सिर्फ 7 दिन के भीतर शुभमन गिल ने तोड़ दीं तमाम धारणाएं, इन 4 बड़ी वजहों ने बदल दी पूरी तस्वीर

Shubman Gill creates history: बर्मिंघम में गिल ने जो कमाल किया, वह मैच के परिणाम से अलग भारतीय इतिहास में कई वजहों से सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा

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नयी दिल्ली:

क्रिकेट पल विशेष में किसी को फर्श से अर्श पर पहुंचा देती है. ऐसे में सात दिन तो अपने आप में बहुत हैं! सीरीज शुरू होने से पहले शुभमन गिल (Shubman Gill) को लेकर तमाम सवाल थे, संदेह थे, अलग-अलग चर्चाएं चल रही थी, लेकिन पहले टेस्ट के 5 दिन और फिर बर्मिंघम टेस्ट शुरुआती 2 दिन मतलब सात दिन की क्रिकेट के बाद गिल को लेकर नजरिया 360 डिग्री पर पूरी तरह बदल गया है. वैसे अगर दोनों टेस्टों में गिल के क्रीज पर बिताए घंटों को जोड़ेंगे, तो ये दिन और भी कम हो जाएंगे. बहरहाल, बर्मिंघम टेस्ट की 269 रनों की कई पहलुओं से ऐतिहासिक पारी के बाद अब हर ओर गिल की ही बातें हैं, गिल ने दिल ही नहीं जीता, बल्कि उन्होंने करोड़ों फैंस और तमाम दिग्गजों का दिल लूट लिया है! आलोचकों के सुर भी अब पूरी तरह बदल गए हैं. और यह कहना गलत नहीं होगा कि यह इंग्लैंड सीरीज एक तरह से गिल का पुनर्जन्म है, यह गिल 2.O हैं. गिल में क्या और कितना बड़ा बदलाव आया है, यह आप बारी-बारी से डिटल से समझिए. 

1. ये तो एकदम कायापलट हो गया !

इंग्लैंड धरती पर इस सीरीज से पहले गिल तीन टेस्ट मैच खेले  थे. विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के तहत ये मैच न्यूजीलैंड (2021), इंग्लैंड (2022) और ऑस्ट्रेलिया (2023) थे, लेकिन इन तीनों मैचों की 6 पारियों में गिल का हाल इतना बुरा था कि उनका औसत 14.66 पहुंच गया. यही वजह थी कि गिल को लेकर दौरे से पहले शक और बड़े सवाल थे. और अब आपके सामने इस सीरीज की एक और पिक्चर है. और गिल के पहले इंग्लैंड में खेले गए मैचों से तुलना करते हुए इसे उनका 'एकदम कायापलट' कह दिया जाए, तो गलत नहीं ही होगा. जो है, वह आपके सामने है. लीड्स में शतक और बर्मिंघम में दोहरा शतक. और अभी इसके बाद तीन टेस्ट और बाकी हैं. 

2. बहुत देर आए, सही नंबर आए!

इसे मजबूरी  कहें कि या वक्त का तकाजा कि गिल नंबर-4 पर बहुत देरी से आए, लेकिन एकदम दुरुस्त आए. लीड्स टेस्ट से पहले गिल 32 टेस्ट मैच खुल चुके थे, लेकिन इसमें से करीब 17 पारियां  बतौर ओपनर थीं, तो 17 नंबर-3 पर. रोहित, विराट के जाने, फिर कप्तान बने और करुण नायर और साई सुदर्शन के इलेवन में आने से हालात ऐसे बने कि गिल को पहली बार नंबर चार का झंडा थामना पड़ा. और आप देखिए कि इस नंबर पर लीड्स से 2 टेस्ट की 3 पारियों के बाद गिल का औसत 141.33 का है. इसमें दो शतक शामिल हैं. 

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3. गिल को भा गई कप्तानी !

कम से कम कप्तान-बल्लेबाज के लिए तो ऐसा कहा जा सकता है! निश्चित तौर पर किसी भी कप्तान को 360  डिग्री पर आंकने के लिए दर्जन भर से भी ज्यादा तत्व होते हैं. निश्चित तौर पर गिल को फील्डिंग के दौरान लिए जाने वाले फैसलों, रजनात्मक फील्डिंग सजाने, सही समय पर सही बॉलर को लाने सहित तमाम पहलुओं पर काम करना है. इस बाबत गिल को बहुत ही लंबा सफर तय करना बाकी है, लेकिन एक बड़े पहलू साबित करते हुए  गिल ने पहले ही टेस्ट से बता दिया कि जब वह बैटिंग के लिए मैदान पर उतरते हैं, तो पूरी तरह से बल्लेबाज होते हैं. और बतौर कप्तान शुरुआती दो टेस्ट में दो शतक बनाकर उन्होंने बता दिया कि भले ही उन्हें कप्तान के तौर पर बहुत ही ज्यादा विकास करना है, जीत दर्ज करनी हैं, लेकिन फिलहाल तो कैप्टन कैप उन्हें भा गई है. और वह भारत के कप्तान के रूप में लंबी पारी खेलने जा रहे हैं.

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4. गिल की पारी की यूएसपी जान लीजिए!

यूएसपी बोले को यूनिक सेलिंग प्वाइंट्स, बोले तो खास बात! बर्मिंघम मे खेली 269 रन की पारी से पहले तो यही साबित कर दिया गिल ने कि बतौर कप्तान वह कोई दबाव नहीं लेते, तो कप्तान बनने के बाद अब वह अपना विकेट भी किसी बॉलर को आसानी से नहीं देंगे. अब गेंदबाजों को उनका विकेट कमाकर खाना होगा! कुछ तकनीकी बदलावों के साथ सेशन दर सेशन पारी को आगे बढ़ाकर गिल ने अपने मुंह बड़ा स्कोर लगा लिया है! वहीं, लंबी पारी में गिल ने बताया है कि जरूरत पड़ने पर वहबड़े शॉट लगाने से भी गुरेज नहीं करेंगे. मतलब 'गिल 2.O' में हम कई 'तत्व' पहली बार देख रहे हैं. भारतीय कप्तान का जोर पिछली गलती से सीख लेने पर भी खासा रहा है. इसका जिक्र गिल ने दूसरे दिन के खेल के बाद स्टार-स्पोर्ट्स से बातचीत में किया है. उम्मीद है कि इस गिल 2.O में आगे न केवल प्रदर्शन में निरंतरता देखने को मिलेगी, बल्कि बर्मिंघम जैसी बड़ी पारियां भी उनके कद को भविष्य में और ऊंचाई प्रदान करेंगी.

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