Sunil Gavaskar: "इन योयो-टोयो टेस्ट को..." सुनील गावस्कर ने फिटनेस पर अपने बयान ने विश्व क्रिकेट को चौंकाया

Sunil Gavaskar: भारत को न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में 8 विकेट से हार का सामना करना पड़ा. हालांकि, सरफराज खान और ऋषभ पंत ने दूसरी पारी में चौथे विकेट के लिए 177 रनों की साझेदारी कर भारत को मैच में वापसी करवाने में अहम भूमिका निभाई.

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Sunil Gavaskar: सुनील गावस्कर ने खिलाड़ियों की फिटनेस को लेकर बड़ी बात कही है

Sunil Gavaskar said Discard YoYo Tests: एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में तीन मैचों की सीरीज के पहले मुकाबले में भारक को 8 विकेट से हार का सामना करना पड़ा है. बेंगलुरु टेस्ट की पहली पारी में कीवी गेंदबाजों की शानदार गेंदबाजी ने पहली पारी में भारत को सिर्फ 46 रन पर समेट दिया, जिससे न्यूजीलैंड ने शुरुआत में ही बढ़त बना ली. न्यूजीलैंड ने पहली पारी में 402 रन बनाए थे और भारत पर 356 रनों की बढ़त हासिल की थी. इस दौरान रचिन रवींद्र ने शानदार 134 रनों का योगदान था.

भारत ने अपनी दूसरी पारी में 462 रन बनाए, जिसमें सरफराज खान (150) और ऋषभ पंत (99) के बीच चौथे विकेट के लिए 177 रनों की साझेदारी कर भारत को मुकाबले में वापसी करवाने का प्रयास किया था. लेकिन दूसरी नई गेंद पर भारत ने सात विकेट गंवा दिए, जिससे न्यूजीलैंड फिर से खेल में वापस आया. न्यूजीलैंड को मैच जीतने के लिए 107 रनों का लक्ष्य मिला था, जिसे उसने खेल के आखिरी दिन 2 विकेट खोकर हासिल कर लिया था. वहीं इस मैच के बाद पूर्व भारतीय खिलाड़ी सुनील गावस्कर ने खिलाड़ियों की फिटनेस को लेकर बड़ी बात कही है.

सुनील गावस्कर ने सरफराज खान और ऋषभ पंत का उदाहरण देते हुए कहा है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खेलों में फिटनेस का कोई एक मानक नहीं हो सकता है. सुनील गावस्कर ने स्पोर्टस्टार पर लिखे अपने कॉलम में लिखा,"यदि कभी इस बात का प्रमाण चाहिए था कि खेलों में फिटनेस का कोई एक मानक नहीं हो सकता है, तो यह बेंगलुरु में न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में दिखा था. दो खिलाड़ियों, जिनकी कमर को उनके सबसे उत्साही फैन भी सुपर स्लिम नहीं कहेंगे, ने 177 रनों की शानदार साझेदारी की, जिसने भारत को पारी की हार से बचा लिया. उनकी वीरता व्यर्थ चली गई, क्योंकि उनके पीछे आने वाले बल्लेबाजों के पास उस पिच से निपटने के लिए तकनीक या स्वभाव नहीं था, जो कम उछाल वाली पिचों से अलग थी, जहां वे हावी थे, इससे निराशा ही बढ़ी."

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सुनील गावस्कर ने इस दौरान सरफराज खान को लेकर लिखा कि उनकी कमर के चलते उन्हें लंबे समय तक टीम इंडिया में शामिल नहीं किया गया था वो भी तब जह वह घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन कर रहे थे. सुनील गावस्कर ने आगे लिखा,"घरेलू क्रिकेट में शतकों से रन बनाने के बावजूद सरफराज खान को पिछले कुछ सालों से भारतीय टीम में जगह नहीं मिल रही है. इसका मुख्य कारण यह था कि जो लोग निर्णय लेने की स्थिति में थे, उनका मानना ​​था कि उनकी कमर उतनी पतली नहीं है जितनी वे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिए आवश्यक समझते थे. बल्ले से मैदान पर सरफराज की वापसी उनकी कमर से भी ज्यादा शानदार थी. अफसोस की बात है कि भारतीय क्रिकेट में बहुत सारे ऐसे निर्णय लेने वाले लोग हैं जिनके पास ऐसे विचार हैं जिनकी थाह लेना मुश्किल है."

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सुनील गावस्कर ने ऋषभ पंत को लेकर आगे लिखा,"ऋषभ पंत एक और खिलाड़ी हैं जिनके पास पतली कमर नहीं है जैसा कि ये फिटनेस विशेषज्ञ चाहते हैं, लेकिन वह कितने प्रभावशाली खिलाड़ी हैं. आइए यह न भूलें कि वह पूरे दिन विकेट भी लेते हैं, जिसके लिए न केवल लगभग छह घंटे के खेल के दौरान उठना-बैठना पड़ता है, बल्कि थ्रो इकट्ठा करने के लिए स्टंप तक दौड़ना भी पड़ता है. इसलिए, कृपया इन योयो-टोयो परीक्षणों को त्यागें और इसके बजाय यह आकलन करें कि कोई खिलाड़ी मानसिक रूप से कितना मजबूत है. यह किसी खिलाड़ी की फिटनेस का सच्चा संकेतक होगा. यदि कोई खिलाड़ी पूरे दिन बल्लेबाजी कर सकता है या एक दिन में 20 ओवर गेंदबाजी कर सकता है, तो वह मैच-फिट है, भले ही उसकी कमर कितनी पतली हो या न हो."

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