हैट्रिक यानी लगातार तीन गेंदों पर बल्लेबाजों को आउट करना, किसी भी गेंदबाज के लिए एक बेहतरीन उपलब्धि होती है. जाहिर है कि गेंदबाज के लिए ऐसा करना आसान नहीं है. लगातार तीन विकेटों का गिरना कुछ ही पलों में किसी भी मैच का रुख बदल सकता है. यही वजह है कि मैदान पर जब-जब हैट्रिक की स्थिति बनती है, तब पिच से लेकर दर्शक दीर्घा भी रोमांच के चरम पर पहुंच जाती है. और बात अगर वर्ल्ड कप जैसे बड़े टूर्नामेंट की हो तो इस रोमांच का अंदाजा लगाया जा सकता है. आज हम यहां विश्व कप इतिहास के उन्हीं पलों की बात करेंगे जब मैदान पर किसी गेंदबाज ने हैट्रिक का करिश्मा कर दिखाया. अब तक 9 गेंदबाज विश्व कप में ये कारनामा करके दिखा चुके हैं.
चेतन शर्मा
वैसे विश्व कप टूर्नामेंट को पहली हैट्रिक के लिए काफी इंतजार करना पड़ा. शुरुआत के तीन वर्ल्ड कप बिना किसी हैट्रिक के ही संपन्न हो गए. विश्व कप में पहली हैट्रिक लेने का कारनामा भारत के चेतन शर्मा ने 1987 में किया. भारत इस विश्व कप का मेजबान था और यहां की पिचें बल्लेबाजों के लिए मुफीद मानी जाती थी. ऐसे में न्यूजीलैंड के खिलाफ रदरफोर्ड, स्मिथ और चैटफील्ड की गिल्लियां बिखेर कर चेतन शर्मा ने तहलका मचा दिया था.
सकलैन मुश्ताक
विश्व कप को दूसरी हैट्रिक देखने के लिए फिर 12 साल का इंतजार करना पड़ा. इस बार ये उपलब्धि पाकिस्तानी स्पिनर सकलैन मुश्ताक ने हासिल की. 1999 में जिम्बाब्वे के खिलाफ सकलैन ने अपनी फिरकी में तीन पुछल्ले बल्लेबाजों को उलझाकर रख दिया. हेनरी ओलोंगा, एडम हकल और पोमी एमबंगवा को पवेलियन भेजकर सकलैन को ये सफलता मिली.
चामिंडा वास
ये 2003 का वर्ल्ड कप था. श्रीलंका के सामने अपेक्षाकृत कमजोर समझे जाने वाली बांग्लादेश की टीम थी. वास इस वक्त अपने करियर के चरम पर थे. पारी के पहले ही ओवर में उन्होंने बांग्लादेश के 3 शीर्ष बल्लेबाजों को अपना शिकार बना लिया. मैच के पहले ही ओवर में हैट्रिक का करिश्मा करने वाले वास पहले गेंदबाज हैं.
ब्रेट ली
2003 के विश्व कप में हैट्रिक लेने वालों में चामिंडा वास अकेले नहीं थे. ऑस्ट्रेलिया के ब्रेट ली का सामना करना इस समय पूरी दुनिया के बल्लेबाजों के लिए आसान नहीं था. ऐसे में ऑस्ट्रेलिया की शक्तिशाली टीम के सामने केन्या जैसी टीम थी. इसी मैच में ब्रेट ली की तूफानी गेंदबाजी ने केन्या के केनेडी ओटिएनो, बृजल पटेल और डेविड ओबूया को अपना शिकार बनाया और हैट्रिक हासिल की.
लसिथ मलिंगा
विश्व कप के इतिहास के में लसिथ मलिंगा एकमात्र ऐसे गेंदबाज है, जिन्होंने हैट्रिक लेने का करिश्मा एक बार नहीं, बल्कि दो बार किया है. पहली बार 2007 के विश्वकप में उन्होंने दक्षिण अफ्रीका जैसी मजबूत टीम के शॉन पोलाक और एंड्रू हॉल को ओवर की अंतिम दो गेंदों पर आउट किया और फिर अपने अगले ओवर की पहली गेंद पर जैक कैलिस को चलता कर हैट्रिक अपने नाम की. 2011 के विश्व कप में मलिंगा ने एक बार फिर ये कारनामा दोहराते हुए केन्या के खिलाफ हैट्रिक ली.
केमार रोच
वेस्टइंडीज के खिलाड़ी केमार रोच भी विश्वकप में हैट्रिक लेने वाले चुनिंदा गेंदबाजों में शामिल हैं. 2011 के विश्व कप में केमार रोच ने नीदरलैंड के खिलाफ एक मैच में उसके 3 खिलाड़ियों पीटर सीलार, बर्नार्ड लूट्स और बेरेंड वेस्टडिज्क को आउट कर हैट्रिक ली थी.
स्टीवन फिन
विश्व कप में हैट्रिक लेने वाला ये अकेला अंग्रेज गेंदबाज है. फिन ने 2015 के वर्ल्ड कप में अपने चिर-प्रतिद्वंद्वी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ये उपलब्धि हासिल की. उन्होंने पारी के लास्ट ओवर में ऑस्ट्रेलिया के ब्रैड हैडिन, ग्लेन मैक्सवेल और मिचेल जॉनसन को आउट किया.
जे पी डुमिनी
2015 के ही वर्ल्ड कप में दक्षिण अफ्रीका के जे पी डुमिनी ने भी हैट्रिक ली. डुमिनी ने श्रीलंका के खिलाफ खेले गए मैच में अपने आठवें ओवर की अंतिम गेंद पर एंजलो मैथ्यूज को आउट किया और अगले यानी 9वें ओवर की पहली दो गेंदों पर नुवान कुलशेखरा और थारिंडु कौशल का विकेट लिया और हैट्रिक अपने नाम की.
मोहम्मद शमी
शमी भारत की ओर से विश्व कप हैट्रिक का करिश्मा करने वाले दूसरे गेंदबाज हैं. 2019 के विश्वकप में मोहम्मद शमी ने अफगानिस्तान के खिलाफ उसके तीन बल्लेबाजों मोहम्मद नबी, आफताब आलम और मुजीब उर रहमान को अपना शिकार बनाया. भारत ने इस मैच में 11 रनों से जीत हासिल की थी.