इस तरह के स्पेल उनके फेवर में नहीं, बीसीसीआई ने शमी को टीम इंडिया में वापसी का 'रास्ता'

BCCI on Shami: साल 2023 में विश्व कप के बाहर होने के बाद से ही मोहम्मद शमी टीम इंडिया से लगभग दूर हैं, लेकिन अब हालात बदल गए हैं और बोर्ड की नजर भी बदल गई है

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मोहम्मद शमी के लिए अब यहां से टीम इंडिया में वापसी करना आसान होने नहीं जा रहा
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  • मोहम्मद शमी को चोट के कारण भारत की टीम से बाहर रखा गया था, हालांकि उन्होंने घरेलू क्रिकेट में वापसी की है
  • बीसीसीआई ने स्पष्ट किया कि शमी के लिए टीम इंडिया के दरवाजे बंद नहीं हुए हैं
  • शमी को फिटनेस की कमी के कारण इंग्लैंड दौरे से बाहर रखा गया था, फॉर्म कारण नहीं था, पर खुद पर शक था
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नयी दिल्ली:

BCCI on Mohammed Shami: भारत में हुए साल 2023 विश्व कप में टीम इंडिया की जीत में बड़ा रोल निभाने वाले स्टार पेसर मोहम्मद शमी (Mohammed Shami) चोटिल क्या हुए, तभी से वह भारतीय टीम से लगभग बाहर हुए हैं. हालांकि, शमी ने घुटने की सर्जरी के बाद उबरते हुए घरेलू क्रिकेट में वापसी जरूर की, लेकिन इस पेसर में वह डंक और स्पीड नहीं ही दिखी, जो विश्व कप के दौरान दिखाई पड़ी थी. बहरहाल, बीसीसीआई ने स्टार पेसर को साफ-साफ बता दिया है कि टीम इंडिया के दरवाजे उनके लिए बंद नहीं हुए हैं, लेकिन उन्हें इसी महीने शुरू हो रही दलीप ट्रॉफी में फिटनेस के साथ-साथ फॉर्म भी दिखाई होगी. यहां नई बात फॉर्म है.

'शमी को खुद पर ही शक था'

एक अखबार से बातचीत में बोर्ड के एक नजदीक सूत्र ने कहा, 'पहली बात तो यह है कि शमी को फॉर्म के कारण ड्रॉप नहीं किया गया था. फिटनेस एक मात्र वजह रही, जिसके कारण वह इंग्लैंड दौरे पर नहीं जा सके थे.' वैसे इससे पहले शमी को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भी पांच मैचों की सीरीज के लिए टीम में नहीं चुन गया था. लेकिन इंग्लैंड दौरे को लेकर शमी खुद पर ही शक कर रहे थे.

'सेलेक्टरों को जरूरी आश्वासन नहीं मिला'

सूत्र ने कहा, 'ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज से हटने के बाद शमी की उपस्थिति इंग्लैंड दौरे के लिए बहुत ही अहम थी. टीम चुनने से पहले सेलेक्टरों ने शमी से बात की थी, लेकिन वह स्वंय खुद को लेकर आश्वस्त नहीं थे. उनकी तरफ से सेलेक्टरों को जरूरी आश्वासन नहीं मिला. अब हमें यह भी जानने की जरूरत है कि क्या शमी खुद भारतीय टीम में वापसी को लेकर उत्सुक हैं'

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'ऐसे स्पेलों' से काम नहीं चलेगा!

सूत्र ने कहा, 'हम यह देखेंगे कि अगर दलीप ट्रॉफी में पूर्वी क्षेत्र क्वार्टरफाइनल से आगे बढ़ता है, तो क्या वह खेलेंगे. और क्या वह प्रगति करना जारी रखते हैं. उनके घुटने और हैमिस्ट्रिंग की समस्या को देखते हुए क्या उनका शरीर बॉलिंग की इजाजत देगा?.' उन्होंने कहा, 'रणजी ट्रॉफी मैच में शमी एक स्पेल में तीन-चार ओवर फेंक कर मैदान से बाहर चले जाते थे. ऐसे में बड़ा सवाल यह हो चला है कि कई दिन चलने वाले मैच में क्या उनका शरीर भार वहन कर सकता है? वहीं, एक पहलू यह भी है कि उम्र भी शमी के साथ नहीं है. ऐसे में हम उस गेंदबाज को प्राथमिकता देंगे, जिसमें सात-आठ साल की क्रिकेट बाकी है. बजाय उसके, जो जल्द ही 35 साल के हो जाएंगे.' साफ है कि बदले हालात के बाद बोर्ड का नजरिया भी शमी को लेकर बदल चला है क्योंकि इंग्लैंड में आकाश दीप और प्रसिद्ध कृष्णा ने दमदार प्रदर्शन किया है, तो वहीं लेफ्टी पेसर अर्शदीप कैप मिलने के इंतजार में खड़े हैं. साफ है कि अब सेलेक्टरों की नजर में शमी रेस में पीछे हो गए हैं

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