IND vs AUS: चौथे टेस्ट में यशस्वी जायसवाल के साथ बेईमानी हुई या नहीं, पूर्व दिग्गज अंपायर साइमन टॉफेल ने सुनाया अपना फैसला

Yashasvi Jaiswal dismissal in Boxing Day Test: चौथे टेस्ट मैच में जिस तरह से यशस्वी जायसवाल के को आउट दिया गया, उसको लेकर बहस हो गई थी. अब जायसवाल के विकेट पर पूर्व अंपायर ने अपना फैसला सुना दिया है.

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Simon Taufel react on Yashasvi Jaiswal dismissal in Boxing Day Test

Yashasvi Jaiswal dismissal in Boxing Day Test: यशस्वी जायसवाल के ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे टेस्ट के अंतिम दिन आउट होने के तरीके पर विवाद हो गया था जब उन्हें आउट करार दे दिया था. दरअसल, स्निको (आवाज की रीडिंग दिखाने वाली तकनीक) पर कोई हरकत नहीं दिखने के बाद भी तीसरे अंपायर सैकत शरफुद्दौला ने उन्हें आउट  करार दिया. जायसवाल उस समय 84 रन पर बल्लेबाजी कर रहे थे.  वह तेज गेंदबाज पैट कमिंस की शॉर्ट-पिच गेंद पर हुक करने की कोशिश में चूक गये.  गेंद विकेटकीपर एलेक्स कैरी के दस्तानों में जाने के बाद ऑस्ट्रेलिया ने कैच आउट की अपील की लेकिन मैदान अंपायर जोएल विल्सन ने बल्लेबाज को नॉट आउट दिया.

 ऑस्ट्रेलिया के कप्तान कमिंस ने इस फैसले के खिलाफ रिव्यू लिया और तीसरे अंपायर सैकत ने स्निको में कोई हरकत नहीं दिखने के बावजूद जायसवाल के बल्ले या गलव्स से टकराकर गेंद के ‘डिफ्लेक्ट (दिशा में मामूली बदलाव)' होने का हवाला देकर उन्हें आउट करार दिया. उनके इस फैसले के बाद  मेलबर्न क्रिकेट मैदान में मौजूद भारतीय प्रशंसक ‘बेईमान-बेईमान' के नारे लगाने लगे थे. 

अब जायसवाल के विकेट पर पूर्व अंपायर  साइमन टॉफेल (Simon Taufel react on Yashasvi Jaiswal dismissal) ने रिएक्ट किया है. आईसीसी एलीट पैनल के पूर्व अंपायर साइमन टॉफेल ने ‘चैनल 7' को बताया, ‘‘मेरे विचार में निर्णय आउट था.तीसरे अंपायर ने सही निर्णय लिया, उन्होंने कहा, ‘‘तकनीक प्रोटोकॉल के साथ भी हम साक्षय देखते हैं और अगर अंपायर को लगाता है कि बल्ले से लगकर गेंद की दिशा बदली है तो इस तरह मामले को साबित करने के लिए तकनीक के किसी अन्य रूप का उपयोग करने की कोई आवश्यकता नहीं है.''

उन्होंने कहा, ‘‘ गेंद की दिशा में मामूली बदलाव भी निर्णायक साक्ष्य है.  इस विशेष मामले में हमने तीसरे अंपायर से जो देखा है, वह यह है कि उन्होंने तकनीक का इस्तेमाल सहायक के रूप का उपयोग किया। चाहे जो भी कारण हो इस मामले में ऑडियो (स्निको) में ऐसा नहीं दिखा.'' साइमन टॉफेल ने आगे कहा, ‘‘ आखिर में तीसरे अंपायर ने सही काम किया और स्पष्ट ‘डिफ्लेक्शन' के आधार पर मैदानी अंपायर के फैसले को पलट दिया। इसलिए मेरे विचार से सही निर्णय लिया गया. ''

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यह घटना पर्थ में शुरुआती टेस्ट में इसी तरह के विवाद के बाद हुई है, जहां सलामी बल्लेबाज केएल के आउट होने पर बहस छिड़ गई थी. ऑस्ट्रेलिया की अपील के बाद मैदानी अंपायर रिचर्ड केटलबोरो ने राहुल के पक्ष में फैसला सुनाया था, घरेलू टीम ने फैसले को चुनौती देने के लिए डीआरएस का इस्तेमाल किया.

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थर्ड अंपायर रिचर्ड इलिंगवर्थ ने ‘स्प्लिट-स्क्रीन व्यू' का लाभ नहीं मिलने के बावजूद मैदान अंपायर के फैसले को पलट दिया था. ‘स्प्लिट-स्क्रीन व्यू' से उन्हें यह स्पष्ट तस्वीर मिल जाती कि क्या मिचेल स्टार्क की गेंद ने वास्तव में बल्ले को छुआ था या स्निको की आवाज गेंद के पैड के  टकराने से आयी थी.

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