'IPL के कारण भारतीय क्रिकेट को हो रहा भारी नुकसान, क्योंकि...' सुनील गावस्कर के बयान ने मचाई खलबली

IPL vs Ranji Trophy Imbalance: गावस्कर का मानना है कि IPL की चमक-दमक के कारण रणजी ट्रॉफी जैसी टूर्नामेंट नजरअंदाज हो रही है और भारतीय क्रिकेट को इससे नुकसान हो रहा है.

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IPL vs Ranji Trophy Imbalance, Sunil Gavaskar react on it

Sunil Gavaskar on IPL vs Ranji Trophy Imbalance: आईपीएल (IPL) दुनिया की सबसे बड़ी क्रिकेट लीग है. इस लीग में खिलाड़ियों पर पैसों की बारिश होती है.14 साल के क्रिकेटर से लेकर 43 साल के क्रिकेटर तक इस लीग में खेलते हैं और करोड़ों रुपये कमाते हैं. बता दें  कि आईपीएल (IPL 2025) के ज़रिए कई भारतीय घरेलू खिलाड़ियों को इंटरनेशनल सितारों के साथ खेलने और सीखने का मौका मिलता है, जिसमें विदेशी खिलाड़ी भी शामिल हैं. खिलाड़ियों को जो वेतन दिया जाता है, वह करोड़ों में होती है. यही कारण है कि आईपीएल की चमक दिन-रात बढ़ती जा रही है. ऐसे में सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar on IPL) ने आईपीएल को लेकर एक बड़ा दिया है जिसने सुर्खियां बटोर ली है. भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने स्पोर्टस्टार के लिए लिखे अपने कॉलम में आईपीएल की तारीफ की, लेकिन साथ ही टी20 टूर्नामेंट और भारत में घरेलू क्रिकेट में खेलने वाले खिलाड़ी के लिए अंतर भी बताया.

गावस्कर ने अपने कॉलम में लिखा, "इस आईपीएल ने एक बार फिर दिखाया है कि एक प्रदर्शन किसी अनजान खिलाड़ी को उच्च सम्मान की दौड़ में ला सकता है. यह राष्ट्रीय चैंपियनशिप, रणजी ट्रॉफी में प्रदर्शन के बिल्कुल विपरीत है, जहां बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी सुर्खियां भी नहीं बटोरते".पूर्व भारतीय बल्लेबाज ने यह भी लिखा है कि "आईपीएल का एक अच्छा सीजन किसी खिलाड़ी के लिए इतना फायदेमंद हो सकता है, जितना उसका पूरा रणजी ट्रॉफी करियर भी नहीं दे सकता. " 

पूर्व क्रिकेटर ने ये भी  बताया कि इस अंतर को कैसे कम किया जा सकता है.

गावस्कर ने अपने कॉलम में लिखा, "ऐसे कई उदाहरण हैं जब एक मैच में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी एक या दो सीजन में खेल से बाहर हो जाते हैं, लेकिन आईपीएल का एक सीजन अक्सर उन्हें रणजी ट्रॉफी में पूरे करियर से कहीं ज़्यादा देता है.  हालांकि इस असंतुलन का श्रेय आईपीएल की जनता के बीच अपील और उसके कारण बड़े पैमाने पर प्रसारण और प्रायोजन अधिकारों को दिया जा सकता है, लेकिन यह मुंह में खट्टापन ज़रूर छोड़ता है, खासकर उन लोगों के लिए जो आईपीएल की तुलना में लगभग तीन गुना ज़्यादा क्रिकेट मैच खेलते हैं. 

गावस्कर ने अपनी बात आगे ले जाते हुए लिखा, "यह ऐसा है जैसे घावों पर नमक छिड़कने जैसा, जो लोग पूरे सीजन घरेलू क्रिकेट खेलते हैं, वे अनकैप्ड आईपीएल खिलाड़ी के सबसे कम बेस प्राइस 30 लाख रुपये भी नहीं कमा पाते हैं. अगर मुंबई जैसे अन्य संघ रणजी खिलाड़ियों को बीसीसीआई द्वारा दिए जाने वाले भुगतान से मेल खाते हैं, तो इस असंतुलन को काफी हद तक कम किया जा सकता है. "

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