Rohit Sharma big Statement on his retirement: भारत के कप्तान रोहित शर्मा ने अपने रिटायरमेंट के प्लान को लेकर बड़ा खुलासा किया है. रोहित ने FITTR के यू-ट्यूब चैनल पर इंटरनेशनल क्रिकेट से रिटायरमेंट वाले सवाल पर रिएक्ट किया है. रोहित ने सीधे तौर पर कहा है कि वो अभी इंटरनेशनल क्रिकेट से अलग होने की बात नहीं सोच रहे हैं. रोहित शर्मा ने कहा, " नहीं, मैं रिटायरमेंट के बारे में नहीं सोच रहा हूं और मेरे T20I से रिटायर होने का सिर्फ़ एक ही कारण है, क्योंकि मैंने अपना टी-20 में अपने करियर का शानदार समय बिताया है, मुझे इस फ़ॉर्मेट में खेलने में मज़ा आया, 2024 टी20 वर्ल्ड कप जीता, मेरे लिए T20I से आगे बढ़ने का यह सबसे अच्छा मौका था क्योंकि बहुत सारे अच्छे खिलाड़ी हैं जो भारत के लिए टी-20 में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं, उन खिलाड़ियों को अब आगे आना है."
मुंबई में अपने शुरुआती दिनों को लेकर भी बोले रोहित
कप्तान रोहित शर्मा ने अपने शुरुआती दिनों को लेकर भी बात की और कहा कि वो जब शुरुआती समय में क्रिकेट खेलते थे तो ट्रेन में 2 घंटे की यात्रा करके ग्राउंड तक पहुंचते थे. रोहित ने इस बारे में कहा, "मुंबई में, अगर आप एक क्रिकेटर बनना चाहते हैं, तो आपको यात्रा करनी होगी, ट्रेन में 2 घंटे की यात्रा, 5 से 6 घंटे खेलना और फिर वापस आना - आपको नहीं पता कि आपको भारतीय टीम में मौका मिलेगा या नहीं, लेकिन मुझे इसका मज़ा आया और उस कड़ी मेहनत ने मुझे मज़बूत बनाया. यही वो चीज़ है जिसके कारण आज जो मैं बन पाया हूं. आज जो मैं मुश्किल फैसले कर पा रहा हूं यह सब उसी के बदौलत है.
दिमाग के फिटनेस को बताया ज्यादा अहम
FITTR के यू-ट्यूब चैनल पर बात करते हुए हिट मैन ने फिटनेस को लेकर बात की और कहा कि. आपको हर तरह से ट्रेनिंग के लिए तैयार रहना होता है. रोहित ने कहा, " 17-18 साल खेलने के बाद और अब भारत के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट में लगभग 500 मैच खेल चुका हूं. 500 मैच बहुत से क्रिकेटरों ने नहीं खेले हैं. विश्व स्तर पर केवल कुछ ही खिलाड़ी ऐसा कर पाते हैं. इसलिए इस लंबे करियर के लिए दिनचर्या, फिटनेस, दिमाग और खेलने के तरीके, खुद को ट्रेनिंग करने, हर खेल के लिए तैयार होने के तरीके के बारे में आपको लगातार सोचना होता है. इसपर वर्क करनी होती है. अपने आप पर मेहनत करनी होती है."
कप्तान रोहित ने आगे कहा, " मैंने ऐसे लोगों को देखा है जो दुबले-पतले और सिक्स पैक वाले हैं, लेकिन फिर भी वे चोटिल हो जाते हैं.. लेकिन ऐसा होने का कोई खास कारण नहीं है, लेकिन ऐसा बस होता है. चोट लगने के लिए आपको बदकिस्मत होना पड़ता है. इसलिए कभी-कभी आपके करियर में ऐसा होता है. मेरा मानना है कि सब कुछ दिमाग में होता है, मैं एक ऐसा व्यक्ति हूं जिसके पास बहुत आत्मविश्वास है क्योंकि मुझे पता है कि जब मुझे जरूरत होगी तो मैं अपने दिमाग को कंट्रोल कर सकता हूं. अगर आप अपने शरीर को बताते हैं कि आप युवा हैं, आप यह कर सकते हैं, आप वह कर सकते हैं, तो निश्चित रूप से आप कर सकते हैं. मैं अभी भी तीनों फॉर्मेंट में आसानी से खेल सकता हूं. इसीलिए मैं कहता हूं कि फिटनेस आपके दिमाग में है, आप अपने दिमाग को कैसे ट्रेन करते हैं."