- आकाश चोपड़ा ने कहा कि विराट और रोहित को वनडे क्रिकेट के बजाय टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेना चाहिए था
- चौधरी ने वनडे मैचों की घटती संख्या को संन्यास के पीछे मुख्य कारण बताया और अभ्यास के अभाव की चिंता जताई
- उन्होंने बताया कि भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी से पहले बीते 12 महीनों में केवल छह वनडे मैच खेले हैं, जो कम है
Aakash chopra on Rohit & virat retirement: पूर्व दिग्गज विराट कोहली (Virat kohli) और रोहित शर्मा (Rohit Sharma) के वनडे से संन्यास की खबरों के बीच पूर्व ओपनर आकाश चोपड़ा ने कहा है कि दोनों भारतीय दिग्गजों ने गलत फॉर्मेट से संन्यास लिया है. और इन दोनों को टेस्ट क्रिकेट के बजाय वनडे फॉर्मेट को अलविदा कहना चाहिए था. इसके पीछे की वजह चोपड़ा ने हालिया सालों में वनडे क्रिकेट मैचों की घटती संख्या को बताया, जिसमें अविश्सनीय रूप से कटौती देखने को मिली है. कुछ दिन पहले ही शुभमन गिल के इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज 2-2 से बराबर कराने के बाद से ही ऐसी खबरें आनी शुरू हो गईं कि रोहित और विराट जल्द ही वनडे क्रिकेट को भी अलविदा कह सकते हैं, तो वहीं बीसीसीआई के सूत्रों से भी यह सामने आया कि बोर्ड जल्द ही इन दोनों के बारे में फैसला लेगा.
चोपड़ा ने अपने यू-ट्यूब चैनल पर कहा, 'सच यह है कि दोनों ने गलत फॉर्मेट को अलविदा कहा है. इन्होंने टी20 विश्व कप के बाद इस फॉर्मेट से संन्यास लिया थी. लेकिन अगर ये दोनों टेस्ट खेलना जारी रखते और वनडे को अलविदा कहते, तो कहानी पूरी तरह से अलग होती.'
चोपड़ा ने कहा, 'यहां इस बात की संभावना है कि आप साल भर में केवल छह ही टेस्ट मैच खेल सकते हैं. लेकिन अगर यह सिर्फ 6 ही टेस्ट है, तो आप तीस दिन क्रिकेट खेल सकते हैं. वहीं, अगर आप छह ही वनडे खेलते हैं, तो इतने ही दिन खेलते हैं.' भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी से पहले 12 महीने में सिर्फ 6 ही वनडे मैच खेले हैं. पूर्व ओपनर ने कहा, 'पिछले आईपीएल से लेकर अगला वनडे खेलने के बीच सौ से ज्यादा दिन का समय होगा. आप बिल्कुल भी नहीं खेल रहे हैं. आप बिल्कुल भी अभ्यास नहीं कर रहे हैं.' आकाश ने इस ओर भी इशारा किया कि इन दिनों वनडे सीरीज के बीच बहुत ही ज्यादा समय अंतराल है. वास्तव में यह अविश्वसनीय रूप से बहुत ही ज्यादा है. और ऐसे में किसी भी खिलाड़ी के लिए फॉर्म, फिटनेस, समर्पण, आहार आदि बातों को बरकरार रखना बहुत ही मुश्किल होता है
उन्होंने कहा, 'तीन मैचों की सीरीज सात या आठ दिन में खत्म हो जाती है. इसके बाद अगली सीरीज का नंबर तीन महीने बाद आता है. यह समय अंतराल अविश्वसनीय रूप से बहुत ही ज्यादा है. और आप इस बीच फर्स्ट क्लास क्रिकेट भी नहीं खेलते.यह सच है कि अगर वह टेस्ट क्रिकेट खेलना जारी रखते और वनडे से संन्यास लेते है, तो यह दोनों के लिए खुद की लय बरकरार रखने में बहुत ही मदद करता'