IND vs ENG: लॉर्ड्स टेस्ट में 'सर जडेजा ' ने जान लड़ा दी..सालों तक याद की जाएगी ऐसी जुझारू पारी

Ravindra Jadeja fighting innings in Lord's: लॉर्ड्स टेस्ट मैच में भारत को 22 रनों से हार का सामना करना पड़ा लेकिन सर जडेजा ने अपनी पारी से दिल जीत लिया.

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Fans were impressed by the innings of 'Sir Jadeja', he was praised a lot
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  • सर रविंद्र जडेजा ने लॉर्ड्स टेस्ट मैच की चौथी पारी में 181 गेंदों का सामना करते हुए 61 रन नाबाद रहकर टीम के लिए संघर्ष किया.
  • जडेजा लॉर्ड्स में चौथी पारी में सबसे ज्यादा गेंद खेलने वाले दूसरे भारतीय बल्लेबाज बने, पहले स्थान पर अजीत अगरकर हैं.
  • मोहम्मद सिराज आखिरी विकेट के लिए जडेजा के साथ संघर्ष करते हुए आउट हुए, जिससे भारत को हार का सामना करना पड़ा.
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Sir Ravindra Jadeja: "धोनी ने ही उन्हें 2013 में 'सर रविंद्र जडेजा' नाम दिया था, उस समय धोनी सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते थे. धोनी ने सोशल मीडिया पर जडेजा को लेकर कई पोस्ट शेयर किए थे और अपने पोस्ट में उन्होंने जडेजा को 'सर 'का निकनेम दे दिया था. धोनी ने एक बार लिखा था, "अगर कभी रजनी सर को सर जडेजा की गेंदबाजी का सामना करना पड़ा, तो यह मुकाबला 'क्लैश ऑफ द टाइटन्स' के नाम से जाना जाएगा." अब ऐसा लगता है कि धोनी ने जडेजा को सर का निकनेम देकर कोई गलती नहीं की थी. "

लॉर्ड्स टेस्ट, 14 जुलाई 2025, यह एक ऐसा दिन था जो सर रविंद्र जडेजा (Jadeja) के लिए याद किया जाएगा. जडेजा ने लॉर्ड्स टेस्ट मैच में भारत की दूसरी पारी दौरान एक ऐसी पारी खेली, जो हमेशा याद की जाएगा. जडेजा ने 181 गेंद का सामना किया और 61 रन नाबाद रहकर टीम को जीत दिलाने की भरसक कोशिश की. जडेजा ने जान लड़ा दी थी लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. मोहम्मद सिराज प्लेडाउन होकर आउट हो गए. वरना जडेजा मैच का पासा पलटने ही वाले थे. जब सिराज आउट हुए तो इंग्लैंड खिलाड़ियों के जश्न को देखकर यह समझा जा सकता था कि उन्हें भारत के पुछल्ले बल्लेबाजों ने किस कदर परेशान किया था.

लॉर्ड्स के ड्रेसिंग रूप में जाने के दौरान इंग्लैंड खिलाड़ी खुश तो जरूर थे लेकिन उनके चेहरे पर थकान के संकेत साफ झलक रहे थे.  टेस्ट क्रिकेट में ऐसा क्लाइमेक्स  काफी कम ही देखने को मिलता है. यही कारण है कि जब टेस्ट मैच खत्म हुआ तो दर्शक ताली बजाने का सिलसिला रोक नहीं पा रहे थे. (Ravindra Jadeja innings that will be remembered for years to come)

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सर जडेजा की जुझारू पारी

भारत और इंग्लैंड के बीच खेला गया तीसरा टेस्ट मैच आख़िरी घंटे तक सांसें रोक देने वाला रहा. हर एक गेंद फेंके जाने से पहले जीत और हार तय होती रही. जडेजा ने वह पारी खेली जिसके बारे में आने वाली पीढ़ी करने वाली है. रवींद्र जडेजा आखिरी तर लड़ते दिखे और अजेय बनकर लॉर्ड्स के पवेलिय़न में पहुंचे. जडेजा लॉर्ड्स में चौथी पारी में सबसे ज्यादा गेंद खेलने वाले दूसरे भारतीय भी बने, जडेजा ने 181 गेंद का सामना किया. इसे पहले भारत के अजीत अगरकर ने साल 2002 में 190 गेंद चौथी पारी में खेली थी. भारत महज़ 22 रन से हार गया लेकिन टीम इंडिया की वीरता की जीत हुई.

