Team India Final's XI against South Africa: जारी टी20 विश्व कप (T20 World Cup) में वीरवार को इंग्लैंड को 68 रनों के विशाल अंतर से मात देने के बाद अब करोड़ों भारतीय फैंस की आंखों में खिताबी जीत का सपना पलने लगा है. जब बात टी20 विश्व कप (T20 World Cup) की आती है, तो भारत ने अभी तक साल 2007 में धोनी की कप्तानी में उद्घाटक संस्करण जीतने के बाद से कोई भी खिताब नहीं जीता है. साल 2014 में बांग्लादेश में खेले गए संस्करण में भारत फाइनल में पहुंचा था, लेकिन इसके बाद से तो सूखा ही पड़ा हुआ है. बहरहाल, अब करोड़ों भारतीय फैंस को भरोसा हो चला कि भारतीय शेरों ने अभी तक जैसा प्रदर्शन किया है, उसे देखते हुए टीम इंडिया फाइनल (Ind vs Sa Final) में भी बाजी मारेगी. चलिए हमारे सूत्रों के हिसाब से बारबाडोस से छनकर आ रही खबरों के अनुसार उस सबसे मजबूत भारतीय XI से आपका परिचय करा देते हैं, जो फाइल में मैदान पर उतरेगी. और आप अभी यह भी जान लें कि इन XI खिलाड़ियों का कैसा प्रदर्शन मेगा इवेंट में अभी तक रहा है.
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1. रोहित शर्मा
एकदम से ही अपनी एप्रोच से रोहित शर्मा ने टीम के खिताब के आसार की उम्मीदों को अगले ही स्तर पर पहुंचा दिया है. पहले ऑस्ट्रेलिया और अब फिर वीरवार को इंग्लैंड के खिलाफ जड़े शतक का असर पूरी टीम के तेवरों पर पड़ा है. रोहित अभी तक 7 मैचों की इतनी ही पारियों में 41.33 के औसत और 3 अर्द्धशतकों से 248 रन बना चुके हैं.
2. विराट कोहली
यह सही है कि यह मेगा विश्व कप कोहली का अभी तक के करियर का सबसे घटिया टूर्नामेंट रहा है, लेकिन भारतीय पूर्व कप्तान दिन विशेष कर क्या कर सकते हैं, यह सभी को मालूम है. कोहली का 7 मैचों में औसत 10.71 का रहा है, लेकिन उनका समग्र रिकॉर्ड ही सबकुछ बयां करने के लिए काफी है.
3. ऋषभ पंत
चोटिल होने के बाद पंत फिटनेस और बल्ले से अलग ही अंदाज में दिखे हैं. उनकी पारियों भले ही बहुत छोटी हैं, लेकिन ये असरदार और पूरी टीम की एप्रोच और पारी के असर को साफ बताती हैं. पंत ने 7 मैचों की इतनी ही पारियों में 28.50 के औसत से 171 रन बनाए हैं.
4. सूर्यकुमार यादव
यह एक और बल्लेबाज हैं, जिनका असर किसी भी लिहाज से रोहित से कम नहीं है. जब-जब हालात मुश्किल हुए हैं, तो सूर्या इन्हें सहज बनाकर टीम को उबारते हुए ट्रैक पर लाए है. सूर्या ने 7 मैचों में 32.66 के औसत से 196 रन बनाए हैं.
5. हार्दिक पांड्या
आईपीएल में बहुत फ्लाप रहे और ट्रोल हुए हार्दिक पांड्या टीम इंडिया की ऐसी कड़ी साबित हुए हैं, जिन्हें शानदार संतुलन प्रदान किया है. पांड्या ने 7 मैचों में 46.33 के औसत से 139 रन बनाए हैं, तो फेंके 22 ओवरों में 8 विकेट भी लिए हैं.
6. अक्षर पटेल
यह कहना गलत नहीं होग कि अक्षर पटेल फाइनल तक आते-आते मानो रोहित का एक बड़ा तुरुप का पत्ता बन गए. पटेल ने 15.00 के औसत से 45 रन बनाए, तो फेंके 18 ओवरों में 8 विकेट भी लिए. सेमीफाइनल में अक्षर का प्रदर्शन दक्षिण अफ्रीकियों के लिए एक बड़े खतरे की घंटी है
7. शिवम दुबे
यह सही है कि दुबे उम्मीदों पर पूरी तरह खरे नहीं उतरे, लेकिन कुछ जरुरत के मौकों पर उपयोगी योगदान भी उन्होंने दिया. दुबे ने 7 मैचों में 21.20 के औसत से 106 रन बनाए. उनके बड़े छक्के लगाने की खासियत दिन विशेष पर बड़ा अंतर पैदा कर सकती है और वह XI का हिस्सा होने जा रहे हैं.
8. रवींद्र जडेजा
रवींद्र जडेजा से उम्मीदें पूरी नहीं हुईं, तो उनका ज्यादा इस्तेमाल भी नहीं पाया. यह बताता कि भारतीय टीम में कितनी ज्यादा गहराई है, लेकिन दिन विशेष पर जडेजा भी एक मैच विनर हैं.
9. जसप्रीत बुमराह
यह पेसर रोहित शर्मा का टूर्नामेंट में सबसे बड़ा हथियार साबित हुआ है. भारतीय पेसर के इकॉनमी रन-रेट (4.12) के पूरे क्रिकेट जगत में चर्चे हैं. और दक्षिण अफ्रीकियों को फाइनल में बुमराह मिसाइल से सतर्क रहना होगा
10. कुलदीप यादव
कुलदीप यादव का जितना योगदान फाइनल तक के सफर में रहा है, उन्हें श्रेय हक के हिसाब से नहीं मिला. सेमीफाइनल के तीन विकेट एक अलग ही कहानी कुलदीप की बताते हैं. कुलदीप ने खेले 4 मैचों में खेले 16 ओवरों मे ही 10 विकेट चटका दिए. फाइनल में वह एक अहम हथियार हैं.
11. अर्शदीप सिंह
किसी को एक बार को यकीन नहीं होता कि बुमराह को पछाड़कर लेफ्टी पेसर टूर्नामेंट में फजलहक फारूकी (17) के बाद दूसरे सबसे ज्यादा (15) विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं. वजह यह है कि अर्शदीप बिना किसी एक मैच में असाधारण प्रदर्शन किए निरंतरता के साथ दो-तीन विकेट हर मैच में लेते रहे. इस लिहाज से तो वह प्लेयर ऑफ द सीरीज के भी दावेदार हैं.