क्रिकेट इतिहास में टीम इंडिया की वो 6 हार जो भुलाए नहीं भूलेगी

Team India Close Defeat in Cricket Matches: क्रिकेट इतिहास के वो मुकाबले जब भारत को करना पड़ा करीबी हार का सामना.

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Team India Close Defeat in Cricket
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  • 2025 में लॉर्ड्स टेस्ट के अंतिम ओवर तक जडेजा ने बुमराह और सिराज के साथ मिलकर भारत के लिए महत्वपूर्ण साझेदारी की, लेकिन टीम 22 रनों से हार गई.
  • 2003 के वर्ल्ड कप फाइनल में भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 360 रनों का लक्ष्य दिया था, लेकिन 234 रनों पर ऑलआउट होकर 125 रनों से हार गई.
  • 2023 के वर्ल्ड कप फाइनल में भारत ने 240 रन बनाए, लेकिन ट्रैविस हेड और मार्नस लाबुशान की पारियों के कारण ऑस्ट्रेलिया ने छह विकेट से जीत हासिल की.
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लॉर्ड्स टेस्ट की 22 रनों से मिली हार एक टीस बन गई है. क्रिकेट फ़ैंस इसे लंबे समय तक भुला नहीं सकेंगे. बहरहाल, रविंद्र जडेजा की फाइट भी एक मिसाल बनकर याद की जाएगी. टेस्ट क्रिकेट हो, वनडे या टी-20 भारत को कुछ ऐसी हार का सामना करना पड़ा है जो फ़ैन्स के दिलों में टीस बनकर गड़ गई हैं.

2025 में जडेजा की जंग के बावजूद हारे

लॉर्ड्स टेस्ट के पांचवें दिन के आखिरी सत्र के आखिरी ओवरों तक रविंद्र जडेजा और निचले क्रम के साथ जंग में डटे रहे. इसके बावजूद भारत को 22 रनों से हार का सामना करना पड़ा. लेकिन हारने से पहले रविंद्र जडेजा, बुमराह और मो. सिराज ने इंग्लैंड के नाकों चने चबा दिये. वाशिंगटन सुंदर के रूप में 25वें ओवर में भारत का 7वां विकेट गिरा. इसके बाद जडेजा ने बुमराह और मो. सिराज के साथ 50 ओवर से बड़ी पार्टनरशिप की और 88 रन जोड़े. जडेजा  ने अकेले 181 गेंदों पर 61 रन जोड़े. जडेजा ने टॉप ऑर्डर के लिए भी एक मिसाल कायम कर दी कि अगर वो ऐसा कुछ इरादा दिखाते तो शायद बात कुछ और होती.  

2003 वर्ल्ड कप फाइनल- एकतरफा फाइनल में हार

2003 में हुए दक्षिण अफ्रीकी वर्ल्ड कप के फाइनल में सौरव गांगुली की अगुआई में भारतीय टीम पूरे जोशो-खरोश में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फाइनल में उतरी. 1983 के 20 साल बाद टीम इंडिया ख़िताब की मज़बूत दावेदार मानी जा रही थी. जोहानिसबर्ग में कप्तान गांगुली ने टॉस जीतकर गेंदबाज़ी चुनी. हरभजन सिंह ने ओपनर्स मैथ्यू हेडन और एडम गिलक्रिस्ट के विकेट अपने नाम कर लिए. लेकिन इसके बाद कप्तान रिकी पॉन्टिंग ने 121 गेंदों पर नाबाद 140 और डैमियन मार्टिन ने 84 गेंदों पर नाबाद 88 रन बनाए.

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ऑस्ट्रेलिया ने भारत के सामने 360 रनों की विशाल चुनौती रखी. जवाब में भारतीय टीम 40 ओवर भी नहीं टिक पाई और 234 पर सिमट गई. ऑस्ट्रेलिया ने 125 रनों से फाइनल जीतते हुए ख़िताब पर कब्ज़ा जमा लिया.

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 मजबूत भारतीय टीम को मिली 2023 वर्ल्ड कप फाइनल में हार

अहमदाबाद में 2023 में खेला गया वर्ल्ड कप फाइनल एक बार फिर भारत की एक ऐसी हार का गवाह बना जब भारतीय टीम को जीत का बेहतर और मज़बूत दावेदार माना जा रहा था. फाइनल में रोहित शर्मा (47), विराट कोहली (54) और केएल राहुल (66) के अलावा बाक़ी के बैटर्स लड़खड़ा गए. भारतीय टीम 50 ओवरों में 10 विकेट खोकर 240 रन बना सकी.

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बड़ी बात ये रही कि बुमराह के साथ मो. शमी ने नई गेंद से शुरुआत की. लेकिन ट्रैविस हेड की शतकीय पारी (137) और मार्नस लाबुशान (58 नॉट आउट) ने मैच को 43वें ओवर में ही भारत के हाथों से छीन लिया. ऑस्ट्रेलिया ने 42 गेंद रहते 6 विकेट से फाइनल अपने नाम कर लिया.

