रविचंद्रन अश्विन को लोगों पर निर्भर रहना पसंद नहीं है और यही कारण है कि वह कभी भी पारंपरिक रूप से कोच पर निर्भर रहने के विचार के पक्ष में नहीं रहे क्योंकि उनका मानना है कि इस तरह की निर्भरता खिलाड़ियों को हठधर्मी बनाती है. अपने 14 साल के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर में अश्विन ने विभिन्न प्रारूपों में अब तक 281 मैच खेले हैं और 744 विकेट चटकाए हैं.
अश्विन की समझदारी और बार-बार खुद को खोजने की उनकी क्षमता ने उन्हें मुश्किल समय में टिके रहने में मदद की है. इस 37 साल के ऑफ स्पिनर ने हाल ही में पीटीआई को टेलीफोन पर दिए इंटरव्यू में कहा,"बहुत सारे खिलाड़ी कोच या मार्गदर्शक या किसी एक व्यक्ति पर बहुत अधिक निर्भर होते हैं जो मुझे लगता है कि बहुत खतरनाक प्रवृत्ति है क्योंकि लोगों पर अत्यधिक निर्भरता के कारण आप नए विचारों के लिए तैयार नहीं होते."
डब्ल्यूवी रमन के साथ अपने रिश्ते पर बोले अश्विन
ऐसा नहीं है कि अश्विन के पास कभी कोई मार्गदर्शक नहीं रहा. उनके राज्य टीम के पहले कोच डब्ल्यूवी रमन भारतीय क्रिकेट के सम्मानित नामों में से एक हैं और तमिलनाडु के दिग्गज तथा पूर्व भारतीय बल्लेबाज एस बद्रीनाथ उनके लिए मार्गदर्शक रहे हैं. लेकिन उनके साथ उनका समीकरण कभी भी उस तरह की निर्भरता में नहीं बदला जो समाधान खोजने की उनकी खुद की क्षमता को खत्म कर दे. उन्होंने कहा,"अक्सर कोच की चुनौती आपके लिए कई समाधान देने में सक्षम होना होती है. ऐसा इसलिए है क्योंकि जो एक (विशेष खिलाड़ी) के लिए काम करता है, वह शायद दूसरे के लिए काम नहीं करे."
हाल ही में 'आई हैव द स्ट्रीट्स: ए कुट्टी क्रिकेट स्टोरी' के साथ एक लेखक के रूप में शुरुआत करने वाले अश्विन ने कहा,"एक आधुनिक कोचिंग का पहलू जिससे मैं पूरी तरह असहमत हूं, वह यह है कि वे उसी तकनीक (समाधान) को कॉपी-पेस्ट करने की कोशिश करते हैं जो किसी अन्य क्रिकेटर के लिए काम कर चुकी है." हालांकि वह इस बात से अच्छी तरह वाकिफ हैं कि कुछ खिलाड़ी अपने कोच के नजरिए के सामने समर्पण करके नतीजे हासिल करते हैं लेकिन उन्हें यह भी लगता है कि इस तरह की निर्भरता आपकी सोच को सीमित कर सकती है.
लोग मदद कर सकते हैं लेकिन मार्गदर्शन नहीं
भारत के सबसे सफल टेस्ट गेंदबाजों की सूची में दिग्गज अनिल कुंबले के बाद दूसरे स्थान पर मौजूदा अश्विन ने कहा,"एक क्रिकेटर के तौर पर आपको लगातार नई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है इसलिए आपको अपने जवाब खुद ही तलाशने चाहिए."
अपने करियर में रमन की भूमिका पर अश्विन ने कहा,"लोग आपकी मदद कर सकते हैं. लेकिन वे आपके करियर में आपका मार्गदर्शन नहीं कर सकते, आपको नए विचारों के लिए तैयार रहना होगा." उन्होंने कहा,"डब्ल्यूवी (रमन) ने मुझे खुद को जाहिर करने की स्वतंत्रता दी और आप जानते हैं, नई चीजों को आजमाने की. उन्होंने मुझे यह भी सिखाया कि मुझे कैसे और किस रास्ते पर चलना है लेकिन उन्होंने कभी नहीं कहा,'यह वह रास्ता है जिस पर आपको चलना है."
अश्विन ने कहा,"तो एक तरह से, मेरे शुरुआती दिनों में, डब्ल्यूवी के मार्गदर्शन ने सुनिश्चित किया कि मैं कभी भी किसी पर अत्यधिक निर्भर नहीं रहा." अश्विन ने कहा कि दूसरी राय लेना कभी भी बुरा विचार नहीं है लेकिन क्रिकेट मुख्य रूप से एक स्वयं सिखाया हुआ खेल है. उन्होंने कहा,"यदि आपको अपने खेल के बारे में जानकारी नहीं है और यदि आप खुद को नहीं सिखा सकते हैं, तो मुझे लगता है कि आप हमेशा किसी पर निर्भर रहने वाले हैं, जो मुझे लगता है कि बहुत खतरनाक हिस्सा है."
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