T20 World Cup 2024: इन 4 बड़ी वजहों से विश्व कप का अमेरिका चरण साबित हुआ एकदम फ्लॉप शो

T20 World Cup 2024: मेगा इवेंट पूरी तरह से कितना सफल रहा, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि विंडीज में होने वाला सुपर-8 राउंड दौर कैसा साबित होता है

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T20 World Cup 2024: अमेरिका चरण का आयोजन खासा निराशाजनक साबित हुआ है
नई दिल्ली:

जारी टी20 विश्व कप (T20 World Cup 2024) में अभी सुपर-8 राउंड (super8 round) की सात टीमें फाइनल हो गई हैं. ग्रुप स्टेज के मैच लगभग खत्म होने को है, लेकिन इस ग्रुप स्टेज के मैचों ने अमेरिका में हुए मेगा इवेंट के चरण की पोल खोल दी है. मानों पिच, हालात और बाकी वजह कम पड़ गए थे कि बारिश ने इस पर कोढ़ में खाज का काम किया. नतीजा यह रहा कि मेगा इवेंट का शुरुआती चरण "फ्लॉप मूवी' साबित हुआ. हालांकि,अमेरिका के दृष्टिकोण का सबसे बड़ा सकारात्मक पहलू उनकी टीम का सुपर आठ चरण में पहुंचना रहा. अमेरिका पहली बार इस वैश्विक टूर्नामेंट में भाग ले रहा है. टीम ने कनाडा और पाकिस्तान के खिलाफ उलटफेर करने के बाद भारत को भी कड़ी टक्कर दी. बहरहाल, मुद्दे पर लौटते हैं और आपको उन चार बड़े पहलुओं के बारे में बताते हैं, जिन्हें अमेरिका चरण का मजा पूरी तरह किरकिर कर दिया.


1. लॉजिस्टिक्स ने खूब परेशान किया. 

आईसीसी को स्वीकारना होगा कि लॉजिस्टिक्स और संगठन से जुड़ी समस्याओं ने विश्व कप के दौरान काफी परेशान किया. न्यूयॉर्क के लांग आइलैंड स्थित नासाउ काउंटी क्रिकेट मैदान को ही देखे तो यह न्यूयॉर्क शहर के सीबीडी (सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट) से एक घंटे से अधिक की दूरी पर है. यह स्टेडियम एक अस्थायी सुविधा वाला है. विश्व कप के मैचों के खत्म होने के साथ ही 37,000 दर्शकों की क्षमता वाले स्टेडियम को ध्वस्त किया जाने लगा है.  अब यह कोई नहीं जानता कि अब से उस मैदान पर किस तरह के क्रिकेट मैच खेले जाएंगे. 

2. न्यूयार्क की पिच बहुत खराब

न्यूयार्क स्थित नसाऊ काउंटी मैदान पर भारतीय टीम का सामना पाकिस्तान से हुआ. इस मुकाबले का प्रचार बढ़-चढ़कर किया गया लेकिन पिच पर बल्लेबाजों को रन बनाने के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. जहां फैंस चौकों-छक्कों की उम्मीद कर रहे थे, तो इस पिच पर बल्लेबाजों के लिए रन बनाने के लाले पड़ गए.  आयरलैंड के खिलाफ भारत के शुरुआती मैच में असामान्य उछाल से कप्तान रोहित शर्मा और ऋषभ पंत को चोट भी लगी. इसके बाद पिच पर पूरी तरह से समतल करने के लिए रोलर को इतना अधिक चलाया कि यह काफी धीमी हो गयी और 20 ओवर में 115-120 रन पहुंचना मुश्किल हो गया. इसे टी20 क्रिकेट के लिए कहीं से सही नहीं कहा जा सकता है. 

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3. मैचों की लोकल टाइमिंग सही नहीं

मैच के समय की बात करें तो आम तौर पर इसका आयोजन शाम में होता है लेकिन यहां मैचों का आयोजन सुबह 10 बजे हुआ ताकि भारतीय दर्शकों इसे रात में आठ बजे से देख सकें. टी20 एक ऐसा फॉर्मेट है, जिसके किसी भी देश में विकास के लिए मैच का सुबह के समय आयोजन पूरी तरह से समझ से परे है. अगर भारत के टीवी समय को देखते हुए मैचों का आयोजन सुबह दस बजे रखा गया, तो फिर इससे अमेरिका में इसका कितना असर पड़ा होगा, यह आप समझ सकते हैं. 

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4. महंगे टिकट और खराब सुविधाएं

भारत-पाक मैच के टिकटों की कीमत 300 डॉलर (लगभग 25,000 रुपये) से 10,000 डॉलर (लगभग 8.35 लाख रुपये) रखी गयी थी. इसकी तुलना बेसबॉल से करें तो उसके मैचों का सबसे सस्ता टिकट 34 से 54 डॉलर तक होता है, जबकि महंगा टिकट 3000 डॉलर के आस-पास का होता है. वहीं,  फ्लोरिडा का फोर्ट लाउडरहिल मैदान अंतरराष्ट्रीय मैच के लिए पहले से तैयार है और भारतीय टीम यहां लगातार खेलते भी रही है. तटीय क्षेत्र होने के कारण यहां हमेशा बारिश की संभावना बनी रहती है लेकिन विश्व कप जैसे अहम आयोजन के लिए आईसीसी पूरे मैदान को ढकने का इंतजाम नहीं कर पाया. इससे बारिश के कारण तीन अहम मैच धुल गये.

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