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लॉर्ड्स में टेस्ट की चौथी पारी में भारतीय बल्लेबाज की ओर से खेली गई सर्वाधिक गेंदें

190 गेंदें – अजीत अगरकर, 2002 (हार)
181 गेंदें – रविंद्र जडेजा 2025* (हार)
159 गेंदें – एमएस धोनी, 2007 (ड्रा)
136 गेंदें – सुरेश रैना, 2011 (हार)
135 गेंदें – दिनेश कार्तिक, 2007 (ड्रा)

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सिराज हुए आउट और जडेजा ने आसमान की ओर देखा

मोहम्मद सिराज को शोएब बशीर ने आउट किया. सिराज ने रक्षात्मक अंदाज में गेंद को खेला था. लेकिन गेंद बल्ले पर लगी और स्टंप पर जाकर लग गई. यह एक ऐसा पल था जिसने भारतीय के दिल को तोड़ दिया. सिराज की खराब किस्मत ही थी कि वो एक ऐसे गेंद पर आउट हुए जिसपर उन्हें आउट नहीं होना था. सिराज को आउट होता देख जडेजा ने आसमान की ओर देखा और कुछ देर तक आंख बंद करके टेस्ट मैच के खत्म होने का मातम मनाते नजर आए. जडेजा और सिराज ने आखिरी विकेट के लिए एक ऐसा संघर्ष दिखाया जिसने हर किसी का दिल जीत लिया. 

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बेन स्टोक्स ने लगाया गले से

जब सिराज आउट हुए तो कप्तान बेन स्टोक्स से रहा नहीं गया. जडेजा के पास गए और उन्हें उनकी बेमिसाल पारी के लिए बधाई थी. स्टोक्स ने जी भरके जडेजा को गले से लगाया. ऐसी पारी कभी-कभी ही देखने को मिलती है. अपने करियर का आखिरी पड़ाव पर खड़े जडेजा ने ऐसी बल्लेबाजी खेलकर उन्हें अपने करियर को विशाल कर दिया है. जब भी जडेजा के करियर की बात होगी तो इस मैच का विशेष तौर पर जिक्र किया जाएगा. 

जडेजा ने एक छोर से उम्मीद को बनाए रखा

जब चौथी पारी में भारत के दूसरे बल्लेबाज एक के बाद एक पवेलियन जा रहे थे तो जडेजा एक छोर से उम्मीद को बांधे हुए धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे थे. जब जडेजा ने लगातार चौथी टेस्ट पारी में अर्धशतक जमाया तो उन्होंने अपना ट्रेडमार्क स्टाइल में 'तलवारबाज़ी'  वाला जश्न नहीं मनाया. उन्होंने अपनी जंग को जारी रखी, बुमराह के साथ उनकी 132 गेंदों में 35 रन की  साझेदारी यादगार रही. अंग्रेज हैरान और परेशान हो गए. एक गलत शॉट पर बुमराह कैच आउट हो गए .वरना मैच का परिणाम बदल सकता था. बुमराह के आउट होने के बाद जडेजा ने सिराज के साथ 23 रन जोड़े और इंग्लैंड को जीत के लिए हताश कर दिया. भारत आखिर में 22 रन से हार गया लेकिन इस टेस्ट मैच ने एक खिलाड़ी की जिद, जुनून का जो उदाहरण पेश किया उसे दुनिया हमेशा याद रखेगी. 

सिराज भी ज़मीन पर झुक गए

गलत अंदाज में आउट होने के बाद सिराज काफी निराश हो गए. उन्हें खुद की किस्तम पर यकीन नहीं आ रहा था. ज़ख्मी मन लिए सिराज अपने क्रीज पर शांत थे. इंग्लिश खिलाड़ियों ने उन्हें तसल्ली दी, जो रूट ने सिराज को गले से लगाकर उनकी वीरता की तारीफ की. हैरी ब्रूक और स्टोक्स ने भी सिराज को उनके संघर्ष के लि उन्हें सलाम किया.  हार के बाद भी भारत ने लॉर्ड्स में किंग बन गया. टेस्ट क्रिकेट में इस हार को ऐतिहासिक बना दिया. 

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