मंगलवार को पूर्व कप्तान विराट कोहली तब एकदम से चर्चा का विषय बन गए, जब इस तरह की खबरें आईं कोच गौतम गंभीर के साथ उनका संवाद पटरी से उतर गया है क्योंकि उन्होंने इसी महीने शुरू हो रहे देश के प्रीमियर टूर्नामेंट विजय हजारे टूर्नामेंट में खेलने से बना कर दिया है. बहरहाल, बीसीसाआई ने चयन समिति के सदस्य प्रज्ञान ओझा को बातचीत के लिए रायपुर भेजा, तो मामला भी सुलझ गया. जब बात विजय हजारे टूर्नामेंट की आती है, तो कोहली ने ज्यादा मैच नहीं खेले हैं, लेकिन उनका रिकॉर्ड खासा प्रभावी रहा है.
कुछ ऐसा रहा है कोहली का रिकॉर्ड
विराट ने भारत के घरेलू वनडे प्रीमियर टूर्नामेंट में सिर्फ 12 ही मैच खेले है. और इसमें उन्होंने 69.33 के औसत से 763 रन बनाए. साल 2008-09 के संस्करण में विराट ने खेले 7 मैचों में 534 रन बनाए और वह टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे. तब इस सीजन में पूर्व कप्तान ने चार शतक जड़े थे और उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 124 रन था. वहीं, अगले सीजन यानी साल 2009-10 में विराट ने 229 रन बनाए. तब उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 94 रन था. लगातार दो सीजन में साबित करने के बाद उन्हें भारतीय वनडे टीम में जगह मिली. बहरहाल, अब जब उन्होंने फिर से घरेलू टूर्नामेंट में खेलने की हामी भर दी है, तो उन्हें इसके कई फायदे मिलने जा रहे हैं.
1. न्यूजीलैंड के खिलाफ फायदा
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज खत्म होने के बाद भारत अगली 3 वनडे मैचों सीरीज न्यूजीलैंड के खिलाफ खेलेगा, जो 11 जनवरी से शुरू होगी. मतलब कोहली के पास एक महीने का समय होगा. ऐसे में विजय हजारे के जरिए कोहली के पास अपनी फॉर्म और मैच फिटनेस बरकरार रखने का मौका रहेगा. वह इससे उस'जंग लगने' से बच जाएंगे, जो पिछले दिनों ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुरुआत दो वनडे में देखने को मिलेगा, जब वह लगातार दो शून्य कर आउट हो गए थे.
2. दिल्ली टीम को मिलेगा कॉन्फिडेंस
इस सीजन में दिल्ली का कितना बुरा हाल है यह आप इससे समझ सकते हैं कि पहले रणजी ट्रॉफी में कोहली के राज्य की टीम को जम्मू-कश्मीर ने हराया, तो मंगलवार को उसे त्रिपुरा जैसी टीम के हाथों हार का सामना करना पड़ा. जाहिर है कि जब विराट टीम के साथ जुड़ेंगे, तो दिल्ली टीम का हौसला एक अलग ही स्तर पर होगा, तो कोहली को भी एक ऐसा अनुभव हासिल होगा, जिसे वह बाद में अपनी आत्मकथा का हिस्सा बना सकते हैं. साथ ही, विराट को इस दौरान बचपन के साथ खेले साथियों के साथ समय गुजारने का भी मौका मिलेगा, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जाने के बाद बमुश्किल ही मिल पाता है.
3. युवा खिलाड़ियों का हौसला बढ़ेगा
जब विराट घरेलू क्रिकेट का हिस्सा बनेंगे, तो उनके राज्य दिल्ली ही नहीं, बल्कि विरोधी टीम के उन खिलाड़ियों का भी हौसला बढ़ेगा, जो उनके साथ खेलने का सपना भर देखते हैं. कोहली के साथ भर होने से इन खिलाड़ियों को अपना कौशल निखारने में काफी मदद मिलेगी. युवा खिलाड़ियों के साथ ज्यादा से ज्यादा संवाद वह बात है, जो कोहली को नया नजरिए देने के साथ ही आत्मकथा में शामिल करने के कुछ पाठ भी देगी.
4. फैंस का प्यार और जबर्दस्त भीड़
कोहली के घरेलू टूर्नामेंट में खेलने से तस्वीर कैसी होगी, यह सभी ने साल के शुरू में देखा था,जब वह दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में रणजी ट्रॉफी मैच खेलने आए थे. तब भीड़ का आलम ऐसा रहा कि करीब 12-15 हजार फैंस की भीड़ स्टेडियम में आ पहुंची और डीडीसीए को स्टेडियम के सभी गेट खोलने पर मजबूर होना पड़ा. साफ है कि घरेलू क्रिकेट में उन्हें फैंस का प्यार फिर से हासिल होगा, जो उन्हें एक और नजरिया प्रदान करेगा.














