आईपीएल 2025 में चेन्नई सुपर किंग्स किन खिलाड़ियों को रिटेन करेगी और किसे नहीं, इसको लेकर तस्वीर कुछ हद तक साफ है. पांच बार की चैंपियन, जिन खिलाड़ियों को रिटेन करेगी उसमें महेंद्र सिंह धोनी का भी नाम होगा, यह कहना गलत नहीं होगा. हालांकि, आईपीएल 2025 की मेगा नीलामी से पहले आईपीएल एक ऐसा नियम लेकर वापस आई है, जिससे चेन्नई सुपर किंग्स अपने कोर खिलाड़ियों के साथ साथ महेंद्र सिंह धोनी को भी आसानी से रिटेन कर पाएगी. लेकिन अगर ऐसा होता है तो धोनी को इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है क्योंकि ऐसी स्थिति में उनकी सैलरी काफी कम हो जाएगी.
आईपीएल वापस लाई पुराना नियम
साल 2008 में लीग की शुरुआत में आईपीएल ने एक नियम बनाया था. यह नियम था कि अगर कोई भारतीय खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह चुका है तो ऐसी स्थिति में पांच साल बाद वह लीग की नीलामी में अनकैप्ड खिलाड़ी के तौर पर शामिल हो सकता है. हालांकि, इस नियम का इस्तेमाल नहीं हुआ था और 2021 में इसे खत्म कर दिया गया. ईएसपीएनक्रिकइन्फो की रिपोर्ट के अनुसार, 2025 के लिए खिलाड़ियों की नीलामी से पहले आईपीएल ने यह नियम वापस लाने का फैसला लिया है. ऐसी स्थिति में चेन्नई सुपर किंग्स के पास धोनी को अनकैप्ड खिलाड़ी के तौर पर रिटेन करने का मौका होगा.
2022 की मेगा नीलामी से पहले, धोनी को सीएसके ने 12 करोड़ रुपये में दूसरे खिलाड़ी के रूप में रिटेन किया था. महेंद्र सिंह धोनी, जो जुलाई में 43 साल के हो गए हैं, 2020 में रिटायर होने के बाद से केवल आईपीएल में खेलते हुए नजर आए हैं. अगर सीएसके अब उन्हें अनकैप्ड खिलाड़ी के रूप में बनाए रखने का फैसला करता है, तो धोनी को ऐसी स्थिति में सिर्फ 4 करोड़ रुपये मिलेंगे. अगर चेन्नई ऐसा करती है तो वह नीलामी में अपने पर्स में अधिक पैसा लेकर जाएगी. बता दें, 2017 में आईपीएल ने अनकैप्ड खिलाड़ी को रिटेन करने की फीस 3 करोड़ रखी थी, जिसे 2021 में बढ़ाकर 4 करोड़ कर दिया गया है.
रिटेंशन स्लैब का भी हुआ खुलासा
रिपोर्ट की मानें तो मेगा नीलामी में जाने से पहले आईपीएल ने रिटेंशन स्लैब को भी फाइनल कर दिया है और इसे जल्द ही फ्रेंचाइजी के साथ साझा किया जाएगा. बता दें, अगर कोई फ्रेंचाइजी किसी खिलाड़ी को पहले खिलाड़ी के तौर पर रिटेन करती है तो उस एवज में उसे 18 करोड़ मिलेंगे, जबकि दूसरे नंबर पर रिटेन खिलाड़ी को 14 और तीसरे नंबर पर रिटेन खिलाड़ी को 11 करोड़ मिलेंगे. इसके बाद अन्य दो रिटेंशन के लिए फ्रेंचाइजी को 18 करोड़ और 11 करोड़ की फीस खिलाड़ी को देनी होगी.
इसका मतलब है कि कोई फ्रेंचाइजी अगल पांच खिलाड़ियों को रिटेन करती है तो उसे अपने पर्स से 75 करोड़ गंवाने होंगे. इसके अलावा अगर कोई फ्रेंचाइजी किसी अनकैप्ड खिलाड़ी को रिटेन करती है तो उसे 4 करोड़ और देने होंगे. ऐसे में अगर कोई फ्रेंचाइजी इन विकल्पों का इस्तेमाल करने के बाद नीलामी में जाती है तो उसके पर्स में 120 करोड़ में सिर्फ 41 करोड़ बचेंगे.
धोनी 'उठाएंगे' बड़ा नुकसान
महेंद्र सिंह धोनी और चेन्नई सुपर किंग्स का रिश्ता कैसा है, यह किसी से छुपा नहीं हैं और इस बात की संभावना अधिक है कि धोनी, बतौर अनकैप्ड ही खुद को रिटेन करवाए और नुकसान खुद उठाए. अगर ऐसा होता है तो यह धोनी की आईपीएल की अब तक की सबसे कम फीस होगी.
बता दें, मनी बॉल इनसाइड स्पोर्ट्स के अनुसार, साल 2008 के आईपीएल के लिए हुई खिलाड़ियों की नीलामी में चेन्नई सुपर किंग्स ने महेंद्र सिंह धोनी को 9.5 करोड़ में खरीदा था और उसके बाद से धोनी फ्रेंचाइजी के साथ बने रहे. साल 2010 तक धोनी की सैलरी इतनी ही रही. लेकिन इसके बाद 2011 में धोनी को चेन्नई फ्रेंचाइजी से 8 करोड़ 28 लाख मिले जो 2013 तक जारी रहे. इसके बाद चेन्नई ने धोनी को 12 करोड़ 50 लाख की फीस पर रिटेन किया.
वहीं जब चेन्नई सुपर किंग्स को बैन किया गया और धोनी पुणे फ्रेंचाइजी के साथ गए तब भी धोनी 12 करोड़ 50 लाख ही मिले. हालांकि, इसके बाद धोनी वापस चेन्नई फ्रेंचाइजी में 15 करोड़ पर आए और 2021 तक धोनी को चेन्नई फ्रेंचाइजी से 15 करोड़ ही मिलते रहे. लेकिन बीते दो सीजन में धोनी को आईपीएल फ्रेंचाइजी से 12 करोड़ रिटेंशन फीस के मिले.
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