- वाशिंगटन सुंदर वनडे टीम में अपनी भूमिका को लेकर सामंजस्य बैठाने की चुनौती का सामना कर रहे हैं.
- भारतीय टीम के सहायक कोच रेयान टेन डोएशे ने वाशिंगटन की मेहनत और सुधार की इच्छा की प्रशंसा की.
- टीम के लिए ऑलराउंडरों की भूमिका महत्वपूर्ण है और डोएशे के अनुसार वे टीम के लिए अच्छा योगदान दे रहे हैं.
Ryan ten Doeschate on Washington Sundar Role: वाशिंगटन सुंदर को वनडे टीम में अपनी भूमिका को लेकर सामंजस्य बिठाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है लेकिन भारतीय टीम के सहायक कोच रेयान टेन डोएशे ने कहा कि यह ऑल-राउंडर खिलाड़ी इस प्रारूप की जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने खेल पर काफी मेहनत कर रहा है. वाशिंगटन को भारतीय टीम के वैकल्पिक अभ्यास सत्र में शुक्रवार को गेंदबाजी से ज्यादा बल्लेबाजी में पसीना बहता देखा गया. वह आखिरी ओवरों में तेजी से रन बनाने की चुनौती से निपटने के लिए अभ्यास सत्र में बड़े शॉट खेल रहे थे.
बाए हाथ के इस बल्लेबाज ने रांची वनडे में 18 गेंदों में 13 रन की पारी खेली जबकि रायपुर में सात गेंद में सिर्फ एक रन बनाए. इन दोनों मैचों में क्रीज पर उनकी मौजूदगी ने भारत की रन गति को प्रभावित किया था. ऐसे में मुख्य कोच गौतम गंभीर और बल्लेबाजी कोच सितांशु कोटक की निगरानी में उन्हें लंबे समय तक बल्लेबाजी अभ्यास करते देखना आश्चर्यजनक नहीं था. वह इस दौरान स्पिन और तेज गेंदबाजों के खिलाफ बड़े शॉट खेलने की अधिक कोशिश कर रहे थे.
डोएशे तमिलनाडु के इस खिलाड़ी की मेहनत करने की ललक से प्रभावित दिखे. उन्होंने सीरीज के तीसरे और निर्णायक वनडे की पूर्व संध्या पर कहा,"मुझे लगता है वाशी (वाशिंगटन) आखिरी ओवरों में बल्लेबाजी करने की विशेष भूमिका से सामंजस्य बैठाने की कोशिश कर रहा है. वह इस मामले में कुछ पहलुओं पर सुधार करना चाहता है."
वाशिंगटन को हालांकि सीमित ओवर प्रारूप में गेंदबाजी का पूरा मौका नहीं मिल रहा है. उन्होंने 2025 में खेले अपने पांच एकदिवसीय में सिर्फ एक मैच में 10 ओवर का कोटा पूरा किया है. डोएशे ने इस बारे में कहा,"जब आप उंगली की मदद से स्पिन करने वाले गेंदबाज के बारे में बात करते हैं तो आपको सामने वाले बल्लेबाज को देखना होता है कि वह दायें हाथ का बल्लेबाज है या बाएं हाथ का है."
उन्होंने कहा,"वह हमारे छह गेंदबाजों और कुलदीप (यादव) तथा रविंद्र (जडेजा) के साथ तीन स्पिनरों में से एक है. हम इस तरह की परिस्थितियों में स्पिनरों से 20 ओवर से अधिक स्पिन गेंदबाजी नहीं करा सकते हैं."
डोएशे ने कहा कि खराब दौर का हालांकि वाशिंगटन की मानसिकता पर कोई असर नहीं पड़ रहा है. भारतीय टीम ने यहां वैकल्पिक नेट सत्र में हिस्सा लिया, जिसमें यशस्वी जायसवाल, नितीश कुमार रेड्डी, वाशिंगटन और तिलक वर्मा ने दूधिया रोशनी में पसीना बहाया.
इस सत्र में मौजूद खिलाड़ियों का ध्यान बाए हाथ के तेज गेंदबाजों और स्पिनरों के खिलाफ अपने कौशल को निखारने पर था. भारतीय बल्लेबाजों को हाल के दिनों में बायें हाथ के गेंदबाजों के खिलाफ काफी संघर्ष करना पड़ा है जिसमें दक्षिण अफ्रीका के मार्को यानसन, नांद्रे बर्गर और केशव महाराज ने कई मौकों पर उन्हें मुश्किल में डाला है.
शुक्रवार शाम को प्रैक्टिस में नितीश, वाशिंगटन और तिलक को नेट्स पर देखा गया. इन तीन ऑलराउंडर में से कोई एक निचले मध्य क्रम (5-7) में एक स्थान लेने के लिए दौड़ में हैं. ऑलराउंडरों पर भारत की निर्भरता के हो रही बहस के बीच डोशेट ने कहा है कि इसमें कोई संदेह नहीं कि ऑलराउंडर टीम के लिए अच्छा काम कर रहे हैं.
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