Ind vs Eng: "हमारे पास किसी भी...", तीसरे टेस्ट में जीत के बाद कप्तान रोहित शर्मा के इस बयान ने मचाई खलबली

Rohit Sharma Press Conference: भारत ने इंग्लैंड को तीसरे टेस्ट में रिकॉर्ड 434 रनों से हराकर सीरीज में 2-1 से बढ़त हासिल कर ली है.

Advertisement
Read Time: 2 mins
R

Ind vs Eng: टीम इंडिया की ऐतिहासिक जीत पर रोहित शर्मा एंड टीम अब चौथे मुकाबले को लेकर रणनीति बना रही होगी लेकिन इससे पहले टीम इंडिया ने रविवार को सपाट ट्रैक पर इंग्लैंड पर रिकॉर्ड 434 रन की जीत के बाद कप्तान रोहित शर्मा ने रैंक टर्नर सहित किसी भी सतह पर गेम जीतने की भारतीय टीम की क्षमता पर जोर दिया. भारत ने इंग्लैंड के सामने 557 रन का लक्ष्य रखा जबकि खेल में चार से अधिक सत्र बाकी थे. हालाँकि, मेहमान टीम ने 40 ओवर के अंदर 122 रन बनाकर भारत को श्रृंखला में 2-1 की बढ़त दिला दी.

पिच को लेकर रोहित ने कहा 

रोहित कहा, ''हमने पहले भी ऐसे विकेटों पर कई मैच जीते हैं. टर्निंग ट्रैक और पिचों पर जहां गेंद घूमती है, ये हमारी ताकत बनी हुई है. यह हमें संतुलन देता है,'' रोहित ने यहां मीडिया से कहा. “हमने कई वर्षों तक रिजल्ट दिए हैं और हमें भविष्य में भी रिजल्ट मिलेंगे. लेकिन कुछ चीजों पर हमारा नियंत्रण नहीं है. हम इस बात पर चर्चा नहीं करते हैं कि हमें रैंक टर्नर चाहिए या नहीं. हम मैच से दो दिन पहले यहां जगह पर आते हैं और दो दिनों में हम कितना कुछ कर सकते हैं? “क्यूरेटर निर्णय लेते हैं और पिच बनाते हैं.

हमारे पास किसी भी विकेट पर खेलने और उस पर जीत हासिल करने की ताकत है.' जब हमने दक्षिण अफ्रीका में केपटाउन में टेस्ट जीता तो हर कोई जानता है कि यह किस तरह का विकेट था.' रोहित ने कहा कि भारतीय टीम ने पहले तीन टेस्ट मैचों में देखी गई सभी परिस्थितियों से निपटने का रास्ता खोज लिया है. “हमने जो पिछले तीन टेस्ट खेले, उनमें अलग-अलग चुनौतियाँ थीं. पहले टेस्ट (हैदराबाद) में गेंद घूम रही थी और पिच धीमी थी. विजाग में, यह (रखते हुए) कम था. जैसे-जैसे खेल आगे बढ़ा, विकेट धीमा होता गया. यहां पहले तीन दिन अच्छा खेला.

Advertisement

“हमने देखा कि गेंद टर्न कर रही थी और नीची थी. यह पिचों का स्वभाव है, हमें भारत में इस तरह की पिचें मिलती हैं. लेकिन अगर हमें रैंक टर्नर मिलते हैं, तो हम उन पर भी खेलेंगे,

Advertisement
Featured Video Of The Day
Supreme Court On Jail | देश की जेलों के अंदर भी जातिवाद का ज़हर फैला | Khabron Ki Khabar