"साउथ अफ्रीका और यूएई की फ्रेंचाइजी लीग क्रिकेट में भारतीय खिलाड़ियों को दिया जा सकता है मौका"

गावस्कर ने कहा कि भारतीय खिलाड़ियों को विदेशी लीग में खेलने की अनुमति दी जा सकती है, खासकर यूएई और साउथ अफ्रीका की टी20 लीग में, क्योंकि वहां की अधिकांश टीमें भारतीयों की ही है.

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यूएई और साउथ अफ्रीका में नई क्रिकेट लीग शुरू होने जा रही है
नई दिल्ली:

दुनिया भर में अब फ्रैंचाइजी क्रिकेट लगातार बढ़ रहा है. भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसे देशों में यहां तक की अब यूएई और साउथ अफ्रीका में भी फ्रेंचाइजी टी20 लीग शुरू हो चुकी हैं. बता दें कि यूएई और अफ्रीका में शुरू होने वाली इन दोनों लीगों में अधिकांश टीमों का नियंत्रण आईपीएल टीम मालिकों के पास ही है.

अधिक फ्रेंचाइजी क्रिकेट का मतलब साफ है कि खिलाड़ियों को अब की आकर्षक टी20 लीग खेलने को मिलेगी. हालांकि किसी भी एक्टिव भारतीय खिलाड़ी को इन विदेश फ्रंचाइजी टी20 लीग में खेलने की अनुमति नहीं है. सुनील गावस्कर ने स्पोर्ट स्टार के लिए लिखे अपने कॉलम में इस मुद्दे पर लिखा.  उन्होंने लिखा "कुछ विदेशी पूर्व खिलाड़ियों ने कहा है कि भारतीय खिलाड़ियों को बिग बैश या हंड्रेड खेलने की अनुमति दी जानी चाहिए, मूल रूप से, वे चाहते हैं कि उनकी लीगों में अधिक स्पोंसरशिप उन्हें मिले. वे अपने क्रिकेट के बारे में चिंतित हैं, जो पूरी तरह से समझ में आता है.

" भारतीय क्रिकेट बोर्ड अपने खिलाड़ियों को इन विदेशी क्रिकेट लीग में इसलिए नहीं खेलने देता क्योंकि बोर्ड चाहता है कि उनके खिलाड़ी हर किसी टूर्नामेंट के लिए एकदम से फ्रैश दिखें और फिट रहें. उन्होंने  कहा कि ये दुनिया भर की लीग ये तो चाहती हैं कि भारतीय खिलाड़ी उनकी लीग में आकर खेलें लेकिन बाकी स्पोर्टिंग स्टॉफ और भारतीय क्रिकेट से जुड़े अन्य लोग जो अच्छा काम कर रहे हैं उनके बारे में वे बाद नहीं करते इसका मतलब साफ है कि वे अपने इन लीग में ज्यादा से ज्यादा स्पोंसरशिप चाहते हैं. 

आगे उन्होंने कहा कि भारतीय खिलाड़ियों को विदेशी लीग में खेलने की अनुमति दी जा सकती है, खासकर यूएई और एसए टी20 लीग में, क्योंकि वहां की अधिकांश टीमें भारतीयों की ही हैं.  इन लीग में खिलाड़ी क्या कमा सकते हैं इसकी सीमा और पुरस्कार राशि के रूप में छोटा बदलाव यूएई और दक्षिण अफ्रीकी लीग में बड़ी फीस और बड़ी पुरस्कार राशि को अधिक आकर्षक भी बनाता है. "इन दो नई लीगों में टीमों की संरचना मुख्य रूप से फ्रेंचाइजी हैं जिनकी आईपीएल में टीमें हैं और इसलिए 'पुरानी शक्तियों' में मीडिया ने आईपीएल को दोष देना शुरू कर दिया है.

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 हालांकि इन दोनों लीग में खिलाड़ियों का कंपोजिशन टीम में क्या रहने वाला है ये फ्रंचाइजियां ही तय करने वाली हैं क्योंकि इन दोनों लीग से भारतीय क्रिकेट बोर्ड का सीधा कोई लेना देना  नहीं लेकिन हो सकता है कि कुछ भारतीय खिलाड़ियों को इन लीगों में खेलने के लिए अनुमति दे दी जाए. वैसे इस दौरान भारतीय टीम जहां भी क्रिकेट खेल रही होगी  भारतीय टीम के स्टार खिलाड़ी सब भारत के लिए ही खेल रहे होंगे बस कुछ खिलाड़ियों को इनके लिए मौका दिया जा सकता है. 

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