serious qestion is raised about David Johnson death: टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेट डेविड जॉनसन की मौत ने अब एक अलग ही रूप ले लिया है. दरअसल, वीरवार को जब पूर्व क्रिकेटर डेविड जॉनसन (David Johnson) की मौत की खबर आई, तो क्रिकेट जगत अवाक रह गया. उनके साथ खेले तमाम पूर्व साथी डेविड की मौत से हैरान रन गए और उन्होंने अपने समय के तेज गेंदबाज को लेकर शोक संवेदनाएं प्रकट कीं, लेकिन मामले में अब नया मोड़ आ गया है. पुलिस को संदेह है कि 52 वर्षीय डेविड जॉनसन ने अपार्टमेंट की इमारत से कूदकर आत्महत्या की है. हालांकि, इस संबंध में अभी आधिकारिक बयान आना बाकी है. पुलिस के अनुसार, जॉनसन एसएलवी पैराडाइज अपार्टमेंट की चौथी मंजिल से गिरे. हालांकि उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक क्रिकेटर ने दम तोड़ दिया.
पुलिस का बयान
प्रारंभिक जांच से संकेत मिलता है कि जॉनसन डिप्रेशन से जूझ रहे थे. फिलहाल कोथनूर पुलिस मामले की जांच में जुट गई है. और अब इस जांच के बाद ही पूरी तरह से साफ हो पाएगा कि जॉससन की मौत बॉलकनी से गिरने से हुई या फिर उन्होंने आत्महत्या थी. जब तक फाइनल रिपोर्ट नहीं जाती है, यह सवाल उनके चाहने वालों और उन तमाम दोस्तों और पूर्व क्रिकेटरों के मन में कौंधता रहेगा, जो उन्हें सोशल मीडिया पर श्रदांजलि दे रहे हैं. पुलिस ने कहा कि जॉनसन एक साल से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना कर रहे थे और पिछले एक हफ्ते से अस्पताल में भर्ती थे.
ज्यादा मैच नहीं खेल सके थे देश के लिए
16 अक्टूबर 1971 को जन्मे डेविड जॉनसन ने 1990 के दशक के मध्य में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में भारत का प्रतिनिधित्व किया. जॉनसन ने अक्टूबर 1996 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया. वह पूरे करियर में सिर्फ 2 ही टेस्ट मैच खेले, जिसमें उन्होंने तीन विकेट लिए. एक समय डेविड जॉनसन को भारत का सबसे तेज गेंदबाज तक करार दिया गया था. लेकिन जितने तेजी से वह सुर्खियों में आए, उतनी ही तेजी से उनके करियर का दीपक भी बुझ गया.
इस वजह से रातों-रात चर्चा में आए थे जॉनसन
जॉनसन के करियर का सबसे शानदार पल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट मैच के दौरान 157.8 किमी/घंटा की गति से गेंदबाजी करना था. उस दौर में इस गति से गेंदबाजी करना बहुत बड़ी बात मानी जाती थी. यह शोएब अख्तर के उभार से भी पहले का समय था, लेकिन लंबाई और दिशा में स्थिरता न होना उनके खिलाफ गया. जॉनसन ने अपना आखिरी टेस्ट मैच 1996 में डरबन में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ था. अपनी गति से क्षमता दिखाने के बावजूद, उनका अंतर्राष्ट्रीय करियर लंबा नहीं रहा और उन्होंने भारत के लिए वनडे मैच नहीं खेला.