भारत का हेड कोच बनने से क्यों कतराते हैं लोग? ये है 5 बड़े कारण, लक्ष्मण ने भी किया इनकार!

Team India Head Coach Problems: खबर आ रही है कि द्रविड़ के बाद देश के पूर्व क्रिकेटर वीवीएस लक्ष्मण भी हेड कोच बनने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर हर कोई क्यों भारत का कोच बनने से कतरा रहा है, तो उसके 5 मुख्य कारण कुछ इस प्रकार हैं-

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Team India Head Coach Problems: जल्द ही भारतीय टीम एक नए कोच की देखरेख में शिरकत करते हुए नजर आने वाली है. दरअसल, टी20 वर्ल्ड कप 2024 के साथ ही राहुल द्रविड़ के कार्यकाल का समापन हो रहा है. आगे वो इस पद पर बने रहने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं. ऐसे में बीसीसीआई की तरफ से अहम पद के लिए विज्ञापन भी निकाला गया है. माना जा रहा था कि द्रविड़ के बाद देश के ही पूर्व क्रिकेटर वीवीएस लक्ष्मण इस जिम्मेदारी को संभाल सकते हैं, लेकिन उनकी भी इस पद पर कार्य करने की दिलचस्पी नजर नहीं आ रही है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर क्यों दिग्गज क्रिकेटर इस पद का भार उठाने से हमेशा कतराते हैं. अगर आपका भी यही सवाल है तो आप इन 5 अहम बिंदुओं से कुछ हद तक समझ सकते हैं. 

फैंस और क्रिकेट अधिकारियों का भारी दबाव 

यह बताने की किसी को जरूरत नहीं है कि भारतीय फैंस क्रिकेट को लेकर कितने जुनूनी हैं. अगर टीम को जीत मिलती है तो वह कप्तान, कोच और खिलाड़ियों को सिर पर बैठा लेते हैं. वहीं शिकस्त मिलती है तो वह उनकी इज्जत उतारने में भी बिल्कुल संकोच नहीं करते हैं. इसके अलावा कोच के ऊपर क्रिकेट अधिकारियों का भी भारी दबाव रहता है. ऐसे प्रेशर भरे माहौल में जहां एक उम्र के बाद खिलाड़ी आराम करना चाहते हैं. वहां ऐसी परेशानियां उठाना नहीं पसंद करते हैं. शायद यही वजह है कि वह भारतीय कोच पद से दुरी बना रहे हैं.

छोटे कार्यकाल में बेहतर रिजल्ट देने का दबाव 

कोच पद का कार्यकाल ज्यादा लंबा नहीं होता है. वहीं छोटे से कार्यकाल में उनके ऊपर बेहतर रिजल्ट देने का दबाव रहता है. अगर रिजल्ट अच्छा नहीं रहा तो फिर पूर्व दिग्गजों के ताने सुनने पड़ते हैं और उनका नाम धूमिल होता है. इन वजहों से भी बड़े क्रिकेटर कोच पद से दुरी बना रहे हैं.  

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​हितों के टकराव की समस्या 

मौजूदा समय में विश्व क्रिकेट के बड़े कोच किसी न किसी लीग के साथ जुड़े हुए हैं. अगर वह बीच कार्यकाल में वहां से इस्तीफा देते हैं और भारत के मुख्य कोच बनने की दिशा में आगे बढ़ते हैं तो हितों के टकराव की समस्या उत्पन्न होने की संभावना रहती है.

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परिवार से दूर रहने की बनी रहती है समस्या

मौजूदा समय में भारतीय टीम साल भर में करीब 9 महीने मैदान में रहती है. ऐसे में कोच को भी खिलाड़ियों के साथ हमेशा दौरों पर रहना पड़ता है. जिसकी वजह से वह अपने परिवार को समय नहीं देते पाते हैं. यह उनके लिए एक बड़ी समस्या रहती है. 

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टी20 लीग बनी पहली प्राथमिकता

किसी नेशनल टीम का कोच बनने पर हेड कोच को सालभर टीम के साथ रहना पड़ता है. वहीं अगर लीग के साथ वह जुड़ते हैं तो कुछ महीने में अच्छी आमदनी कमा लेते हैं. इससे उन्हें अपने परिवार के साथ समय बिताने का भी भरपूर समय मिलता है.

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