Temba Bavuma creates history: जैसी उम्मीद थी, शनिवार को WTC Final के चौथे दिन वैसा ही हुआ. कोई चमत्कार नहीं हुआ! दक्षिण अफ्रीका ने गत चैंपियन कंगारुओं के गुरूर को चूर करते हुए उसे फाइनल मुकाबले के चौथे दिन 5 विकेट से खोकर पहली बार किसी भी फॉर्मेट में विश्व चैंपियन बनने का गौरव हासिल कर लिया. दो राय नहीं कि इस खिताबी जीत में कप्तान टेंबा बवुमा (Temba Babuma) को वह हासिल हुआ, जो टेस्ट इतिहास के पिछले करीब 100 साल में बमुश्किल ही किसी कप्तान को हासिल हुआ है. टेंबा की सबसे जरूरत के मौके पर 66 रन की पारी और प्लेयर ऑफ द मैच मार्करम के साथ उनकी तीसरे विकेट के लिए 147 रन की साझेदारी जीत का बड़ा आधार साबित हुई. लेकिन इससे इतर बवुमा के नाम पर वह कारनामा दर्ज हो गया, जिसे इतिहास से दिग्गज से दिग्गज कप्तान अपने नाम दर्ज नहीं करा सके. यह बवुमा की कप्तानी में उनका सिर्फ दसवां ही टेस्ट था. और बवुमा बतौर कप्तान करियर के शुरुआती दस में से 9 टेस्ट जीतने वाले पिछले सौ साल में पहले कप्तान बन गए.
पर्सी चैपमैन से बेहतर निकले बवुमा
बवुमा के अलावा अपनी कप्तानी में शुरुआती 10 में से 9 टेस्ट मैच जिताने वाले एक और कप्तान इंग्लैंड के पर्सी चैपमैन थे. उन्होंने साल 1926-31 के बीच यह कारनामा किया था, लेकिन बवुमा और चैपमैन के बीच बड़ा अंतर यह रहा कि शुरुआती दस मैचों में बवुमा को एक ही हार का मुंह नहीं देखना पड़ा. हालांकि, एक मैच ड्रॉ जरूर छूटा, लेकिन पर्सी चैपमैन को बतौर कप्तान शुरुआती दस टेस्ट मैचों में एक हार झेलनी पड़ी थी.
बल्ले से रहा तूफानी प्रदर्शन
टेंबा बवुमा ने अपनी कप्तानी में दस टेस्ट मैचों में बल्ले से भी खासा तूफानी प्रदर्शन किया. उन्होंने इन मैचों में 56.93 के औसत से 911 रन बनाए. इसमें उनके तीन शतक शामिल रहे. यह बतात है कि कप्तान बनने के बाद उनके प्रदर्शन में भी खासा गजब का सुधार हुआ है.
श्रीलंका टीम सबसे ज्यादा रास आई
दस टेस्ट मैचों में बवुमा का सबसे अच्छा प्रदर्शन श्रीलंका के खिलाफ रहा. उन्होंने खेले 2 मैचों में श्रीलंका के खिलाफ 81.75 के औसत से सबसे ज्यादा 327 रन बनाए, तो वहीं दस में से 7 टेस्ट मैच बवुमा ने अपने ही देश में खेले. और इन सात मैचों में दक्षिण अफ्रीकी कप्तान ने 64.00 के औसत से 74 रन बनाए.