जब सचिन भी रो पड़े?-120 रन के टारगेट का पीछा नहीं कर सकी टीम इंडिया

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वेस्ट इंडीज़ में ब्रिजटाउन टेस्ट में हार की यादें अब भी ताज़ा हैं. 1997 में खेले गए उस मैच में  मेज़बान टीम के 298 रनों के जवाब में कप्तान सचिन तेंदुलकर ने 92 रनों की पारी खेली. भारत ने 398 रन बनाकर 21 रनों की बढ़त हासिल की.

दूसरी पारी में अबि कुरुवेला ने 5, वेंकटेश प्रसाद ने 3 और डोडा गणेश ने 2 विकेट लिए. सिर्फ 3 गेंदबोज़ों ने गेंदबाज़ी की और विंडीज़ टीम को 45 ओवरों में 140 पर समेट दिया. भारत को जीत के लिए 120 रनों का टारगेट मिला. वीवीएस लक्ष्मण के 19 के अलावा कोई बैटर अपने स्कोर को दहाई अंकों में भी नहीं ले जा सका. भारतीय टीम 36 ओवर से भी पहले 81 पर ढेर हो गई. विंडीज़ टीम ने 38 रनों से मैच जीता. कई जानकार बताते हैं कि सचिन इस मैच की हार पर रो पड़े थे. 

1996 की वर्ल्ड कप सेमीफ़ाइनल में- फैंस संग रोये कांबली

ईडन गार्डन्स. 1996 वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल. इस पूरे टूर्नामेंट में वर्ल्ड कप में सनथ जयसूर्या और रोमेश कालूविथरना की जोड़ी ने कप्तान अर्जुना राणातुंगा, अरविंद डि सिल्वा चामिंडा वास और मुथैया मुरलीधरण जैसे धुरंधरों के साथ गदर काटा हुआ था. लेकिन जावागल श्रीनाथ, वेंकटेश प्रसाद, अनिल कुंबले, सचिन तेंदुलकर, आशीष कपूर और अजय जडेजा जैसे स्टार्स ने श्रीलंका को 251/8 पर रोक दिया.

252 के टारगेट का पीछा करते हुए सचिन तेंदुकर ने पनिंग करते हुए 65 रन जोड़े. लेकिन अचानक मैच में बॉलीवुड ट्विस्ट आया. 98 के स्कोर पर भारत का सबसे बड़ा सचिन तेंदुलकर का विकेट गिरा और आसमान टूट गया. सनथ जयसूर्या की गेंद पर विकेटकीपर कालूविथर्ना ने सचिन को स्टंप आउट कर दिया. उस दौर में दौर सचिन के आउट होने का मतलब था भारत आउट. सचिन के आट होते ही लाखों टेलीविज़न बंद हो जाया करते थे.  

2 विकेट पर 98 रन से 8 विकेट पर 120 रन होते देर नहीं लगी. विनोद कम्बली 29 गेंदों में 10 रन बनाकर 49 मिनट तक बिना किसी बाउंड्री के जूझते रहे. और तब कोलकाता की भीड़ ने आपा खो दिया. कांबली सहित लाखों भारतीय फ़ैंस की आंखों में आंसू थे. क्वार्टरफाइनल में पाकिस्तान जैसी मज़बूत टीम को हराने वाली भारतीय टीम सेमीफ़ाइनल में चैंपियन श्रीलंका के हाथों हार कर बाहर हो गई.

जब वर्ल्ड कप में टूट गया पाकिस्तानी हार का सिलसिला 

2021 के दुबई में हुए टी-20 वर्ल्ड कप के फाइनल में पाकिस्तान की भारत से हार का सिलसिला टूट गया. 1992 के 50 ओवर वर्ल्ड कप से लेकर 2021 तक भारत और पाकिस्तान के बीच 12 मैचों में हर बार (7 बार 50 ओवर वर्ल्ड कप और पांच बार 20 ओवर वर्ल्ड कप) भारत ने पाकिस्तान को शिकस्त दी थी. लेकिन 2021 के टी-20 फाइनल ने ये सिलसिला तोड़ दिया. दुबई टी-20 वर्ल्ड कप में भारत की ओर से कप्तान विराट कोहली के 57 और ऋषभ पंत ने 39 रनों की पारी खेली. भारत ने पाकिस्तान के सामने 152 रनों का आसान सा टारगेट रखा.

मो. रिज़वान (55 गेंदों पर 79 रन) और कप्तान बाबर आज़म (52 गेंदों पर 68 रन) की जोड़ी ने भारतीय गेंदबाज़ों की एक नहीं चलने दी. पाकिस्तान ने बिना कोई विकेट गंवाए इस फाइनल को एकदम एकतरफा बना दिया. बुमराह, मो.शमी, भुवनेश्वर कुमार, वरुण चक्रवर्ती और रविंद्र जडेजा के हर दांव पर पाकिस्तानी ओपनर्स ने पानी फेर दिया.

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