुछ बड़ा असाधारण ही करना पड़ता है

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गणित में नंबर भले की कम रह गए हों, लेकिन पूरे क्रिकेट करियर में कोहली ने रनों को बहुत ही तूफानी अंदाज में गिना है

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