Tristan Stubbs Journey From Hockey Star To Cricket Sensation: दक्षिण अफ्रीकी होनहार क्रिकेटर ट्रिस्टन स्टब्स मौजूदा समय में गेंदबाजों के लिए खौफ बने हुए हैं, लेकिन क्या आपको पता है. अगर क्रिकेट नहीं होता तो शायद वह आज हॉकी के मैदान में स्टिक घुमाते हुए नजर आते. जी हां, आप सही सुन रहे हैं. ट्रिस्टन का पहला प्यार क्रिकेट नहीं बल्कि हॉकी था. वो अपने पिता क्रिस स्टब्स की तरह हॉकी में नाम कमाना चाहते थे. मगर किस्मत को तो कुछ और ही मंजूर था. ट्रिस्टन के पिता क्रिस स्टब्स का नाम महान अफ्रीकी हॉकी खिलाड़ियों में शुमार है. डिविजिनल लेवल पर उन्होंने खूब नाम कमाया, लेकिन राष्ट्रीय टीम तक पहुंचने में नाकाम रहे.
ट्रिस्टन स्टब्स का हॉकी से क्रिकेट तक का सफर
ट्रिस्टन स्टब्स के पिता क्रिस स्टब्स ने टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ हुई बातचीत के दौरान बताया कि उन्हें अपने हॉकी करियर में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था. वो नहीं चाहते थे कि ट्रिस्टन को भी उन्हीं चुनौतियों का सामना करना पड़े जहां पैसा और स्थिरता बेहद कम है. इसलिए उन्होंने ट्रिस्टन का झुकाव क्रिकेट की तरफ बढ़ाया.
क्रिस ने कहा, 'हॉकी में पैसा नहीं है. ये मेहनत वाला खेल है, मजेदार है, लेकिन करियर के लिए सही नहीं है.' परिणाम ये रहा कि ट्रिस्टन ने अपने पिता क्रिस की सलाह को स्वीकार किया और हॉकी के बजाय क्रिकेट में रम गए. मौजूदा समय में वह आईपीएल में व्यस्त हैं. यहां वह अक्षर पटेल की अगुवाई वाली दिल्ली कैपिटल्स की टीम का हिस्सा हैं.
पिता के सपने को बेटे ने दी उड़ान
क्रिस स्टब्स को आज भी अफसोस है कि वह दक्षिण अफ्रीका की राष्ट्रीय हॉकी टीम के लिए शिरकत नहीं कर पाए, लेकिन उन्हें इस बात गर्व है कि उन्होंने भारत के खिलाफ हॉकी का मुकाबला खेला था.
क्रिस ने हंसते हुए कहा, 'मैंने डिविजिनल लेवल पर हॉकी खेली, लेकिन इतना अच्छा नहीं था कि देश के लिए खेल सकूं. मेरा सबसे यादगार मुकाबला भारत के खिलाफ था. 90 के दशक में जब भारत, दक्षिण अफ्रीका दौरे पर आया तब मैंने साउथर्न ट्रांसवाल की तरफ से खेला था. वो एक वॉर्मअप मैच था, लेकिन भारत ने हमें इस मुकाबले में 5-0 से हरा दिया था.'
क्रिस का हमेशा से सपना था कि उनका बेटा एक दिन देश के लिए खेले. उसकी जर्सी पर अपने देश का झंडा हो. ट्रिस्टन ने अपने पिता के सपने को साकार कर दिया है.
ट्रिस्टन को हॉकी ने बनाया क्रिकेट का हीरो
ट्रिस्टन को बचपन में हॉकी खेलने से बहुत कुछ सीखने को मिला है. गेंद पर नियंत्रण रखना, सटीक टाइमिंग और ताकत ये सब उन्हें हॉकी से ही हासिल हुआ है.
क्रिस ने कहा, 'ट्रिस्टन हमेशा क्रिकेट का दीवाना था, लेकिन हॉकी ने उसे और निखारा. उसके रिवर्स स्वीप और स्वीप शॉट्स में हॉकी की झलक दिखती है. वो बचपन में हॉकी स्टिक और गेंद लेकर खेलता रहता था.'
ट्रिस्टन की कहानी भारतीय फैंस के लिए भी खास है. ट्रिस्टन के पिता क्रिस ने 90 के दशक में भारत के खिलाफ हॉकी खेली थी. वो मैच वो आज भी नहीं भूले हैं. क्रिस ने हंसते हुए कहा, 'हम भारत से 5-0 से हार गए थे.' लेकिन अब उनका बेटा भारत में आईपीएल खेलकर फैंस का प्यार बटोर रहा है.
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