इंडियन प्रीमियर लीग (IPL 2025) में पिछले कुछ दिनों में खिलाड़ियों के 'बैट टेस्ट' को लेकर क्रिकेट गलियारे में जोर-शोर से चर्चा चल रही है. मैदानी अंपायरों ने रोहित शर्मा (Rohit Sharma), हार्दिक पंड्या (Hardik Pandya) सहित कई खिलाड़ियों का बैट टेस्ट लिया, लेकिन इसमें सुनील नरेन, एनरिच नॉर्किया के साथ ही आंद्रे रसेल इस टेस्ट में फेल पाए गए. और अंपायरों ने उनकी पहली पसंद के बल्ले के इस्तेमाल करने करने पर रोक लगा दी. केकेआर के इन तीनों ही खिलाड़ियों का बैट पंजाब के खिलाफ मंगलवार को खेले गए मैच के दौरान नियमों के पैमाने पर खरे नहीं उतरे. अब इस मामले पर IPL के गवर्नर अरुण धूमल ने सफाई दी है.
धूमल ने एक अखबार से बातचीत में कहा, 'किसी को भी यह महसूस नहीं करना चाहिए कि किसी को भी गैरजरूरी फायदा दिया जा रहा है. बीसीसीआई और आईपीएल ने हमेशा ही इस दिशा में पहल की है, जिससे खेल में निष्पक्षता बरकरार रहे. हमने सभी निर्णमों की समीक्षा सुनिश्चित करने के लिए अधिकतम तकनीक का इस्तेमाल किया है, जिससे मैच पर गलत असर न पड़े. हमारी इस पहल के पीछे इस विचार से यह सुनिश्चित करना है कि खेल की भावना बरकरार रहे.'
अब जबकि इस संस्करण में दो सौ से ऊपर का स्कोर सामान्य बात हो चली है, तो पंडितों और पूर्व क्रिकेटरों के बीच गेंद और बल्ले बीच संतुलन को लेकर काफी चर्चा हो रही है. इस दौरान जरूरत से ज्यादा बल्ले के साइज चर्चा का विषय रहे हैं. कुछ यही बात अंतरराष्ट्रीय बल्लेबाज ने स्वीकार की.
अंतरराष्ट्रीय बल्लेबाज ने अखबार से बातचीत में कहा,'इन दिनों बल्ले का निचला हिस्सा काफी मोटा देखने को मिल रहा है क्योंकि इसी हिस्से से बल्लेबाज गेंद से संपर्क करने की कोशिश करते हैं. 'स्वीट स्पॉट' के इर्द-गिर्द ज्यादा लकड़ी लगाई जा रही है, जबकि हैंडल के नजदीक कम लकड़ी होना स्ट्रोक में ज्यादा पावर प्रदान करता है'